State News (राज्य कृषि समाचार)

31 जुलाई तक करा सकते हैं फसलों का बीमा

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2 जुलाई 2022, खरगोन । 31 जुलाई तक करा सकते हैं फसलों का बीमा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत खरीफ मौसम की अधिसूचित फसलों का बीमा 31 जुलाई तक करा सकते हैं। कृषि उपसंचालक श्री एमएल चौहान ने जानकारी देते हुए बताया कि यह तिथि ऋणी और अऋणी किसानों के लिए हैं। अऋणी किसान अधिसूचित फसलों का बीमा बैंक, लोक सेवा केंद्र या फसल बीमा पोर्टल के माध्यम से भी करा सकते है। जबकि ऋणी किसानों का फसल बीमा संबंधित बैंकों के माध्यम से किया जाएगा। भारत सरकार ने फसल बीमा योजना को ऐच्छिक किया गया है। प्रावधान के अनुसार अल्पकालीन फसल ऋण लेने वाले ऋणी किसान जो अपनी फसलांे का बीमा नहीं करवाना चाहते हैं वे बीमे की अंतिम तिथि से 2 दिन पूर्व 29 जुलाई तक सम्बंधित बैंक को निर्धारित प्रपत्र में लिखित में आवेदन भरकर योजना से बाहर जा सकते हैं।

ये है अधिसूचित फसले

जिले की अधिसूचित फसलांे में सोयाबीन, मक्का, कपास, ज्वार, बाजरा, अरहर, मूंगफली, मूंग, और उड़द की फसलें शामिल है। कपास की फसल को छोड़कर अन्य अधिसूचित फसलों के बीमा के लिए अधिकतम 2 प्रतिशत प्रति हेक्टेयर प्रीमियम की राशि किसानों को भरना होगी। जबकि कपास की फसल के लिए किसानों को अधिकतम 5 प्रतिशत प्रति हेक्टेयर प्रीमियम भरना होगा। इस योजना का लाभ लेने के लिए आवश्यक दस्तावेज जरूरी है। इनमें फसल बीमा का प्रस्ताव फार्म, आधार कार्ड, पहचान पत्र जैसे मतदाता परिचय पत्र, राशन कार्ड, पेन कार्ड, समग्र आईडी, ड्रायविंग लायसेंस, भू-अधिकार पुस्तिका, खसरा खतौनी, बुवाई प्रमाण पत्र, पटवारी या ग्राम पंचायत सचिव द्वारा जारी दस्तावेजों की जरूरत रहेगी।

निर्धारित मापदंड के अनुसार होना चाहिए रकबा

कृषि उपसंचालक श्री चौहान ने जानकारी देते हुए बताया कि योजना में तीन तरह से फसलो के लिए रकबे निर्धारित किये गए है। एक जिला स्तरीय जिसमें मूंग, चवला और उडद की फसल के लिए 500 हेक्टेयर से अधिक संबंधित फसलो का क्षेत्रफल होना चाहिए। इसी तरह तहसील स्तरीय में कपास, ज्वार, मूंगफली और अरहर फसले शामिल है। जिसके लिए न्यूनतम क्षेत्रफल 500 हेक्टेयर से अधिक फसल की बुवाई या रकबा होना चाहिए। जबकि हल्का स्तरीय फसल में सोयाबीन और बाजरा आता है। इसमें संबंधित हल्के में 100 हेक्टेयर से अधिक की फसल होनी चाहिए तो ही फसल बीमा का लाभ मिलेगा। जिला स्तरीय फसल मूंग, चवला और उड़द की प्रीमियम राशि 360 रुपये, तहसील स्तरीय फसल कपास के लिए 3300 रुपये, ज्वार के लिए 310 रुपये, मूंगफली के लिए 460 रुपये और अरहर के लिए 480 रुपये प्रीमियम दर निर्धारित है। वही हल्का स्तरीय फसल मक्का और सोयाबीन के लिए 500-500 रुपये तथा बाजरा के लिए 200 रुपये प्रीमियम निर्धारित है।

