फसल की खेती (Crop Cultivation)

राजस्थान में मशरूम उत्पादन तकनीक पर प्रशिक्षण

15 जनवरी 2023,  जयपुर । राजस्थान में मशरूम उत्पादन तकनीक पर प्रशिक्षण –  राजस्थान कृषि अनुसंधान संस्थान, दुर्गापुरा में आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के शुभारम्भ अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ. बलराज सिंह, कुलपति, श्री कर्ण नरेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय, जोबनेर ने अपने उदबोधन में कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में कृषि से आय बढाने व कुपोषण की समस्याओं से निजात दिलाने के लिए द्वितीयक कृषि व्यवसाय जैसे मशरूम, मधुमक्खी पालन आदि की महत्वपूर्ण भूमिका है।

उन्होंने कहा कि हमारे युवा यदि इन कार्यों से जुड़ें तो वे न केवल अच्छी आय प्राप्त कर सकते हैं, अपितु व रोजगार के अवसर पैदा कर देश को बेरोजगारी की समस्या से निजात दिलवा सकते है। उन्होंने कृषि से जुड़ें वैज्ञानिकों का भी आहवान किया कि वर्तमान में परम्परागत खेती के साथ-साथ किसानों के लिए खेती में नवीन तकनीकियों को सम्मलित कर उनकी आय बढ़ाने में मदद करें, जिससे कृषि के उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा मिले और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्राप्त हो सके। उन्होंने विश्व मोटा अनाज वर्ष के अवसर पर मोटे अनाज के उत्पादन एवं उपयोग पर भी बल दिया। इस अवसर पर राजस्थान के अग्रणी मशरूम उत्पादक श्री मोटाराम शर्मा ने प्रतिभागियों का आहवान किया कि प्रशिक्षण के दौरान दिए गये ज्ञान को आत्मसात कर मशरूम की खेती को व्यवसायिक रूप से अपनावे जिससे कि कृषि में एक नया आयाम स्थापित हो सके।

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कार्यक्रम में राजस्थान कृषि अनुसंधान संस्थान, दुर्गापुरा के निदेशक डॉ. अर्जुन सिंह बलोदा ने कहा कि संस्थान कृषि उत्पादन को बढ़ाने हेतु नवीनतम प्रयोगों के साथ-साथ समसामयिक प्रशिक्षण आयोजित करता रहा है जिन्हें अपनाकर राज्य के कृषक लाभान्वित होते हैं। इस दौरान मशरूम तकनीकी प्रशिक्षण के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. प्रदीप सिंह शेखावत ने इस तीन दिवसीय कार्यक्रम की रूप रेखा एवं महत्व के बारे में विस्तार से अवगत करवाया।

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