किसानों की सफलता की कहानी (Farmer Success Story)

बागवानी ने उतारा कर्ज का बोझ, जीवन में आई बहार 

  • (दिलीप  दसौंधी, मंडलेश्वर)

1 जनवरी 2023, बागवानी ने उतारा कर्ज का बोझ, जीवन में आई बहार  – यदि किसी कार्य को जुनून के तौर पर किया जाए, तो सफलता अवश्य मिलती है। खरगोन जिले के ग्राम रजुर के उन्नत युवा कृषक श्री रामचंद्र पाटीदार (42) ने बागवानी के क्षेत्र में सफल किसान बनकर इसे साबित किया है। इन्होंने अपने 8 एकड़ के खेत में अमरुद का बगीचा लगाया है। अंतरवर्तीय फसल में खरीफ में मूंग/उड़द की फसल लेते हैं, वहीं अभी 8 एकड़ में अदरक की फसल ले रहे हैं। अमरुद के इस बगीचे ने कोरोना काल में हुए करीब 60 लाख के नुकसान से हुए कर्ज के बोझ से मुक्ति दिलाई है। यह क्षेत्र के किसानों के लिए प्रेरणास्रोत बने हुए हैं। इस वर्ष गणतंत्र दिवस पर जिला प्रशासन द्वारा उन्नत किसान के रूप में सम्मानित भी किया है।

अमरूद का बगीचा

श्री रामचंद्र पाटीदार ने कृषक जगत को बताया कि वे प्राकृतिक खेती करते हैं। 2018 में अमरुद किस्म वीएनआर बीह के 1200 पौधे साढ़े तीन एकड़ में और 2020 में थाइवान पिंक किस्म के 1800 पौधे चार एकड़ में लगाए थे। अमरुद के पौधे रायपुर से 180 रु की दर से घर पहुंचे थे। अमरुद के बीच की जगह में अंतरवर्तीय फसल में खरीफ में मूंग/उड़द की फसल लेते हैं। इस साल पूरे 8 एकड़ में अदरक लगाई है। मई -जून में हल्दी लगाने का विचार है। श्री पाटीदार ने कहा कि वीएनआर किस्म के 2400 पौधे बूटी पद्धति से स्वयं तैयार किए। श्री पाटीदार ने कहा कि वीएनआर बीह किस्म की पहली बहार 18 माह बाद आई जो साढ़े नौ लाख में बिकी, दूसरी बहार 21 लाख में बिकी। लेकिन बाद में कोरोना में लॉक डाउन लगने से नुकसान हुआ और दो साल में फसल के पीछे करीब 60 लाख का कजऱ् हो गया। लेकिन अगले साल की  फसलों से 73  लाख रुपए प्राप्त हुए और कजऱ् से मुक्ति मिल गई। इस वर्ष शुगर फ्री वीएनआर बीह का 300 क्विंटल और  मीठा थाइवान पिंक का 400 क्विंटल माल दिल्ली और गुजरात में 2500 से 3600 रु प्रति क्विंटल की दर से बेचा।

सागौन के पेड़

पर्यावरण प्रेमी श्री पाटीदार ने अपने खेत की पूरी सीमा पर 450 सागवान के पेड़ लगाए हैं, जो करीब 20-25 फ़ीट ऊँचे हो गए हैं। इसके अलावा इन्होंने खेत में जाने के लिए 12 फीट का जो रास्ता रखा है, उसके दोनों ओर करीब 5 माह पूर्व 100 नारियल के पौधे भी लगाए हैं। श्री पाटीदार का मानना है कि गौ आधारित प्राकृतिक खेती से कम खर्च में बेहतर उत्पादन लिया जा सकता है।  एक निजी कम्पनी द्वारा भी मार्च माह में कृषि मंत्री श्री कमल पटेल के हाथों कर्मण्यता अवॉर्ड प्रदान किया गया। हाल ही में 14 दिसंबर को मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने खरगोन प्रवास के दौरान जिन दो किसानों से मुलाकात की उनमें श्री रामचंद्र पाटीदार के अलावा बिस्टान के श्री अविनाश दांगी  शामिल थे।

महत्वपूर्ण खबर: कृभको के किसान समृद्धि केन्द्र पर किसानों को मिलेंगी सुविधाएं

Advertisements

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *