कपास की खेती में सिंचाई के नए तरीके: पानी की बचत और फसल की वृद्धि
28 मई 2024, खरगोन: कपास की खेती में सिंचाई के नए तरीके: पानी की बचत और फसल की वृद्धि – सिंचाई का सही समय और विधि कपास की अच्छी उपज के लिए महत्वपूर्ण है। नई सिंचाई तकनीकों से पानी की बचत होती है और फसल की वृद्धि में सुधार होता है।
सिंचाई का सही समय और विधि कपास की अच्छी उपज के लिए महत्वपूर्ण है:
ड्रिप इरिगेशन (Drip Irrigation): इस विधि से पानी की बचत होती है और पौधों को आवश्यकतानुसार पानी मिलता है। ड्रिप इरिगेशन से जल उपयोग दक्षता बढ़ती है और पानी की कमी वाले क्षेत्रों में यह विधि विशेष रूप से उपयोगी है।
स्प्रिंकलर इरिगेशन (Sprinkler Irrigation): इस विधि से जल वितरण समान रूप से होता है और मिट्टी की सतह पर क्षरण कम होता है। स्प्रिंकलर इरिगेशन से पौधों की पत्तियों पर पानी की बूंदें गिरती हैं, जिससे फसल का स्वास्थ्य बेहतर होता है और रोगों का प्रकोप कम होता है।
सिंचाई के इन आधुनिक तरीकों से किसान अपनी फसल की गुणवत्ता और उपज में सुधार कर सकते हैं। साथ ही, जल संसाधनों की बचत कर सकते हैं, जिससे भविष्य में जल संकट से निपटने में मदद मिलती है।