Editorial (संपादकीय)

चुनावी साल में किसानों को साधने की कोशिश

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म.प्र. बजट- 2018-19

 खेती पर सारा दारोमदार

(विशेष प्रतिनिधि)
भोपाल। म.प्र. में चुनावी साल को देखते हुए वित्त मंत्री श्री जयंत मलैया ने वर्ष 2018-19 के बजट में किसानों को साधने की कोशिश कर कृषि को 37 हजार 498 करोड़ रु. दिये हैं। हालांकि उन्होंने विधानसभा में कुल 2,04,642 करोड़ का बजट पेश किया इसमें सबसे बड़ा हिस्सा किसानों के लिए है, जो वर्ष 2017-18 से लगभग 17 फीसदी अधिक है। कृषि क्षेत्र पर अधिक खर्च करने की रणनीति बनाकर चुनावी बिसात बिछाई गई है, क्योंकि इसमें मुख्यमंत्री की लोकलुभावन घोषणाओं को तवज्जो दी गई है। यह मुख्यमंत्री के तीसरे कार्यकाल का अंतिम बजट है। बजट में कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों के लिए 37,498 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है, जो पिछले साल की तुलना में तकरीबन 17 फीसदी ज्यादा है। सिंचाई के लिए 10,928 करोड़ रुपए की घोषणा की गई। किसानों की आय दोगुनी करने के एजेंडे पर चलते हुए सरकार ने उद्यानिकी के लिए 1,158 करोड़ रुपए, पशुपालन के लिए 1,038 करोड़ रुपए तथा मछली पालन के लिए 91 करोड़ रुपए आवंटित करने के प्रस्ताव दिए हैं।
पिछले साल गेहूं और इस साल धान बेच चुके नौ लाख से ज्यादा किसानों को 200 रुपए प्रति क्विंटल प्रोत्साहन (बोनस) दिया जाएगा, वहीं इस साल गेहूं बेचने वाले किसानों को 265 रुपए प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य से अतिरिक्त दिए जाएंगे यानी किसानों का गेहूं दो हजार रुपए क्विंटल की दर से खरीदा जाएगा। इसके लिए बजट में 3 हजार 650 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। फसल बीमा के लिए भी अलग से दो हजार करोड़ रुपए रखे गए हैं।
खरीफ 2017 के फसल बीमा में भी 20 लाख से ज्यादा किसानों को लगभग आठ हजार करोड़ रुपए वितरित होंगे। वहीं, सहकारी बैंकों के 17 लाख 75 हजार से ज्यादा डिफाल्टर किसानों को ब्याज माफी देने के लिए नई योजना की घोषणा बजट में की गई है। ों को उपज का उचत भाव दिलाने के लिए भावांतर भुगतान योजना रबी और उद्यानिकी फसलों के लिए भी जारी रखने का ऐलान वित्तमंत्री ने अपने बजट भाषण में किया।
प्रदेश में दो हजार कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना की जाएगी और यंत्रीकरण को बढ़ावा देकर तीन किलोवॉट प्रति हेक्टेयर फार्म पॉवर उपयोग करने का लक्ष्य रखा गया है।

बजट में सभी वर्गों के कल्याण का रखा ध्यान
प्रदेश का बजट ऐतिहासिक और जनता के कल्याण का बजट है। यह बजट सभी वर्गों के कल्याण को ध्यान में रखते हुये, विशेषकर महिला सशक्तिकरण, रोजगार, किसान, गरीब, नौजवान और बच्चों का बजट है। पहली बार बजट दो लाख करोड़ रूपये से अधिक की राशि पार कर गया है।
– शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री, म.प्र.
यह सरकार की विदाई का बजट
भाजपा सरकार के तीसरे कार्यकाल के अंतिम बजट से यह तय हो गया है कि अब इस सरकार की विदाई तय है। जनता बार-बार यह सुनकर अब आक्रोशित हो गई है कि यह सरकार अपने पाप और असफलताओं को छिपाने के लिये कब तक 2003 का सहारा लेगी।
– अजय सिंह, नेता प्रतिपक्ष

कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र-37498 करोड़

  • मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना के लिये रू. 3,650 करेाड़।
  • प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना योजना रू. 2,000 करोड़ ।
  • मुख्यमंत्री भावांतर भुगतान योजना रू. 1,000 करेाड़।
  • राष्ट्रीय कृषि विकास योजना रू. 418 करोड़ ।
  • राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन हेतु रू. 382 करोड़ का।
  • राष्ट्रीय कृषि विस्तार योजना अंतर्गत रू. 123 करोड़।
  • सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर एक्सटेशन (आत्मा) तथा सब मिशन ऑन सीड एण्ड मटेरियल योजना के लिये क्रमश: रू. 65 करोड़ तथा रू 58 करोड़।
  • ट्रैक्टर एवं कृषि उपकरण पर अनुदान (एस.एम.ए.एम) योजना के लिये रू. 51 करोड़।

