किसान भाई ध्यान दें- सरसों की खेती के लिए करें बेस्ट किस्मों के बीजों का चुनाव
16 अक्टूबर 2024, भोपाल: किसान भाई ध्यान दें- सरसों की खेती के लिए करें बेस्ट किस्मों के बीजों का चुनाव – देश के किसान भाई सरसों की खेती भी करते है लेकिन कई बार किसान ये भी शिकायत करते है कि बीज अच्छे नहीं मिलने के कारण फसल में नुकसान हुआ। इसलिए कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को यह सलाह दी है कि वे सरसों की खेती के लिए बेस्ट किस्मों की बीजों की ही चुनाव करें ताकि फायदा हो सकें।
यदि आप राई-सरसों का बेहतर उत्पादन चाहते हैं तो इसकी खेती के लिए बेस्ट किस्म के बीजों का चुनाव करें. ताकि आपका मुनाफा बढ़ जाएं। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के साथ ही डायरेक्टरेट ऑफ रैपसीड एंड मस्टर्ड रिसर्च ने मिलकर राई-सरसों की किस्मों का विकास किया है। इन किस्मों में विशेष रूप से देश के विभिन्न कृषि पारिस्थितिकी क्षेत्रों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है।
सरसों की ये किस्में उच्च तापमान, लवणता और अन्य जलवायु परिस्थितियों के प्रति सहनशील हैं। इसके साथ ही इन किस्मों में सरसों की फसल पर प्रभावित करने वाले रोग जैसे स्क्लेरोटिनिया स्टेम रोट, अल्टरनेरिया ब्लाइट, एफिड्स, सफेद रतुआ का प्रभाव भी कम रहता है।
एनआरसीडीआर-601
सरसों की इस किस्म को पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली और राजस्थान जैसे क्षेत्रों को ध्यान में रखकर विकसित किया है। जिसकी अनुमानित उपज 1939-2626 किग्रा/हेक्टेयर है। इस किस्म में विशेष गुण है जो रोग प्रतिरोधक होने के साथ ही उच्च तापमान और लवणता सहनशील है. इसमें तेल की मात्रा 38.7-41.6 फीसदी होती है।
एनआरसीडीआर-2
सरसों की इस किस्म की उपज 1951-2626 किग्रा/हेक्टेयर होता है. जिसमें तेल की मात्रा 36.5-42.5 प्रतिशत निकलती है। सरसों की यह किस्म उच्च तापमान, लवणता, सफ़ेद रतुआ, स्क्लेरोटिनिया स्टेम रोट, पाउडरी मिल्ड्यू और अल्टरनेरिया ब्लाइट जैसे रोगों के प्रति सहनशील है।
एनआरसीएचबी-506 हाइब्रिड
सरकारों की यह फसल विशेष रूप से उत्तर प्रदेश और राजस्थान के क्षेत्र को ध्यान में रखकर विकसित की गई है। जिससे 38.6-42.5 प्रतिशत तेल प्राप्त किया जा सकता है। सरसों की इस किस्म से 1550-2542 किग्रा/हेक्टेयर सरसों प्राप्त की जा सकती है।
एनआरसीवाईएस-05-02 (पीली सरसों)
सरसों की इस किस्म का विकास पूरे देश में अच्छी किस्म की सरसों के उत्पादन के लिए किया गया है। जिसके द्वारा 1239-1715 किग्रा/हेक्टेयर फसल प्राप्त की जा सकती है। इस किस्म से 38.2-46.5 फीसदी तेल प्राप्त किया जा सकता है। इस किस्म से अच्छी ऊंचाई और ज्यादा तेल प्राप्त किया जा सकता है।
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