फसल की खेती (Crop Cultivation)

सल्फोसल्फ्यूरॉन: गेहूं में एक ही छिड़काव में खरपतवारों से छुटकारा

30 नवंबर 2024, भोपाल: सल्फोसल्फ्यूरॉन: गेहूं में एक ही छिड़काव में खरपतवारों से छुटकारा – खरपतवारों का प्रबंधन गेहूं की फसल में उपज बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। संकरी और चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार, अगर समय पर नियंत्रित न किए जाएं, तो वे फसल की वृद्धि को प्रभावित कर सकते हैं। ऐसे में सल्फोसल्फ्यूरॉन एक प्रभावी विकल्प साबित होता है, जो इन खरपतवारों के नियंत्रण में मदद करता है। यह एक उन्नत शाकनाशी है, जिसे एक ही छिड़काव से संकरी और चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों को नष्ट किया जा सकता है। आईसीएआर- भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान, करनाल द्वारा सुझाए गए इस उपाय से किसानों को खरपतवारों से छुटकारा पाने में आसानी होगी, जिससे गेहूं की फसल को बेहतर विकास और उच्च गुणवत्ता मिलेगी।

संकरी और चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों का प्रबंधन

गेहूं की फसल में संकरी और चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों का प्रभावी प्रबंधन बेहद जरूरी है। संकरी पत्ती वाले खरपतवारों को नियंत्रित करने के लिए क्लोडिनाफॉप 15 डब्ल्यूपी का 160 ग्राम प्रति एकड़ या पिनोक्साडेन 5 ईसी का 400 मिली प्रति एकड़ छिड़काव करें।

वहीं, चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों के लिए 2,4-डी ई का 500 मिली प्रति एकड़, मेटसल्फ्यूरॉन 20 डब्ल्यूपी का 8 ग्राम प्रति एकड़ या कार्केट्राजोन 40 डीएफ का 20 ग्राम प्रति एकड़ उपयोग करें।

संकरी और चौड़ी पत्ती वाले दोनों खरपतवारों का प्रबंधन

यदि खेत में संकरी और चौड़ी पत्ती दोनों प्रकार के खरपतवार मौजूद हों, तो सल्फोसल्फ्यूरॉन 75 डब्ल्यूजी का 13.5 ग्राम प्रति एकड़ या सल्फोसल्फ्यूरॉन + मेटसल्फ्यूरॉन 80 डब्ल्यूजी का 16 ग्राम प्रति एकड़ का उपयोग करें। इसे 120-150 लीटर पानी में मिलाकर पहली सिंचाई से पहले या सिंचाई के 10-15 दिन बाद छिड़कें। इसके अतिरिक्त, विविध खरपतवारों के नियंत्रण के लिए मेसोसल्फ्यूरॉन + आयोडोसल्फ्यूरॉन 3.6% डब्ल्यूडीजी का 160 ग्राम प्रति एकड़ उपयोग किया जा सकता है।

फलारिस माइनर (कनकी गुल्ली डंडा) के लिए विशेष प्रबंधन

बहु खरपतवारनाशी प्रतिरोधी फलारिस माइनर (कनकी गुल्ली डंडा) के नियंत्रण के लिए बुवाई के 0-3 दिन बाद पायरोक्सासल्फोन 85 डब्ल्यूजी का 60 ग्राम प्रति एकड़ छिड़काव करें। यदि यह बुवाई के समय उपयोग नहीं किया गया हो, तो इसे पहली सिंचाई से 1-2 दिन पहले (20 दिन बाद) भी उपयोग किया जा सकता है। इसके अलावा, क्लोडिनाफॉप + मेट्रिब्यूजिन 12+42% डब्ल्यूपी का 200 ग्राम प्रति एकड़ उपयोग करें, जिसे पहली सिंचाई के 10-15 दिन बाद 120-150 लीटर पानी में मिलाकर छिड़कें।

शीघ्र बोई जाने वाली गेहूं की फसल के लिए प्रबंधन

शीघ्र बोई जाने वाली और उच्च उर्वरता वाली गेहूं की फसलों के लिए, क्लोरमेक्वेट क्लोराइड 50% एसएल का 0.2% और टेबुकोनाजोल 25.9% ईसी का 0.1% मिलाकर टैंक मिक्स तैयार करें और इसका छिड़काव प्रथम नोड अवस्था (50-55 डीएएस) में करें। यह प्रक्रिया 160 लीटर प्रति एकड़ पानी के साथ पूरी करें।

शाकनाशी के उपयोग में सावधानियां

शाकनाशी का छिड़काव हमेशा साफ मौसम में करें। यह सुनिश्चित करें कि बारिश, कोहरा, या ओस की स्थिति न हो। छिड़काव के लिए सही समय और निर्धारित मात्रा का पालन करना आवश्यक है। खेत में खरपतवारों की पहचान और उनकी गंभीरता के अनुसार शाकनाशी का चयन करें। इन उपायों से फसल को खरपतवारों से बचाया जा सकता है और उपज में सुधार किया जा सकता है।

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