पशुपालन -1038 करोड़

  • पशुपालन विभाग गहन पशु विकास परियोजना के लिये रू. 210 करोड़।
  • राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अंतर्गत रू. 79 करोड़।
  • डेयरी संचालन विकास और विस्तार गतिविधियां योजना रू. 21 करोड़।
  • राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना रू. 18 करोड़।

 मछुआ कल्याण-91.89 करोड़

  • मछुआ कल्याण विभाग अंतर्गत नील क्रांति योजना हेतु रू. 15 करोड़।
  • मत्स्य बीज उत्पादन योजना रू . 14 करोड़ ।

 उद्यानिकी-1158 करोड़

  • प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना में माईक्रो इरिगेशन योजना रू. 300 करोड़ ।
  • उद्यानिकी भावान्तर भुगतान योजना के लिये रू. 250 करोड़।
  • राष्ट्रीय कृषि विकास योजना हेतु रू. 92 करोड़।
  • राष्ट्रीय उद्यानिकी मिशन योजना के लिये रू. 63 करोड़।
  • फसल बीमा योजना के लिये रू. 51 करोड़ ।

सिंचाई सुविधा- 10928 करोड़

  • सिंचाई परियोजनाओं में पूंजीगत मद में रू. 9006 करोड़।
  • नर्मदा पार्वती लिंक परियोजना रू. 300 करोड़ ।
  • नर्मदा बेसिन कम्पनी लिमिटेड का निवेश योजना रू. 300 करोड़।
  • नर्मदा क्षिप्रा लिंक बहुउद्देश्यीय परियोजना रू. 275 करोड़।
  • नर्मदा घाटी विकास विभाग रू. 3,245 करोड़।
 वर्ष 2018 – 19 का बजट अनुमान – विभागवार (राशि करोड़ रु. में)
विभाग  बजट अनुमान 
किसान कल्याण तथा कृषि विकास 9,278.95
सहकारिता 1,627.71
पंचायत 5,193.93
जल संसाधन 7,030.07
पशुपालन 1,038.83
मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास 91.89
ग्रामीण विकास 18,164.91
उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण 1,158.06
ऊर्जा विभाग 17,797.91

पंचायत एवं ग्रामीण विकास – 18165 करोड़

  • प्रधानमंत्री आवास योजना के लिये रू . 6,600 करोड़।
  • प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत रू. 2,500 करोड़।
  • निर्मल भारत अभियान योजना के लिये रू. 2,234 करोड़ ।
  • राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना रू. 2,000 करोड़।
  • मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम योजना रू. 1,100 करोड़।
  • राष्ट्रीय ग्रामीण अजीविका मिशन योजना रू. 633 करोड़ ।
  • प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत निर्मित सड़कों का निवीनीकरण एवं उन्नयन योजना रू. 622.50 करोड़।
  • मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना योजना के लिये रू. 500 करोड़ ।
  • मुख्यमंत्री ग्राम सड़क एवं अवसंरचना योजना के लिये रू. 330 करोड़ ।
  • प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (वाटरशेड विकास) के लिये रू 285 करोड़।
  • राज्य ग्रामीण सड़़क कनेक्टीविटी योजना के लिये रू. 200 करोड़।

 सहकारिता-1627 करोड़

  • सहकारी बैंकों के माध्यम से कृषकों को अल्पकालीन ऋण पर ब्याज अनुदान हेतु रू. 633 करोड़।
  • मुख्यमंत्री ऋण समाधान योजना रू. 350 करोड़।
  • प्राकृतिक आपदा से प्रभावित कृषकों के अल्पकालीन ऋण का मध्यकालीन ऋण में परिवर्तन पर ब्याज अनुदान योजनान्तर्गत रू. 233 करोड़।
  • एकीकृत सहकारी विकास परियोजना रू. 65 करोड़।

ऊर्जा -17797 करोड़

  • नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग रू. 274 करोड़।
  • टैरिफ अनुदान हेतु रू. 6,025 करोड़।
  • विद्युत वितरण कंपनियों को उदय योजना के तहत अनुदान योजना रू. 4,622 करोड़।
  • म.प्र.वि.मं. द्वारा 5 एच.पी. के कृषि पम्पों/येशरों तथा एक बत्ती कनेक्शन को नि:शुल्क विद्युत प्रदाय हेतु, योजना रू. 3,187 करोड़ ।

वानिकी एवं पर्यावरण-2687 करोड़

  • समग्र बांस विकास योजना (बांस मिशन) रू. 200 करोड़।
  • वन अधोसंरचना का सुदृढ़ीकरण के लिये रू. 51 करोड़।
  • नर्मदा नदी के किनारे वन भूमि पर वृक्षारोपण रू. 15 करोड़।
  • पर्यावरण विभाग हेतु रू. 61 करोड़।
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