31 जुलाई तक करा सकते हैं फसलों का बीमा

खरगोन 30 जून 22/प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत खरीफ मौसम की अधिसूचित फसलों का बीमा 31 जुलाई तक करा सकते हैं। कृषि उपसंचालक श्री एमएल चौहान ने जानकारी देते हुए बताया कि यह तिथि ऋणी और अऋणी किसानों के लिए हैं। अऋणी किसान अधिसूचित फसलों का बीमा बैंक, लोक सेवा केंद्र या फसल बीमा पोर्टल के माध्यम से भी करा सकते है। जबकि ऋणी किसानों का फसल बीमा संबंधित बैंकों के माध्यम से किया जाएगा। भारत सरकार ने फसल बीमा योजना को ऐच्छिक किया गया है। प्रावधान के अनुसार अल्पकालीन फसल ऋण लेने वाले ऋणी किसान जो अपनी फसलांे का बीमा नहीं करवाना चाहते हैं वे बीमे की अंतिम तिथि से 2 दिन पूर्व 29 जुलाई तक सम्बंधित बैंक को निर्धारित प्रपत्र में लिखित में आवेदन भरकर योजना से बाहर जा सकते हैं।

ये है अधिसूचित फसले

जिले की अधिसूचित फसलांे में सोयाबीन, मक्का, कपास, ज्वार, बाजरा, अरहर, मूंगफली, मूंग, और उड़द की फसलें शामिल है। कपास की फसल को छोड़कर अन्य अधिसूचित फसलों के बीमा के लिए अधिकतम 2 प्रतिशत प्रति हेक्टेयर प्रीमियम की राशि किसानों को भरना होगी। जबकि कपास की फसल के लिए किसानों को अधिकतम 5 प्रतिशत प्रति हेक्टेयर प्रीमियम भरना होगा। इस योजना का लाभ लेने के लिए आवश्यक दस्तावेज जरूरी है। इनमें फसल बीमा का प्रस्ताव फार्म, आधार कार्ड, पहचान पत्र जैसे मतदाता परिचय पत्र, राशन कार्ड, पेन कार्ड, समग्र आईडी, ड्रायविंग लायसेंस, भू-अधिकार पुस्तिका, खसरा खतौनी, बुवाई प्रमाण पत्र, पटवारी या ग्राम पंचायत सचिव द्वारा जारी दस्तावेजों की जरूरत रहेगी।

निर्धारित मापदंड के अनुसार होना चाहिए रकबा

कृषि उपसंचालक श्री चौहान ने जानकारी देते हुए बताया कि योजना में तीन तरह से फसलो के लिए रकबे निर्धारित किये गए है। एक जिला स्तरीय जिसमें मूंग, चवला और उडद की फसल के लिए 500 हेक्टेयर से अधिक संबंधित फसलो का क्षेत्रफल होना चाहिए। इसी तरह तहसील स्तरीय में कपास, ज्वार, मूंगफली और अरहर फसले शामिल है। जिसके लिए न्यूनतम क्षेत्रफल 500 हेक्टेयर से अधिक फसल की बुवाई या रकबा होना चाहिए। जबकि हल्का स्तरीय फसल में सोयाबीन और बाजरा आता है। इसमें संबंधित हल्के में 100 हेक्टेयर से अधिक की फसल होनी चाहिए तो ही फसल बीमा का लाभ मिलेगा। जिला स्तरीय फसल मूंग, चवला और उड़द की प्रीमियम राशि 360 रुपये, तहसील स्तरीय फसल कपास के लिए 3300 रुपये, ज्वार के लिए 310 रुपये, मूंगफली के लिए 460 रुपये और अरहर के लिए 480 रुपये प्रीमियम दर निर्धारित है। वही हल्का स्तरीय फसल मक्का और सोयाबीन के लिए 500-500 रुपये तथा बाजरा के लिए 200 रुपये प्रीमियम निर्धारित है।

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