Editorial (संपादकीय)

कृषि क्षेत्र में उद्यमिता विकास की संभावनाएं

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  • डॉ. अभिलाषा शर्मा , डॉ. के.एन पाठक
  • डॉ. राजकुमार धाकड़  , डॉ. नेहा सिंह किरार
    आरएके कृषि महाविद्यालय, सीहोर

8 नवंबर 2021, कृषि क्षेत्र में उद्यमिता विकास की संभावनाएं – आज हम बात करेंगे कृषि क्षेत्र में उद्यमिता की संभावनाओं की तो सबसे पहले हम यह समझेंगे कि उद्यमिता क्या है, उद्यमिता का अर्थ होता है कोई भी आर्थिक क्रिया, जिनसे हम कोई उत्पादन करते हैं और उससे फिर हम लाभ को प्राप्त करते हैं सामान्यता उद्यमिता में एक नवाचार होता है कोई नई चीज हम अपने व्यवसाय में लेकर आते हैं तब हम उसे एक अच्छा सफल उद्यम कहते हैं।

वर्तमान समय में जिस तरह आत्मनिर्भर भारत की बात हो रही है तो यहां यह बहुत आवश्यक है कि कृषि और उससे जुड़े हुए क्षेत्रों में भी उद्यम की संभावनाओं को पहचाना जाए और उद्यमिता विकास पर महत्व दिया जाए।

आज हम आपको कृषि क्षेत्र में कुछ ऐसे उद्यमों के बारे में जानकारी देना चाहेंगे जिन्हें आप बहुत कम लागत एवं प्रशिक्षण, अनुदान और ऋण के माध्यम से स्थापित कर सकते हैं।
इसमें सबसे पहला उद्यम नर्सरी द्वारा पौध तैयार करके उसका विपणन करना किसान भाईयों के पास खेत में जो भी छायादार स्थान है वहां पर वह फलदार पौधे और फूलों के पौधे तैयार करके उनका विक्रय कर सकते हैं पहले किसान भाई उनको छोटे स्तर पर प्रारंभ करें बाद में धीरे-धीरे अपने व्यवसाय को बढ़ाएं इसमें आपको अतिरिक्त रूप से कोई काम नहीं करना है जो काम आप खेती में करते हैं उन्हीं के साथ में आप पौध भी तैयार कर सकते हैं इसके लिए आपको किसी विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता भी नहीं है।

दूसरा उद्यम पॉलीहाउस द्वारा बेमौसमी फल-सब्जियों को तैयार करके उनका विपणन करना आजकल ज्यादातर सभी सब्जियों की प्रत्येक मौसम में मांग होती है तो वह पूर्ति आप कर सकते हैं आप मार्केट बाजार में बेच सकते हैं या सीधे ग्राहकों से संपर्क करके भी उन तक पहुंचा सकते हैं।

साथ ही किसान भाई प्रसंस्करण का कार्य भी प्रारंभ कर सकते हैं जैसा कि हम लोग जानते हैं जब हम मार्केट से आलू के चिप्स खरीदते हैं, आजकल आलू का पाउडर भी बहुत ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है, टमाटर सॉस खरीदते हैं जेम जेली वगैरा खरीदते हैं तो बहुत ज्यादा कीमत में वह हमें मिलते हैं, इसके विपरीत किसान को अपनी उपज का आलू, टमाटर, प्याज इत्यादि का सही बाजार भाव नहीं मिल पाता हैं, अगर कोई किसान भाई मसाले की खेती करते हैं जैसे हल्दी वगैरह की तो उसका प्रसंस्करण करके वह स्वयं बेच सकते हैं जो किसान भाई औषधि फसलें लगाते हैं तो उनका प्रसंस्करण करके मार्केट में बेच सकते हैं तो यह कार्य उनके लिए ज्यादा लाभदायक हो सकता है।

किसान सोयाबीन का भी उत्पादन करते हैं सोयाबीन का पोषण महत्व ज्यादा होने के कारण आजकल सोयाबीन का दूध प्रयोग में किया जाने लगा है सोयाबीन की बड़ी, सोयाबीन पनीर टोफू की भी वर्तमान में बाजार में बहुत मांग बढ़ गई है तो इसके लिए भी किसान भाई स्वयं अपने घर पर मशीन लगाकर इसका निर्माण प्रारंभ करें और एक उचित विपणन व्यवस्था बनाकर आप एक सफल उद्यम की तरह इसे स्थापित कर सकते हैं

ठीक इसी तरह से आज कल बाजार में ऑर्गेनिक फूड की भी बहुत मांग है जो किसान स्वयं भी जैविक तरीके से फल सब्जियों का उत्पादन कर उनका विक्रय करें और इसके विक्रय के लिए आप जो मॉल है वहां पर आप संपर्क कर सकते हैं अपना एक अलग से बेचने की व्यवस्था मार्केट में आप कर सकते हैं। इसी तरह किसान भाई मशरूम उत्पादन को भी एक अच्छे उद्यम की तरह स्थापित कर सकते हैं मशरूम का भी पोषण महत्व बहुत ज्यादा होने से आजकल लोग इसका प्रयोग अपने भोजन में नियमित रूप से कर रहे हैं जिससे बाजार में इसकी भी मांग काफी बढ़ गई है इसे उत्पादन करने के लिए बहुत अधिक स्थान की आवश्यकता नहीं होती है आपके पास एक छोटे कमरे बराबर जगह है वहां पर आप आराम से मशरूम का उत्पादन कर सकते हैं।

वर्तमान समय में मधुमक्खी पालन को भी बहुत कम लागत में एक अच्छे उद्यम की तरह स्थापित किया जा सकता है मधुमक्खियों से मिलने वाले शहद का प्रयोग दवाइयों के निर्माण में किया जाता है साथ ही साथ शुद्ध शहद की मांग हमेशा बनी होती है इसके अतिरिक्त जो अन्य उप उत्पाद प्राप्त होते हैं उनका भी विक्रय करके आप लाभ प्राप्त कर सकते हैं

आजकल वर्मी कंपोस्ट का प्रयोग भी बहुत ज्यादा प्रचलन में है खेतों में तो इसका प्रयोग किया ही जाता है साथ ही साथ जो लोग किचन गार्डनिंग करते हैं या जो लोग तरस गार्डनिंग करते हैं उन्हें भी हमेशा इसकी आवश्यकता होती है तो किसान भाई अगर चाहे वर्मी कंपोस्ट की यूनिट अपने यहां पर तैयार करवा लें जिसके लिए सरकार की तरफ से उन्हें अनुदान प्राप्त हो जाएगा उसके बाद वह आवश्यकतानुसार खाद तैयार करके स्वयं भी प्रयोग करें और साथ ही जैसे जिसकी आवश्यकता है वैसे छोटे-बड़े पैकेट में आप इन्हें लोगों को उपलब्ध करा सकते हैं अगर किसी को सिर्फ एक पौधे के लिए आवश्यकता है तो वह भी आपसे संपर्क कर सकता है या जिन्हें बहुत मात्रा में आवश्यकता है वह भी आपसे संपर्क कर सकता है इस तरह से यह भी आपके लिए एक बहुत लाभदायक उद्यम का काम कर सकता है का क्षेत्र हो सकता है

इसके अतिरिक्त किसान भाई मछली पालन, मुर्गी पालन, बकरी पालन, डेयरी, बीज प्रसंस्करण और कृषि में कार्य आने वाले आदान से संबंधित व्यापार को भी प्रारंभ कर सकते हैं। इन सभी उद्यम में एक बात और अच्छी है कि जो हमारी कृषक महिलाएं भी सक्रिय रूप से इस में भाग ले सकती हैं महिलाएं उद्यमिता के क्षेत्र में काफी पीछे होती है क्योंकि उनके पास घर बाहर के कार्यों से समय निकालना मुश्किल होता है या बाहर जाने से भी वह पीछे हटती है जिससे वह उद्यमिता में आगे नहीं बढ़ पाती लेकिन यह जितने भी उद्यम है इसमें महिलाएं अपने घर पर रहकर ही सारे व्यवसाय को कर सकती है सिर्फ समय -समय पर प्रशिक्षण प्राप्त कर लें। अब हम बात करें कि इन सभी उद्यमों को प्रारंभ करने के लिए आपको सरकार की तरफ से ऋण की सुविधा भी प्रदान की जाती है विभिन्न योजनाएं हैं जिनका लाभ उठाकर आप अपने इन कार्यों के लिए ऋण प्राप्त कर सकते हैं कृषि विभाग, उद्यानिकी विभाग, पशुपालन विभाग, मुर्गी पालनविभाग के अतिरिक्त सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्योग (एम एस एम ई) के द्वारा ऋण की सुविधा प्रदान की जाती है।

प्रशिक्षण के लिए आप कृषि विभाग, उद्यानिकी विभाग ,पशुपालन विभाग और कृषि विज्ञान केंद्रों एवं कृषि महाविद्यालयों के वैज्ञानिकों द्वारा समय-समय पर आवश्यकता अनुसार प्राप्त कर सकते हैं
अंत में कृषि क्षेत्र में उद्यमिता की संभावनाएं बहुत सारी हैं आवश्यकता है इन अबसरों को पहचान कर उन्हें एक सफल उद्यम के रूप में स्थापित करने की।

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