राज्य कृषि समाचार (State News)फसल की खेती (Crop Cultivation)

चारा फसल बरसीम, जई व लूर्सन की बुवाई करें  

24 दिसंबर 2024, सीहोर: चारा फसल बरसीम, जई व लूर्सन की बुवाई करें – वर्तमान मौसम में बरसीम की उन्नत किस्म जवाहर बरसीम -1, जवाहर बरसीम-5, बुंदेल बरसीम-3, बुंदेल बरसीम-2, वरदान में 80 से 100 टन हरा चारा प्रति हेक्टेयर मिलता है। जई की उन्नत किस्म जेओ-61, जेओ-03-91, जेओ – 5-7 केन्ट जई में 40 से 50 टन हरा चारा प्रति हेक्टेयर मिलता है। लूर्सन की उन्नत किस्म जेबी -5, आनंद लूर्सन-3 में 50 से 55 टन हरा चारा प्रति हेक्टेयर मिलता है।किसान दुधारू पशुओं के हरे चारे के लिए चारा फसलों की बुवाई करें।

वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक के अनुसार,  बरसीम की समय से बुवाई के लिए बीज दर 20 से 25 किलो प्रति हेक्टेयर एवं देर से बुवाई के लिए 35 किलो प्रति हेक्टेयर की दर से प्रयोग करें। खाद की मात्रा 20 किलो नाइट्रोजन, 80 किलो फास्फोरस, 40 किलो पोटाश प्रति हेक्टेयर प्रयोग करें। जई की बीज दर 60 से 70 किलो प्रति हेक्टेयर रखें। खाद की मात्रा 80 किलो नाइट्रोजन, 40 किलो स्फुर व 40 किलो पोटाश प्रति हेक्टेयर उपयोग करें। नाइट्रोजन की आधी मात्रा व स्फुर एवं पोटाश की पूरी मात्रा बुवाई के समय दें। शेष नत्रजन की आधी मात्रा पहली सिंचाई व दूसरी सिंचाई पर दें। लूर्सन की बुवाई के लिए छिड़काव विधि में बीज दर 12 से 15 किलो प्रति हेक्टेयर रखें। खाद की मात्रा 20 किलो नत्रजन, 80 किलो स्फुर व 40 किलो पोटाश प्रति हेक्टेयर की दर से प्रयोग करें।

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कृषि वैज्ञानिक के अनुसार फसल अवशेष प्रबंधन धान की कटाई के बाद गेहूं की बुवाई के लिए धान की नरवाई में आग न लगाएं , क्योंकि इससे सूक्ष्मजीव, मित्र कीट नष्ट हो जाते हैं एवं मृदा की जल धारण क्षमता व उर्वरा शक्ति में कमी आती है। धान की कटाई के समय कंबाइन हार्वेस्टर के साथ स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम या स्ट्रा रीपर का उपयोग करें। नरवाई प्रबंधन के लिए रोटावेटर चला कर सीड ड्रिल से बुवाई करें। धान के खेत में बिना हकाई जुताई किए सीधे जीरो टिलेज सीड ड्रिल मशीन से बुवाई करें। नरवाई युक्त खेत में हैप्पी सीडर मशीन या सुपर सीडर मशीन का उपयोग कर रबी फसल की बुवाई करें।

अनुदान की पात्रता हैप्पी सीडर मशीन की लागत 1.65 लाख से 2.25 लाख तक है, जबकि सुपर सीडर की 2 लाख से 3.15 लाख रुपए तक है। हैप्पी सीडर पर लघु सीमांत, महिला, अजा एवं अजजा किसानों को 50% (अधिकतम राशि 79 हजार रुपए) का अनुदान एवं सुपर सीडर पर 50% (अधिकतम राशि 1.05 लाख रुपए) का अनुदान देय है। हैप्पी सीडर पर अन्य वर्ग के किसानों को 40% (अधिकतम 62 हजार) व सुपर सीडर पर 40% (अधिकतम 84 हजार रुपए) अनुदान का प्रावधान है।

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