सोयाबीन की बोवनी के बाद अंकुरण में कमी: किसानों को क्या करना चाहिए?
16 जुलाई 2025, नई दिल्ली: सोयाबीन की बोवनी के बाद अंकुरण में कमी: किसानों को क्या करना चाहिए? – खरीफ मौसम की प्रमुख तिलहनी फसल सोयाबीन की बोवनी देश के कई राज्यों में पूरी हो चुकी है। हालांकि, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के कुछ क्षेत्रों से यह जानकारी प्राप्त हुई है कि बोवनी के बाद खेतों में सोयाबीन का अंकुरण अपेक्षा के अनुसार नहीं हो रहा है। यह स्थिति किसानों के लिए चिंता का विषय बन गई है, क्योंकि अंकुरण की असफलता सीधे उत्पादन को प्रभावित कर सकती है। ऐसे में यह आवश्यक है कि किसान समय पर उचित निर्णय लें, ताकि फसल की गुणवत्ता और उत्पादन स्तर को बनाए रखा जा सके।
प्रश्न 1: कुछ क्षेत्रों में सोयाबीन के अंकुरण में कमी की समस्या सामने आई है, यह किन राज्यों में देखने को मिल रही है?
उत्तर: हाँ, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों से यह जानकारी प्राप्त हुई है कि सोयाबीन की बोवनी के बाद खेतों में पौधों का अंकुरण अपेक्षित रूप से नहीं हो रहा है।
प्रश्न 2: यह समस्या किन कारणों से हो सकती है?
उत्तर: अंकुरण में कमी के संभावित कारणों में अधिक या कम वर्षा, मिट्टी में नमी की कमी, खराब बीज गुणवत्ता, बोवनी की गहराई में अंतर या मिट्टी की सतह पर पपड़ी जमना शामिल हो सकते हैं।
प्रश्न 3: जिन किसानों के खेतों में अंकुरण कमजोर है, उन्हें क्या सलाह दी जा रही है?
उत्तर: ऐसे किसानों को सलाह दी जाती है कि वे परिस्थितियों के अनुसार फिर से बोवनी करें। यदि खेत में कुछ पौधे निकल आए हैं लेकिन कतारों में पर्याप्त पौधे नहीं हैं, तो गैप फिलिंग (अंतराल भराई) की जाए। इसके लिए उन कतारों में बीज डालें जहाँ पौधों के बीच ज्यादा खाली जगह है।
प्रश्न 4: क्या गैप फिलिंग से उत्पादन प्रभावित नहीं होगा?
उत्तर: यदि गैप फिलिंग समय पर और सही तरीके से की जाती है, तो फसल की उपज पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता। यह तरीका फसल की घनता बनाए रखने में मदद करता है जिससे पौधों को पर्याप्त पोषण और स्थान मिलता है।
प्रश्न 5: पुनः बोवनी या गैप फिलिंग के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर:
- दोबारा बोवनी करते समय अच्छी गुणवत्ता वाले बीजों का उपयोग करें।
- खेत में नमी की स्थिति की जांच करें।
- बीज को उचित गहराई पर बोवें।
- अंकुरण के बाद आवश्यकतानुसार हल्की सिंचाई करें।
प्रश्न 6: क्या इसके लिए कोई सरकारी सलाह या मार्गदर्शन है?
उत्तर: जी हाँ, ICAR – राष्ट्रीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान (National Soybean Research Institute) द्वारा किसानों को यह सलाह दी गई है कि वे अपनी सुविधा और खेत की स्थिति के अनुसार पुनः बोवनी या गैप फिलिंग करें, ताकि फसल की समग्र उत्पादकता सुनिश्चित की जा सके।
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