सहजन की खेती के बारे में विस्तार से बताएं
- भागीरथ मेहर,
मो. : 9754551323
16 मई 2023, भोपाल । सहजन की खेती के बारे में विस्तार से बताएं –
समाधान– सहजन या मुनगा की खेती के लिए गर्म और नमीयुक्त जलवायु और फूल खिलने के लिए सूखा मौसम सटीक है। इसकी किस्में – रोहित-1, कोयम्बटूर-2, पीकेएम-21 है।
सीधा पौधारोपण– अगर सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध हो तो पूरे साल पेड़ को सीधे लगाया और बढ़ाया जा सकता है। सबसे पहले पौध रोपण के लिए एक गड्ढा तैयार करें, पानी डालें और पौधरोपण से पहले कम्पोस्ट या खाद से मिश्रित मिट्टी को गड्ढे में डाल दें। शुरूआत के कुछ दिनों तक ज्यादा पानी नहीं दें। अगर पौधा गिरता है तो उसे एक 40 सेमी छड़ी के सहारे बांध दें।
कलम (कटिंग) से विकास या बढ़त– कलम लगाने के लिए हरी लकड़ी को छोडक़र कठोर लकड़ी लें। कलम की लंबाई 45 से.मी. से 1.5 एमएम लंबा और 10 से.मी. मोटा होना चाहिए। कलम को सीधे लगाया जा सकता है या फिर नर्सरी में थैले में लगाया जा सकता है।
पौधों के बीच की दूरी तीन मीटर हो और लाइन के बीच की दूरी भी तीन मीटर होनी चाहिए। आमतौर पर मुनगा का पेड़ बिना ज्यादा उर्वरक के ही अच्छी तरह से तैयार हो जाता है। फली को तभी तोड़ लिया जाना चाहिए जब वो कच्चा (करीब एक से.मी. मोटा) हो और आसानी से टूट जाता हो। पुरानी फली (जब तक पकना शुरू न हो जाए) का बाहरी भाग कड़ा हो जाता है लेकिन सफेद बीज और उसका गूदा खाने लायक रहता है। पौध रोपण के लिए बीज या तेल निकालने के मकसद से फली को पूरी तरह तक सूखने देना चाहिए जब तक कि वो भूरा न हो जाए। इसकी पैदावार प्रति हेक्टेयर 50 से 55 टन हो सकती है।
महत्वपूर्ण खबर: 20 मई तक होगी कपास खरीदी