फसल की खेती (Crop Cultivation)

सोयाबीन के अलावा कोई अन्य फसल लगाएं

किसान भाईयों को सलाह

21 जुलाई 2022, इंदौर । सोयाबीन के अलावा कोई अन्य फसल लगाएं भारतीय सोयाबीन अनुसंधान, संस्थान, इंदौर ने सोयाबीन कृषकों के लिए उपयोगी सलाह दी है, जो इस प्रकार है –

(अ) उत्पादन की दृष्टि से सोयाबीन की बोवनी हेतु जुलाई माह के प्रथम सप्ताह तक का समय सबसे उपयुक्त होता है। जिन्होंने अभी तक बोवनी नहीं की है, उन्हें यह सलाह है कि सोयाबीन के अतिरिक्त आपके क्षेत्र के लिए अनुकूल कोई अन्य फसल लगाएं।

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(ब) सोयाबीन की खेती किए जाने वाले क्षेत्रों में इस वर्ष बोवनी की तिथियों में भिन्नता देखी गई है। कुछ क्षेत्रों में सोयाबीन की फसल 20-25 दिन, कुछ क्षेत्रों में 10-15 दिन की हुई है, जबकि कुछेक क्षेत्रों में इसकी बोवनी पिछले सप्ताह ही संपन्न हुई है। अत: उक्त परिस्थिति में सोयाबीन कृषकों के लिए निम्न कृषि कार्य अपनाने की सलाह है –

  • सोयाबीन में खरपतवार नियंत्रण के लिए वरीयता अनुसार हाथ से निंदाई/डोरा/ कुलपा/ खड़ी फसल में उपयोगी रसायनिक खरपतवारनाशक में से किसी एक विधि का प्रयोग करें। सोयाबीन फसल के लिए अनुशंसित खरपतवारनाशकों की सूची के लिए तालिका – देखें।
  • जिन कृषकों ने बोवनी पूर्व या बोवनी के तुरंत बाद उपयोगी खरपतवारनाशक का छिडक़ाव किया है, वे 30-20 दिन की फसल होने पर डोरा/कुलपा चलाएं।
  • बोवनी की तिथियों में भिन्नता होने से कीटों का प्रकोप भी अधिक समय तक रहने की आशंका है, अत: सुरक्षात्मक रूप से कीटनाशकों का छिडक़ाव करें। सलाह है कि पत्ती खाने वाले कीटों से सुरक्षा हेतु फूल आने से पहले ही सोयाबीन फसल में क्लोरइंट्रानिलिप्रोल 18.5 एससी (150 मिली/हे.) का छिडक़ाव करें। इससे अगले 30 दिनों तक पर्ण भक्षी कीटों से सुरक्षा मिलेगी।
  • जिन्होंने बोवनी पूर्व या बोवनी के तुरंत बाद उपयोगी खरपतवारनाशकों का अभी तक प्रयोग नहीं किया है, सलाह है कि अनुशंसित कीटनाशकों के साथ संगतता पाए जाने वाले वाले निम्न खरपतवारनाशक एवं कीटनाशकों में से किसी एक को मिलाकर छिडक़ाव करें।

कीटनाशक: क्लोरइंट्रानिलिप्रोल 18.5 एससी (150 मिली/हे.) या क्विनालफॉस 25 ईसी (1 ली./हे.) या इन्डोक्साकार्ब 15.8 एससी (333 मिली/हे.)।
खरपतवारनाशक: इमाज़ेथायपर 10 एसएल (1ली./हे.) या क्विजालोफॉप इथाइल 5 ईसी (1ली./हे.)।
कुछ क्षेत्रों में सोयाबीन फसल में तना मक्खी का प्रकोप होने के लक्षण देखे गए हैं। इसके नियंत्रण हेतु सलाह है कि थायोमिथोक्सम 12.60त्न+लैम्बडा सायहेलोथ्रिन 09.50त्न जेड.सी. (125 मिली/हे.) का छिडक़ाव करें।

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