संपादकीय (Editorial)

गर्मी में टमाटर को रोगों से बचायें

पन्ना। कृषि विज्ञान केन्द्र, पन्ना के डॉ. बी.एस. किरार, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख एवं डॉ. आर.के. जायसवाल, वैज्ञानिक, डी.पी. सिंह, रितेश बागौरा ने किसानों को सलाह दी है कि तेज धूप से टमाटर के ऊपर पानी सोखने जैसा निशान पड़ता है और पके फल में पीलापन हो जाता है। इस समस्या के बचाव हेतु टमाटर की ऐसी किस्मों का चयन करेें जिनकी बढ़वार अधिक हो तथा पत्तियाँ आलू की पत्तियों की तरह चौड़ी हों। टमाटर के साथ अंतरवर्तीय फसल के रूप मे मक्का एवं ढैंचा लगायें जो टमाटर को छाया कर फलों को तेज धूप से बचा सके। दूसरी समस्या टमाटर के फल का अंतिम छोर सडऩा (ब्लाज्म इण्डराट) से फल के हरे रहने पर ही उसके निचले सिरे पर धब्बे पडऩे लगते हैं तथा बीच में पानी सोखने जैसा निशान बन जाता है अंत में फलों में सडऩ शुरू हो जाती है। खेत में नमी का उचित स्तर बनाये रखें तथा पौधों को सहारा दें और 0.5 प्रतिशत कैल्शियम क्लोराइड का छिड़काव फल बनते समय करें। इसी प्रकार तापमान अधिक होने पर टमाटर के फल फट जाते हंै और सिंचाई अंतराल अधिक होना तथा बोरेन पोषक तत्व की कमी के कारण फल फट जाते हंै। इसके लिये प्रतिरोधी किस्मों का चयन करें तथा सिंचाईयों का अंतराल कम करें और बोरेन 0.3 से 0.4 प्रतिशत का पहला छिड़काव नर्सरी अवस्था में ही करें और दूसरा छिड़काव रोपाई के 3-4 सप्ताह के बाद करें तथा फसल लगाने से पहले 4-6 कि.ग्रा. बोरेक्स (सुहागा) प्रति एकड़ की दर से खेत में मिला दें।

Advertisements

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *