फसल की खेती (Crop Cultivation)

DRR धान 100 (कमला): भारत की पहली जीनोम-संपादित उच्च उपज वाली धान की किस्म

05 मई 2025, नई दिल्ली: DRR धान 100 (कमला): भारत की पहली जीनोम-संपादित उच्च उपज वाली धान की किस्म – भारत ने कृषि जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है, जब भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद – भारतीय धान अनुसंधान संस्थान (ICAR-IIRR), हैदराबाद ने DRR धान 100 (कमला) को विकसित किया। यह किस्म लोकप्रिय सांबा महसूरी (BPT 5204) पर आधारित है और CRISPR-Cas जीनोम संपादन तकनीक के माध्यम से विकसित की गई है, जो सटीक जेनेटिक सुधार को बिना किसी विदेशी डीएनए के करती है।

यह किस्म SDN-1 और SDN-2 प्रकार के जीनों के संपादन के माध्यम से तैयार की गई है, जिन्हें भारत की जैव सुरक्षा नीति के तहत सामान्य फसलों के लिए स्वीकृति प्राप्त है। यह तरीका पारंपरिक जीएम फसलों से भिन्न है क्योंकि इसमें किसी बाहरी जीन को नहीं जोड़ा जाता।

DRR धान 100 (कमला) की सबसे बड़ी विशेषता इसका तेजी से पकना है। यह किस्म लगभग 130 दिनों में परिपक्व हो जाती है, जो पारंपरिक किस्मों से लगभग 20 दिन कम है। इस कम अवधि के कारण पानी और उर्वरकों की बचत होती हैमीथेन गैस का उत्सर्जन घटता है, और कई फसलें लेने की व्यवस्था में भी आसानी होती है।

इस किस्म से उत्पादन में 19% तक वृद्धि दर्ज की गई है। इसका तना मजबूत होता है जो गिरने से बचाता है। चावल की गुणवत्ता सांबा महसूरी के समान है, जिससे यह उपभोक्ताओं और व्यापारियों दोनों की पसंद बनी हुई है।

पर्यावरणीय दृष्टि से यह किस्म ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में 20% की कमी करती है और 7,500 मिलियन घन मीटर सिंचाई जल की बचत करने में सक्षम है।

इस किस्म की सिफारिश आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु, पुदुचेरी, केरल (जोन VII), छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश (जोन V), ओडिशा, झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल (जोन III) जैसे राज्यों में की गई है।

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