संपादकीय (Editorial)

हवन के धुएं से होता है रोगाणुओं का नाश

हवन के धुएं से होता है रोगाणुओं का नाश

हवन वातावरण को प्रदूषण मुक्त बनाने के साथ ही अच्छी सेहत के लिए जरूरी है।

  • हवन के धुएं से प्राण में संजीवनी शक्ति का संचार होता है।
  • हवन के माध्यम से बीमारियों से छुटकारा पाने का जिक्र ऋग्वेद में भी है।
  • हवन के लिए पवित्रता की जरूरत होती है ताकि सेहत के साथ उसकी आध्यात्मिक शुद्धता भी बनी रहे।
  • हवन करने से पूर्व स्वच्छता का ख्याल रखें।
  • हवन के लिए आम की लकड़ी, बेल, नीम, पलाश का पौधा, कलीगंज, देवदार की जड़, गूलर की छाल और पत्ती, पीपल की छाल और तना, बेर, आम की पत्ती और तना, चंदन की लकड़ी, तिल, जामुन की कोमल पत्ती, अश्वगंधा की जड़, तमाल यानि कपूर, लौंग, चावल, ब्राम्ही, मुलैठी की जड़, बहेड़ा का फल और हर्रे तथा घी, शक्कर जौ, तिल, गुगल, लोभान, इलायची एवं अन्य वनस्पतियों का बूरा उपयोगी होता है।
  • हवन के लिए गाय के गोबर से बनी छोटी-छोटी कटोरियां या उपले घी में डूबो कर डाले जाते हैं।
  • हवन के साथ कोई मंत्र का जाप करने से सकारात्मक ध्वनि तरंगित होती है, शरीर में ऊर्जा का संचार होता है, अत: कोई भी मंत्र सुविधानुसार बोला जा सकता है।
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