उन्नत किसान कैसे कर रहे हैं खरीफ 2025 में सोयाबीन फसल की सुरक्षा – जानें सटीक कीटनाशक और रोगनाशक
29 जुलाई 2025, नई दिल्ली: उन्नत किसान कैसे कर रहे हैं खरीफ 2025 में सोयाबीन फसल की सुरक्षा – जानें सटीक कीटनाशक और रोगनाशक – सोयाबीन भारत की प्रमुख खरीफ फसलों में से एक है, जो न केवल तिलहन अर्थव्यवस्था में योगदान देती है, बल्कि लाखों किसानों की आजीविका का भी आधार है। खरीफ के मौसम में अधिक नमी, अनियमित वर्षा और सघन पर्णसंवहन (foliage) की वजह से यह फसल कीटों और रोगों की चपेट में आसानी से आ जाती है। इनसे होने वाले नुकसान को रोकने के लिए समय पर पहचान और समुचित रासायनिक नियंत्रण अत्यंत आवश्यक है।
इन्हीं चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए, आईसीएआर – राष्ट्रीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान, इंदौर, भारत ने खरीफ 2025 के लिए अद्यतन कीट एवं रोग प्रबंधन दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसमें प्रारंभिक निगरानी, वैज्ञानिक निदान, और उपयुक्त एग्रोकेमिकल्स के उपयोग की स्पष्ट सिफारिशें की गई हैं।
रोग प्रबंधन (Disease Management in Soybean)
1. राइजोक्टोनिया एरियल ब्लाइट (Rhizoctonia Aerial Blight)
यह रोग पौधे के ऊपरी हिस्सों को मुरझा देता है, पत्तियाँ भूरी होकर सूखने लगती हैं और तेजी से पूरे खेत में फैल सकता है।
अनुशंसित फफूंदनाशक (लक्षण दिखने पर छिड़काव करें):
- फ्लक्सापाय्रोक्सैड 167 g/l + पाय्राक्लोस्ट्रोबिन 333 g/l SC @ 300 ग्राम/हे.
- पाय्राक्लोस्ट्रोबिन 133 g/l + एपॉक्सीकोनाज़ोल 50 g/l SE @ 750 मि.ली./हे.
- पाय्राक्लोस्ट्रोबिन 20% WG @ 375–500 ग्राम/हे.
2. एन्थ्राक्नोज (Anthracnose)
इससे तनों पर धब्बे, पत्तियों पर चकत्ते और फली समय से पहले गिरना शुरू हो जाती है। यह रोग अधिक नमी व वर्षा में बढ़ता है।
अनुशंसित फफूंदनाशक (प्रारंभिक लक्षण पर छिड़काव करें):
- टेबुकोनाज़ोल 25.9% EC @ 625 मि.ली./हे.
- टेबुकोनाज़ोल 38.39% SC @ 625 मि.ली./हे.
- टेबुकोनाज़ोल 10% + सल्फर 65% WG @ 1.25 कि.ग्रा/हे.
- कार्बेन्डाजिम 12% + मैनकोज़ेब 63% WP @ 1.25 कि.ग्रा/हे.
आवश्यकतानुसार 10-15 दिन बाद दूसरा छिड़काव करें।
3. पीला मोज़ेक वायरस (YMV) व सोयाबीन मोज़ेक वायरस (SMV)
यह वायरस सफेद मक्खी और माहू जैसे कीटों द्वारा फैलता है। पत्तियों पर पीले चकत्ते, पौधों का रुकना और बौनापन लक्षण हैं।
प्रबंधन रणनीति:
- प्रारंभिक अवस्था में संक्रमित पौधों को उखाड़कर नष्ट करें।
- सफेद मक्खी पर निगरानी हेतु पीले चिपचिपे ट्रैप लगाएं।
अनुशंसित कीटनाशक (वेक्टर नियंत्रण हेतु):
- थायोमिथोक्सम + लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन @ 125 मि.ली./हे.
- बीटासायफ्लुथ्रिन + इमिडाक्लोप्रिड @ 350 मि.ली./हे.
- एसिटामिप्रिड 25% + बाइफेंथ्रिन 25% WG @ 250 ग्राम/हे.
कीट प्रबंधन (Insect Pest Management in Soybean)
1. गर्डल बीटल / चक्र भृंग (Girdle Beetle)
यह तनों को काटकर पानी-तंतु अवरुद्ध करता है, जिससे पौधे अचानक मुरझा जाते हैं।
प्रबंधन:
- संक्रमित पौधों को हटाकर खेत से बाहर करें।
अनुशंसित कीटनाशक:
- थायाक्लोप्रिड 21.7% SC @ 750 मि.ली./हे.
- टेट्रानिलिप्रोल 18.18% SC @ 250–300 मि.ली./हे.
- क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 18.5% SC @ 150 मि.ली./हे.
