फसल की खेती (Crop Cultivation)

टिंडी की पत्तियाँ अगर पड़ रही हैं पीली, तो हो जाएं सतर्क, जाने डाउनी मिल्ड्यू रोग का इलाज

27 जून 2025, नई दिल्ली: टिंडी की पत्तियाँ अगर पड़ रही हैं पीली, तो हो जाएं सतर्क, जाने डाउनी मिल्ड्यू रोग का इलाज – अगर आपकी टिंडी (राउण्ड गार्ड) की फसल की पत्तियाँ अचानक पीली पड़ने लगी हैं, तो यह किसी पोषक तत्व की कमी नहीं बल्कि एक फफूंद जनित रोग (Downy Mildew) का संकेत हो सकता है। यह रोग फसल की सेहत को तेजी से नुकसान पहुंचाता है और उपज पर सीधा असर डालता है।

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI), पूसा के विशेषज्ञों ने इस रोग की पहचान और इलाज से जुड़ी आसान और कारगर तकनीक साझा की है, जिससे किसान समय रहते फसल को बचा सकते हैं।

क्या है डाउनी मिल्ड्यू रोग?

डाउऩी मिल्ड्यू एक प्रकार की फफूंद (फंगल) बीमारी है, जो टिंडी की पत्तियों को पीला और कमजोर बना देती है। शुरुआत में पत्तियों की ऊपरी सतह पर हल्के पीले धब्बे दिखते हैं और नीचे की सतह पर भूरे या बैंगनी रंग का फफूंदनुमा जमाव नजर आता है। समय रहते इलाज न हो तो यह रोग पूरी फसल को चपेट में ले सकता है।

पूसा संस्थान की सलाह: रिडोमिल से करें बचाव

इस रोग पर नियंत्रण के लिए IARI पूसा के वैज्ञानिक रिडोमिल (Ridomil) दवा के प्रयोग की सलाह देते हैं।

छिड़काव विधि:

  • रिडोमिल की मात्रा: 300 ग्राम
  • पानी की मात्रा: 200 लीटर
  • यह घोल 1 एकड़ क्षेत्र में छिड़काव के लिए पर्याप्त है।

छिड़काव करते समय ध्यान रखें कि दवा पत्तियों की ऊपरी और निचली सतह दोनों पर अच्छे से लगे। यह रोग अधिकतर नमी और बारिश के मौसम में फैलता है, इसलिए फसल पर नजर बनाए रखें।

किसानों के लिए सुझाव:

  • बारिश या सिंचाई के बाद फसल का निरीक्षण करें, खासकर पत्तियों की निचली सतह पर।
  • छिड़काव के बाद 7-10 दिनों तक फसल की प्रगति पर नजर रखें।
  • आवश्यकता पड़ने पर दूसरा छिड़काव भी करें, लेकिन अंतराल का पालन करें।

अगर टिंडी की पत्तियाँ पीली पड़ रही हैं, तो इसे नजरअंदाज न करें। यह डाउऩी मिल्ड्यू रोग का लक्षण हो सकता है, जिसका समय पर उपचार ही उपज को बचा सकता है। पूसा संस्थान की सलाह मानकर आप अपनी मेहनत और फसल दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं।

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