Crop Cultivation (फसल की खेती)

पत्ती मोड़क, सफेद मक्खी, थ्रिप्स से बचाएँ सब्जियों को

Share

पत्ती मोड़क, सफेद मक्खी , थ्रिप्स से बचाएँ सब्जियों को – कृषि विज्ञान केन्द्र टीकमगढ़ के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. बी. एस. किरार, वैज्ञानिक डॉ. एस. के. सिंह, डॉ. यू. एस. धाकड़ एवं वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी मेहष जैन, व उमाषंकर यादव, बी.टी.एम. विकास खण्ड जतारा विगत दिवस ग्राम बल्देवपुरा, करमौरा, मॉची में कृषकों के खेत में लगी सब्जी फसल का अवलोकन किया। कृषक श्री कल्ला कुषवाहा, नीरज कुषवाहा के खेत में सब्जी फसल के अतिरिक्त पोषण वाटिका लगी हैं स खरीफ मौसम में हल्दी, अदरक, गिल्की, अरबी, रतालू, करेला, भिण्डी, लौकी वैंगन व मिर्च कृषकों के प्रक्षेत्र पर लगायी गयी है स अगस्त में लगातार वर्षा होने के कारण सब्जी फसलों में रोग, कीट व्याधियों का प्रकोप निरंतर बढ़ा है। करेला, भिंडी, मिर्च, टमाटर की फसल में पत्ती मोड़क विषाणु रोग जो सफेद मक्खी व थ्रिप्स से फैलता है जिसके कारण फसल की पत्तियां उपर की तरफ मुड़ जाती हैं। पत्तियों का विकास एवं पौधों की वृद्धि रूक जाती है उसके नियंत्रण हेतु इमिडाक्लोरोपिड 0.5 एम.एल/ली. पानी का छिड़काव करें और उपरोक्त दवा के छिड़काव के 8 दिन पष्चात नीम आयल 5 एम.एल/ली. पानी की दर से पुनः छिड़काव कर रोग को नियंत्रित किया जा सकता है।

महत्वपूर्ण खबर : वैज्ञानिकों ने सोयाबीन फसल का डायग्नोस्टिक भ्रमण कर दी सलाह

बीज उपचार जरूर करें

साथ ही वैज्ञानिकों द्वारा यह भी सलाह दी गई कि किसी भी सब्जी फसल के बीज को बिना उपचारित किये हुए नर्सरी या रोपण न करे स बीज को फफॅूंदनाषक बाविस्टिन या वीीटावेक्स पावर या कार्बान्डाजिम 2.5 ग्राम प्रति कि.ग्रा. की दर से बीज उपचारित कर नर्सरी तैयार करें जब नर्सरी (पौधा) तैयार हो जाय और खेत में रोपण हेतु नर्सरी से पौधा उखाड़ने के पष्चात् 2 ग्राम कार्बान्डाजिम $ 0.5 एम.एल. थायोमेथाक्जाम या इमिडक्लोप्रिड प्रति ली. पानी का घोल बना लें और पौधा की जड़ को लगभग 30 मिनट तक डूबो कर रखे ण् तत्पश्चात् रोपण़ करंे जिससे बहुत सी जीवाणु विषाणु एवं फफूंद जनित रोगांें से बचाया जा सकता है। इसके साथ ही कन्द वाली फसले जैसे अदरक, हल्दी, आलू आदि के बीज (कन्द) को फफूॅंदनाषक मैंकोजेब 2.5 ग्राम/ली. पानी $ स्ट्रेप्टोसाइक्लिन 5 एम.एल. प्रति 20 ली. पानी के घोल में 30 मिनट तक डूबोकर रखे उसके पष्चात् छाया में 3-4 घंटे सुखने के पष्चात खेत में कन्दों का रोपण करें।

Share
Advertisements

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *