फसल की खेती (Crop Cultivation)

टमाटर के तने पर काला दाग और टूटने की समस्या? पूसा वैज्ञानिकों ने बताया फंगस से बचाव का सही तरीका

13 जुलाई 2025, नई दिल्ली: टमाटर के तने पर काला दाग और टूटने की समस्या? पूसा वैज्ञानिकों ने बताया फंगस से बचाव का सही तरीका – टमाटर की खेती करने वाले किसानों के लिए एक जरूरी चेतावनी! अगर आपकी फसल में टमाटर के तनों पर काले दाग पड़ रहे हैं और पौधे टूट रहे हैं, तो यह फफूंद जनित रोग का संकेत हो सकता है। यह रोग जड़ से शुरू होकर पूरे पौधे को कमजोर कर देता है और फसल की पैदावार पर सीधा असर डालता है।

क्या है ये रोग?

यह समस्या आमतौर पर soil-borne fungal infection के कारण होती है। यह फफूंद जड़ों से होकर तनों तक फैलता है और तनों में काले धब्बे बनाकर उन्हें गलाने लगता है। धीरे-धीरे तने कमजोर होकर टूट जाते हैं और पौधा सूखने लगता है।

Advertisement
Advertisement

पूसा संस्थान की सलाह:

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा के वैज्ञानिकों ने किसानों को सलाह दी है कि इस रोग के नियंत्रण के लिए थिरम (Thiram) या बाविस्टीन (Bavistin) जैसे प्रभावी फफूंदनाशकों का इस्तेमाल किया जाए।

  • थिरम या बाविस्टीन की 400 ग्राम मात्रा लें
  • इसे 200 लीटर पानी में अच्छी तरह घोलें
  • इस घोल को 1 एकड़ क्षेत्र में फसल की जड़ों में सिंचाई के रूप में डालें

इस विधि से दवा सीधे पौधे की जड़ों तक पहुंचेगी, जहां फफूंद सबसे पहले असर करता है।

Advertisement8
Advertisement

थिरम और बाविस्टीन दोनों ही संपर्क और प्रणालीगत (systemic) फफूंदनाशी हैं। ये न सिर्फ मौजूद फफूंद को नष्ट करते हैं, बल्कि नए संक्रमण को भी रोकते हैं। इससे पौधों की जड़ें मजबूत बनी रहती हैं और तनों का टूटना रुकता है।

Advertisement8
Advertisement

समय पर इलाज = भरपूर टमाटर की पैदावार

अगर किसान समय रहते इस उपाय को अपनाते हैं, तो फसल की सेहत बनी रहेगी, पौधों की उम्र लंबी होगी और टमाटर की गुणवत्ता व उत्पादन में बढ़ोतरी होगी।

अगर आप टमाटर की खेती कर रहे हैं और तनों पर काले दाग या टूटने की समस्या देख रहे हैं, तो तुरंत थिरम या बाविस्टीन का जड़ों में छिड़काव करें। यह रोग शुरुआत में दिखने पर ही काबू में लाया जा सकता है।

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

Advertisement8
Advertisement

www.en.krishakjagat.org

Advertisements
Advertisement5
Advertisement