फसल की खेती (Crop Cultivation)

Kharif MSP 2025: टॉप 3 फसलें जिनकी एमएसपी में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हुई

02 जून 2025, नई दिल्ली: Kharif MSP 2025: टॉप 3 फसलें जिनकी एमएसपी में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हुई – सेंट्रल कैबिनेट ने विपणन सत्र 2024-25 के लिए 14 खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि को मंजूरी दे दी है. इस बार जिन फसलों की एमएसपी में सबसे अधिक बढ़ोतरी दर्ज की गई है, वे मुख्य रूप से परंपरागत अनाज नहीं, बल्कि अपेक्षाकृत कम खरीदी जाने वाली फसलें हैं.

आइए जानते हैं वो टॉप 3 फसलें जिनकी एमएसपी में 2024-25 के मुकाबले सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हुई है:

1. रामतिल: ₹820 प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी

रामतिल (Nigerseed) की एमएसपी में इस साल सबसे बड़ी छलांग देखने को मिली है. सरकार ने इसके समर्थन मूल्य को ₹8717 से बढ़ाकर ₹9537 प्रति क्विंटल कर दिया है, यानी ₹820 प्रति क्विंटल की सीधी वृद्धि. यह 9.4% की बढ़ोतरी मानी जा रही है. रामतिल मुख्यतः आदिवासी इलाकों में उगाई जाती है और तेल निकालने के काम आती है.

रामतिल एक महत्वपूर्ण तिलहन फसल है और इसका उत्पादन बढ़ने से देश में खाद्य तेल की आत्मनिर्भरता बढ़ेगी.

फसल2013-142020-212021-222022-232023-242024-252025-26लागत KMS 2025-26लागत पर मार्जिन (%)
रामतिल3500669569307287773487179537635850

2. रागी: ₹596 प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी

पोषण-अनाज श्रेणी में शामिल रागी की एमएसपी को ₹4290 से बढ़ाकर ₹4886 प्रति क्विंटल कर दिया गया है. यह ₹596 की वृद्धि करीब 13.9% की है. रागी को सरकार श्री अन्न (श्री अन्न योजना के तहत) के रूप में बढ़ावा दे रही है और इसे गरीबों की पोषण सुरक्षा के एक विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है.

फसल2013-142020-212021-222022-232023-242024-252025-26लागत KMS 2025-26लागत पर मार्जिन (%)
रागी1500329533773578384642904886325750

3. कपास (मीडियम और लांग स्टेपल): ₹589 प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी

कपास की मीडियम और लांग स्टेपल किस्म की एमएसपी ₹7121 से बढ़कर ₹7710 कर दी गई है. यह ₹589 की वृद्धि लगभग 8.2% की है.

कपास, जो कई राज्यों का प्रमुख नकदी फसल है, उसकी एमएसपी में तीसरे नंबर की सबसे बड़ी बढ़ोतरी हुई है. बीते वर्षों में कपास उत्पादकों को उत्पादन लागत, कीट प्रकोप और बाजार मूल्य में गिरावट जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ा है. एमएसपी बढ़ाकर सरकार ने कीमत स्थिरता की ओर एक प्रयास किया है, लेकिन फसल की खरीद और वास्तविक बिक्री मूल्य के बीच का फासला अभी भी चिंता का विषय बना हुआ है.

फसल2013-142020-212021-222022-232023-242024-252025-26लागत KMS 2025-26लागत पर मार्जिन (%)
कपास मीडियम3700551557266080662071217710514050
लांग स्टेपल4000582560256380702075218110

बढ़ोतरी का कारण और सरकारी तर्क

सरकार का कहना है कि एमएसपी में यह वृद्धि वर्ष 2018-19 के केंद्रीय बजट की उस घोषणा के अनुरूप है, जिसमें किसानों को उनकी उत्पादन लागत पर कम से कम 50% मुनाफा सुनिश्चित करने की बात कही गई थी. कृषि मंत्रालय के अनुसार, इस साल बाजरा पर सबसे अधिक 63% का मार्जिन तय किया गया है, जबकि मक्का और अरहर पर 59% और उड़द पर 53%.

हालांकि, यह भी ध्यान देने योग्य है कि सबसे अधिक मूल्य वृद्धि उन फसलों में हुई है जिनका बड़े पैमाने पर सरकारी खरीद नहीं होती. वहीं, धान और गेहूं जैसी मुख्य खाद्यान्न फसलों की एमएसपी में अपेक्षाकृत कम बढ़ोतरी की गई है.

एमएसपी में इस साल की सबसे बड़ी बढ़ोतरी तीन ऐसी फसलों को मिली है जो या तो पोषण से जुड़ी हैं या तेल उत्पादन के लिए उपयोगी हैं. यह सरकार की उस रणनीति का हिस्सा है जिसमें वह दालों, तिलहनों और पोषक अनाज की खेती को बढ़ावा देना चाहती है. हालांकि यह देखना अभी बाकी है कि इन फसलों की वास्तविक खरीद कितनी होती है और इसका लाभ छोटे व सीमांत किसानों तक कितनी प्रभावी रूप में पहुंच पाता है.

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisements