कपास में गुलाबी सुंडी से कैसे बचें? विशेषज्ञों ने बताया आसान तरीका
01 अगस्त 2024, श्रीगंगानगर: कपास में गुलाबी सुंडी से कैसे बचें? विशेषज्ञों ने बताया आसान तरीका – श्रीगंगानगर के उपनिदेशक कृषि कार्यालय के सभागार में गत दिवस कृषक वैज्ञानिक संवाद का आयोजन किया गया, जिसमें जिले के 54 किसानों ने भाग लिया। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य किसानों को कपास की फसल में गुलाबी सुंडी के प्रबंधन के बारे में जानकारी देना था।
अतिरिक्त निदेशक कृषि (विस्तार) डॉ. सतीश कुमार शर्मा ने कृषि विभाग की विभिन्न लाभकारी योजनाओं की जानकारी देते हुए आत्मा योजना के कार्यक्रमों में किसानों को बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने का संदेश दिया। उन्होंने कपास की फसल में गुलाबी सुंडी के जीवन चक्र और प्रबंधन के बारे में बताया। डॉ. शर्मा ने किसानों को कृषि के क्षेत्र में किए जा रहे नवाचार व आधुनिक खेती के बारे में जानकारी तथा गुलाबी सुण्डी के जीवन चक्र एवं प्रबन्धन के बारे में विस्तृत चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि आगामी दिनों में कपास फसल 60 दिन की हो गई है, वहां निरीक्षण कर नीम बेस्ड ऑयल व अन्य बताये गये कीटनाश्कों का छिड़काव अवश्यक रूप से करें। गुलाबी सुण्डी की निगरानी के लिए खेत में प्रति हैक्टर 5 फैरोमेन ट्रेप अवश्य लगायें तथा उनका प्रतिदिन निरीक्षण करें एवं विभागीय सिफारिश अनुसार जैविक कीटनाशक व रसायनों का छिड़काव अवश्य करें।
उप परियोजना निदेशक (आत्मा) श्री सुदेश कुमार ने आत्मा योजना के अंतर्गत किसानों के लिए चलाई गई योजनाओं जैसे कृषक प्रशिक्षण, कृषक भ्रमण, कृषक पुरस्कार, और किसान मेले में भाग लेने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि जैविक, नवाचार, उद्यानिकी, और पशुपालन में उत्कृष्ट कार्य करने वाले किसानों को जिला और ब्लॉक स्तर पर क्रमशः 25,000 और 10,000 रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा। आवेदन सितंबर 2024 के अंत तक किए जा सकते हैं।
संयुक्त निदेशक उद्यान श्री प्रदीप शर्मा ने किसानों को उद्यानिकी योजनाओं की जानकारी दी, जबकि पूर्व कृषि वैज्ञानिक डॉ. बलराम गोदारा ने जैविक खेती के घटकों के बारे में विस्तार से बताया। सेवानिवृत्त शस्य वैज्ञानिक डॉ. पी.एल. नेहरा ने खरीफ फसलों में लगने वाले कीटों के जीवन चक्र और उनके नियंत्रण के उपाय साझा किए। सीआईपीएमसी के श्री लोकेश कुमार मीणा ने कपास की फसल में कीटों के एकीकृत प्रबंधन के बारे में बताया।
कृषक वैज्ञानिक संवाद के साथ-साथ कृषक पुरस्कार समारोह भी आयोजित किया गया, जिसमें 2023-24 के जिला और ब्लॉक स्तरीय चयनित किसानों को प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया गया। कृषक श्री आत्मा राम जी महिया ने कपास की फसल में गुलाबी सुंडी के नियंत्रण पर अपने विचार साझा किए। कार्यक्रम का समापन उप निदेशक कृषि डॉ. विनोद सिंह गौतम द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।
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