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फसल की खेती (Crop Cultivation)

सोयाबीन में YMV/SMV वायरस का खतरा – नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान, इंदौर की सलाह

28 जुलाई 2025, नई दिल्ली: सोयाबीन में YMV/SMV वायरस का खतरा – नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान, इंदौर की सलाह – वाईएमवी (येलो मोज़ेक वायरस) और एसएमवी (सोयाबीन मोज़ेक वायरस) सोयाबीन की फसल के लिए गंभीर खतरा बन चुके हैं, जो खासकर फसल के प्रारंभिक और मध्य चरण में उपज को बुरी तरह प्रभावित करते हैं। इन वायरसों का मुख्य वाहक सफेद मक्खी है, जो साथ ही स्टेम फ्लाई जैसे कीटों को भी आमंत्रित करती है।

इन्हीं समस्याओं के नियंत्रण हेतु ICAR – राष्ट्रीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान, इंदौर ने किसानों के लिए एक व्यापक सलाह जारी की है।

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YMV/SMV नियंत्रण के लिए प्रमुख सुझाव:

  1. संक्रमित पौधों को उखाड़कर नष्ट करें
    • जिन पौधों या पत्तियों में YMV या SMV के लक्षण दिखाई दें, उन्हें तुरंत उखाड़कर खेत से बाहर कर नष्ट कर देना चाहिए, ताकि रोग का प्रसार रोका जा सके।
  2. अनुशंसित कीटनाशकों का छिड़काव करें
    • रोगग्रस्त पौधों को हटाने के बाद सफेद मक्खी (virus वाहक) और स्टेम फ्लाई नियंत्रण के लिए निम्नलिखित प्रि-मिक्स कीटनाशकों में से किसी एक का छिड़काव करें:
      • थायमेथोक्साम + लैम्ब्डा-सायहलोथ्रिन @ 125 मिली/हेक्टेयर
      • बीटासायफ्लूथ्रिन + इमिडाक्लोप्रिड @ 350 मिली/हेक्टेयर
      • एसिटेमिप्रिड 25% + बिफेंथ्रिन 25% WG @ 250 ग्राम/हेक्टेयर
  3. पीले चिपचिपे ट्रैप लगाएं
    • खेत में पीले स्टिकी ट्रैप लगाएं ताकि सफेद मक्खियों को आकर्षित करके उनकी संख्या कम की जा सके और वायरस प्रसार को रोका जा सके।

यह सलाह क्यों जरूरी है?

सफेद मक्खियां सिर्फ वायरस फैलाने का काम नहीं करतीं, बल्कि पौधों को कमजोर भी करती हैं। वहीं स्टेम फ्लाई का लार्वा तने के अंदर जाकर नुकसान करता है, जिससे पौधा मुरझा सकता है।

राष्ट्रीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान, इंदौर द्वारा दी गई यह सलाह वाईएमवी, एसएमवी और स्टेम फ्लाई के प्रभाव को कम करने में सहायक है। यदि किसान समय पर निगरानी, पौधों की सफाई और सही कीटनाशक का उपयोग करें, तो सोयाबीन फसल को बचाया जा सकता है और अधिक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।

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