फसल की खेती (Crop Cultivation)

कपास में मुख्य कीट प्रकोप की चौकसी (स्काउंटिंग) व आर्थिक हानि स्तर

15 जुलाई 2024, भोपाल: कपास में मुख्य कीट प्रकोप की चौकसी (स्काउंटिंग) व आर्थिक हानि स्तर – मुख्य कीटों की विभिन्न अवस्था जैसे अण्डे, इल्ली, शंखी व प्रौढ़ वयस्क की पहचान, हानि का समय, हानि का तरीका/प्रकार की जानकारी, जीवन चक्र के आधार पर चौकसी, सर्वेक्षण व आर्थिक हानि स्तर के आधार पर उपयुक्त कीट नियंत्रण प्रणाली अपनाएं। यह बी.टी. कपास के युग में भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि पूर्व में आई.पी.एम., आई. आर.एम. के युग में था। जैसे कि भूमि की उर्वराशक्ति में कमी या रबी में भूमि में विषाक्त रसायन का रिसाव भूमि के माइक्रोफ्लोरा-छोटे-सूक्ष्म जीवों व प्राकृतिक कीट व्याधि को नियंत्रण में रखने वाले मित्रकीटों- जीवों-पक्षियों इत्यादि पर विपरीत प्रभाव आदि, क्योंकि इनके दूरगामी परिणाम होंगे।

कपास की चौकसी-स्काउंटिंग, सर्वे-सर्वेक्षण

कपास में कीट व्याधि का प्रकोप सीमित रहे उसके लिए सुरक्षात्मक उपायों ( याने बचाव के उपाय जिसका वर्णन दिया जा चुका है ) के साथ ही चौकसी (स्काउटिंग) याने समय-समय पर फसल पर कीट व्याधियों का निरीक्षण प्रणाली को अपनाना अब आवश्यक हो गया है। इसे इस प्रकार से अपनाएँ।
इस कार्य को करने हेतु मुख्य कीट की पहचान-मिलान, उसके अण्डे, इल्ली, निम्फ-शिशु, शंखी-कोष, वयस्क-प्रौढ़ से करने हेतु व साथ में मित्र कीट-परजीवी-परभक्षी आदि को पहचानना भी उतना ही आवश्यक है। हानिकारक कीट व मित्र कीट की पहचान ऐसे कृषक भी कर सकते हैं जिन्हें लिखना-पढऩा नहीं आता है।

Advertisement
Advertisement

चौकसी कार्य कैसे करें?

चौकसी हेतु अंकुरण के 45 दिन बाद में चौरस खेत में एक कोने से दूसरे कोने तक चौकड़ी- ‘डायगोनलÓ जैसा चित्र में बताया गया है उन कतारों में करीब 24 पौधे जो एक-दूसरों से थोड़ी दूरी पर हो उस पर हरी इल्ली (हिलियोथिस), चित्तीदार इल्ली, गुलाबी इल्ली व साथ में प्रोडोनिया के अण्डे, इल्ली, प्रकोषित कोपलें, पात्ती-कली-फूल का निरीक्षण पहचान करके गिनती रखें, उस हेतु एक छोटी सी डायरी का उपयोग करें। डेण्डू छेदक इल्लियों के लिए हफ्ते में दो बार निरीक्षण आवश्यक होगा। रसचूसक कीटों हेतु हफ्ते में एक दिन निरीक्षण करें। यह कार्य खेत में आड़ा-तिरछा घूम कर संभव है। फेरोमेन ट्रेप व प्रकाश प्रपंच का उपयोग भी डेण्डू छेदक इल्लियों की चौकसी में उपयोगी पाया गया है। साधारणत: प्रति हेक्टेयर में 8 ट्रेप लगाए जाते हैं। प्रत्येक प्रजाति के कीट के लिए अलग-अलग फेरोमेन ट्रेप/ल्यूअर लगाने होते हैं। साधारणत: ट्रेप में 10 नर वयस्क आने पर कीट नियंत्रण उपाय आरंभ करें। ‘ल्यूअरÓ 40-45 दिन में बदलने होते हैं।

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

Advertisement8
Advertisement

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

Advertisement8
Advertisement

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisements
Advertisement5
Advertisement