Editorial (संपादकीय)

गेहूं खरीदी के लिए पंजीयन प्रारंभ

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गेहूं बेचने के लिए किसानों का पंजीयन 28 फरवरी तक चलेगा

भोपाल। सरकारी खरीदी केन्द्रों पर गेहूं बेचने के लिए किसानों का पंजीयन प्रारंभ हो गया है। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए किसान को इस बार वह तीन तारीखें भी बतानी होगी, जिनमें अनाज लेकर वह खरीदी केन्द्र पर आएगा। इसके साथ ही संभावित मात्रा की जानकारी भी देनी होगी। 1 से 28 फरवरी तक पंजीयन होगा। पहले से ई-उपार्जन पोर्टल पर दर्ज किसानों को भी नए सिरे से पंजीयन कराना होगा। इस बार 1925 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से गेहूं खरीदा जाएगा।

प्रदेश में गेहूं का रकबा इस बार लगभग 20 लाख हेक्टेयर बढ़कर 80 लाख हेक्टेयर हो गया है।

गत वर्ष यह 60 लाख हेक्टेयर था। उत्पादन भी बंपर होने की संभावना है। इसे देखते हुए 100 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा गेहूं खरीदी की तैयारी की जा रही है। हालांकि, गोदाम पहले से ही भरे होने की वजह से सरकार ने लगभग 30 लाख मीट्रिक टन क्षमता के ओपन केप बनाकर भंडारण की व्यवस्था बनाने की रणनीति बनाई है। खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि ई-उपार्जन पोर्टल पर पहले से पंजीकृत किसानों को पोर्टल पर जाकर अपने रिकॉर्ड में उपज बेचने की तीन संभावित तारीख और विक्रय की मात्रा की जानकारी दर्ज करनी होगी। नये किसानों को बैंक खाता, मोबाइल नम्बर, खेती का रकबा बताना होगा। किसान के रकबे की पुष्टि राजस्व विभाग द्वारा गिरदावरी एप में दर्ज रिकॉर्ड से होगी। इसको लेकर किसान यदि आपत्ति उठाता है तो उसका निराकरण राजस्व विभाग से संपर्क करके करना होगा। संतुष्ट होने के बाद ही पंजीयन प्रक्रिया पूरी होगी।

धान का भुगतान अटका –

प्रदेश में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का काम बंद हो गया है, लेकिन अभी भी उपार्जन केन्द्रों में सात लाख मीट्रिक टन से ज्यादा धान रखा हुआ है। इसका उठाव नहीं होने की वजह से किसानों का भुगतान भी अटका हुआ है। इस बार चार लाख 28 हजार से ज्यादा किसानों से 25 लाख 42 हजार मीट्रिक टन से अधिक धान खरीदी गयी है। 2200 करोड़ रुपए से ज्यादा का भुगतान किसानों को किया जा चुका है। प्रदेश में 20 जनवरी तक धान की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 966 केन्द्रों पर खरीदी की गई। इस दौरान 25 लाख 42 हजार 166 मीट्रिक टन धान खरीदी गयी।

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