- एमामेक्टिन बेंजोएट 01.90% EC @ 425 मि.ली./हे.
- प्रोफेनोफॉस 50% EC @ 1 ली./हे.
2. बिहार हेरी कैटरपिलर
यह झुंड में पत्तियाँ तेजी से खाता है। प्रारंभिक अवस्था में हाथ से हटाना उपयोगी हो सकता है।
अनुशंसित कीटनाशक:
- फ्लूबेंडियामाइड 20% WG @ 250–300 ग्राम/हे.
- फ्लूबेंडियामाइड 39.35% SC @ 150 मि.ली./हे.
- लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन 4.90% CS @ 300 मि.ली./हे.
- इंडोक्साकार्ब 15.8% EC @ 333 मि.ली./हे.
3. सेमीलूपर (पत्ती खाने वाली इल्ली)
यह पत्तियों को खाकर प्रकाश संश्लेषण कम कर देती है।
अनुशंसित कीटनाशक:
- क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 18.5% SC @ 150 मि.ली./हे.
- एमामेक्टिन बेंजोएट 01.90% EC @ 425 मि.ली./हे.
- फ्लूबेंडियामाइड 20% WG @ 250–300 ग्राम/हे.
- फ्लूबेंडियामाइड 39.35% SC @ 150 मि.ली./हे.
- इंडोक्साकार्ब 15.8% EC @ 333 मि.ली./हे.
- लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन 4.90% CS @ 300 मि.ली./हे.
- प्रोफेनोफॉस 50% EC @ 1 ली./हे.
- नोवाल्यूरॉन + इंडोक्साकार्ब 4.50% SC @ 825–875 मि.ली./हे.
- क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 9.30% + लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन 4.60% ZC @ 200 मि.ली./हे.
- ब्रोफ्लैनिलाइड 300 g/l SC @ 42–62 ग्राम/हे.
4. तंबाकू इल्ली (Spodoptera litura)
यह देर से फसल में तेजी से पत्तियाँ खा सकती है।
अनुशंसित कीटनाशक:
- स्पाइनेटोराम 11.7% SC @ 450 मि.ली./हे.
- क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 18.5% SC @ 150 मि.ली./हे.
- एमामेक्टिन बेंजोएट 01.90% EC @ 425 मि.ली./हे.
- फ्लूबेंडियामाइड 20% WG @ 250–300 ग्राम/हे.
- इंडोक्साकार्ब 15.8% EC @ 333 मि.ली./हे.
- नोवाल्यूरॉन + इंडोक्साकार्ब 4.50% SC @ 825–875 मि.ली./हे.
- ब्रोफ्लैनिलाइड 300 g/l SC @ 42–62 ग्राम/हे.
5. संयुक्त पर्णभक्षी कीट प्रकोप (Semilooper, Tobacco, Heliothis)
अनुशंसित कीटनाशक:
- स्पाइनेटोराम 11.7% SC @ 450 मि.ली./हे.
- क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 18.5% SC @ 150 मि.ली./हे.
- क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 9.30% + लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन 4.60% ZC @ 200 मि.ली./हे.
6. पर्णभक्षी + रस चूसक + तना छेदक कीटों का संयुक्त प्रकोप
अनुशंसित कीटनाशक (पूर्व मिश्रित फार्मूलेशन):
- थायोमिथोक्सम 12.6% + लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन 9.5% ZC @ 125 मि.ली./हे.
- बीटासायफ्लुथ्रिन + इमिडाक्लोप्रिड @ 350 मि.ली./हे.
- क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 9.30% + लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन 4.60% ZC @ 200 मि.ली./हे.
- इंडोक्साकार्ब 15.8% EC @ 333 मि.ली./हे.
छिड़काव हेतु सर्वोत्तम व्यवहार (Best Practices):
- केवल स्वच्छ जल और कैलिब्रेटेड स्प्रेयर का प्रयोग करें।
- लेबल पर दिए गए निर्देशों का पालन करें और ओवरडोज से बचें।
- पत्तियों की नीचे की सतह पर भी समान रूप से छिड़काव करें।
- आवश्यकता अनुसार स्टिकर एजेंट (चिपकने वाला) मिलाएं।
- सुबह जल्दी या देर शाम छिड़काव करें।
सोयाबीन फसल में कीट और रोग नियंत्रण के लिए सतर्कता, समय पर पहचान और सटीक कीटनाशक/रोगनाशक का प्रयोग अत्यंत आवश्यक है। आईसीएआर – राष्ट्रीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान, इंदौर द्वारा जारी दिशा-निर्देशों को अपनाकर किसान खरीफ 2025 में फसल हानि को न्यूनतम करते हुए उच्च उपज प्राप्त कर सकते हैं। जैसे-जैसे जलवायु और फसल चक्र बदल रहे हैं, समेकित और उत्तरदायी प्रबंधन ही टिकाऊ सोयाबीन उत्पादन की कुंजी है।
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