Editorial (संपादकीय)

रिलायंस फाउण्डेशन की किसानों को सलाह

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  • गेहूं की खड़ी फसल में चूहे अत्याधिक नुकसान करते हैं चूहा नियंत्रण के लिए जहरीला चारा (चुग्गा) बनाना चाहिए। इसमें 1 भाग जिंक फास्फाइड, सरसों/मीठा तेल 1 भाग और 4 प्रतिशत भाग दाना (दरदरा) के अनुपात में सूखा मिलाएं अथवा बेरियम कार्बोनेट 100 ग्राम को 860 ग्राम गेहूं के आटा में 15 ग्राम शक्कर तथा 25 ग्राम सरसों/मीठा तेल में मिलाकर तैयार करें। तैयार जहरीला चुग्गा का उपयोग शाम के समय पहचान किए गए जीवित चूहों के बिलों के पास कागज/पॉलीथिन में रखें। जिसको चूहे रात में निकल कर खाते हैं और इस तरह चूहों के द्वारा फसल में होने वाले नुकसान को नियंत्रित किया जा सकता है।
  • चना फसल फली की अवस्था में चने की इल्ली के द्वारा नुकसान किया जाता है अत: इस कीट के नियंत्रण के लिए क्विनालफॉस 25 ई.सी. 1 लीटर या प्रोफेनोफॉस 50 ई.सी. 1 लीटर कीटनाशक का 500 से 600 लीटर साफ पानी के साथ घोल बनाकर प्रति हेक्टर छिड़काव करें।
  • ग्रीष्मकालीन मंूग फसल में सफेद मक्खी एवं रसचूसक कीटों के प्रकोप की संभावना है, इनके द्वारा पीला मोजेक वाइरस फैलता है। नियंत्रण के लिए इथोफेनप्रोक्स 10 ईसी एक लीटर दवा (25 से 30 मिली प्रति पम्प) 500 लीटर पानी के साथ मिला के प्रति हेक्टर मे छिड़काव करें।
  • गेहूँ कटाई के बाद बचे हुए ठूंठों (नरवाई) को खेत में न जलाएं। जलाने से खेत में उपस्थित लाभदायक जीवाणु नष्ट हो जाते हैं साथ ही खेत में उपलब्ध लाभदायक सूक्ष्म जीवाणु एवं मित्र कीट नष्ट होते है, जिससे खेत की उपजाऊ शक्ति में कमी आती है।
  • गेहूँ की फसल को कम्बाइन हार्वेस्टर से कटाई के बाद, फसल के ठूंठ या अवशेषों का ट्रैक्टर चालित भूसा बनाने वाली मशीन (स्ट्रारीपर) से भूसा बना सकते है। स्ट्रारीपर से भूसा बनाने के बाद खेत में ट्रैक्टर चालित रोटावेटर से जुताई करने से फसल अवशेष बारीक हो कर मिट्टी में मिल जाते हैं, जिससे फसल अवशेष खेत में सड़कर खाद का काम करेगी।
  • रबी फसलों की कटाई के बाद अप्रैल माह में खाली खेत की गहरी जुताई तीन साल में एक बार जरूर करनी चाहिए।

उद्यानिकी
टमाटर, आलू, बैंगन, भिंडी, सेव, बरबटी, लहसुन, प्याज की फसलों में रसचूसक कीट (माहू, चेपा, सफेद मक्खी इत्यादि) पत्तियों/कोमल तनों में चिपककर रस चूसते हैं एवं विषाणु जनित रोगों भी फैलाते हैं। इन रसचूसक कीट के नियंत्रण के लिए इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एसएल 180 मिली या थायोमिथाक्सम 25 डब्लूजी 100 ग्राम या एसिटामिप्रिड 20 एस.पी. 2 कि.ग्रा. प्रति हे. की दर से 600 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।

पशुपालन

पशुओं के लिए हरे चारे की मई-जून माह में उपलब्धता हेतु ज्वार या मक्का चरी की बुआई करें।
अधिक जानकारी के लिए सुबह 9:30 से शाम 7:30 के मध्य टोल फ्री नं 18004198800 पर संपर्क करें।

कृषि, पशुपालन, मौसम, स्वास्थ, शिक्षा आदि की जानकारी के लिए जियो चैट डाउनलोड करें-डाउनलोड करने की प्रक्रिया:-

  • गूगल प्ले स्टोर से जियो चैट एप का चयन करें और इंस्टॉल बटन दबाएं।
  • जियो चैट को इंस्टॉल करने के बाद, ओपन बटन दबाएं।
  • उसके बाद चैनल बटन पर क्लिक करें और चैनल Information Services MP का चयन करें।
  • या आप नीचे के QR Code को स्कैन कर, सीधे Information Services MP चैनल का चयन कर सकते हैं।

 

 

टोल फ्री नं. 18004198800 पर
संपर्क करें सुबह 9.30 से शाम 7.30 बजे तक

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