पशु संक्रामक रोगों की रोकथाम के लिए नई पहल: जैव विविधता और आर्थिक हानि पर केंद्रित कार्यशाला का शुभारंभ
29 अगस्त 2024, नई दिल्ली: पशु संक्रामक रोगों की रोकथाम के लिए नई पहल: जैव विविधता और आर्थिक हानि पर केंद्रित कार्यशाला का शुभारंभ – नई दिल्ली में आयोजित तीन दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन पशुपालन आयुक्त डॉ. अभिजीत मित्रा द्वारा किया गया, जिसमें पशु संक्रामक रोगों की प्राथमिकता को लेकर गहन चर्चा हुई। इस कार्यशाला का आयोजन संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) के सहयोग से किया गया, जिसमें डॉ. मित्रा ने आर्थिक हानि और जैव विविधता के नुकसान को प्रमुख मानदंडों के रूप में शामिल करने पर जोर दिया।
डॉ. मित्रा ने कहा कि संक्रामक रोगों के कारण होने वाली आर्थिक हानि को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि इन रोगों के आर्थिक प्रभाव, जैसे उत्पादकता में कमी और उपचार की लागत, न केवल कृषि क्षेत्र बल्कि देश की अर्थव्यवस्था पर भी गहरा असर डालते हैं।
कार्यशाला में विशेषज्ञों ने प्रमुख पशु संक्रामक रोगों का मानचित्रण और प्राथमिकता निर्धारण किया। अगले दो दिनों में, रोगों की गंभीरता और उनके आर्थिक एवं स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों के आधार पर उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी। इस पहल का उद्देश्य देश में एक मजबूत और टिकाऊ पशु स्वास्थ्य प्रणाली विकसित करना है, जो जैव विविधता और आर्थिक स्थिरता को समान रूप से ध्यान में रखे।
कार्यशाला में DADH, ICAR, राज्य पशु चिकित्सा विश्वविद्यालयों और FAO इंडिया जैसे विभिन्न संगठनों के विशेषज्ञों ने भाग लिया। इस आयोजन का मुख्य लक्ष्य पशु संक्रामक रोगों की पहचान और उनके नियंत्रण के लिए प्रभावी रणनीतियों का विकास करना है, जिससे भारत में पशुधन की सुरक्षा और स्वास्थ्य को बढ़ावा मिल सके।
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