बेस्ट एग्रोलाइफ ने कपास, मिर्च, चाय फसलों के लिए तिहरी कीटनाशक फॉर्मूला पेटेंट कराया
19 दिसंबर 2024, भोपाल: बेस्ट एग्रोलाइफ ने कपास, मिर्च, चाय फसलों के लिए तिहरी कीटनाशक फॉर्मूला पेटेंट कराया – बेस्ट एग्रोलाइफ लिमिटेड ने अपनी नई तिहरी कीटनाशक फॉर्मूलेशन के लिए पेटेंट हासिल कर लिया है। यह फॉर्मूला स्पायरोमेसिफेन, हेक्सिथियाजॉक्स और अबामेक्टिन के संयोजन से तैयार किया गया है, जो कपास, मिर्च और चाय की फसलों में माइट्स की समस्या को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने में सक्षम है।
यह फॉर्मूला न केवल माइट्स बल्कि सफेद मक्खियों जैसे चूसक कीटों के खिलाफ भी कारगर है। ये कीट बैंगन, भिंडी और टमाटर जैसी सब्जियों के साथ-साथ अन्य फसलों को भी भारी नुकसान पहुंचाते हैं।
चाय उत्पादन में माइट्स का बड़ा खतरा
चाय की खेती में माइट्स किसानों के लिए बड़ी चुनौती हैं, जो 17% से 46% तक की फसल हानि का कारण बनते हैं। बेस्ट एग्रोलाइफ का यह नया फॉर्मूला माइट्स के अंडों, निम्फ और वयस्क चरणों पर प्रभावी है, जिससे यह संपूर्ण समाधान प्रदान करता है। इसके उपयोग से किसानों को स्वस्थ फसल और बेहतर उपज प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चाय उत्पादक और सबसे बड़ा उपभोक्ता है। 2022 में भारत में चाय की खेती लगभग 6.19 लाख हेक्टेयर में हुई, और इस उद्योग का मूल्य करीब ₹20,000 करोड़ है। ऐसे में माइट्स के प्रबंधन के लिए यह नया समाधान चाय बागानों के लिए वरदान साबित हो सकता है।
तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, पंजाब, असम और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में इस फॉर्मूलेशन का व्यापक लाभ मिलेगा। यह उत्पाद विशेष रूप से उन क्षेत्रों के किसानों के लिए उपयोगी होगा, जहां इन कीटों का प्रकोप अधिक है।
विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस नए उत्पाद का बाजार आकार ₹200 से ₹300 करोड़ तक हो सकता है। इसके पहले वर्ष में बिक्री ₹15 से ₹30 करोड़ तक पहुंचने की संभावना है। बेस्ट एग्रोलाइफ लिमिटेड के इस कदम से फसल सुरक्षा उत्पादों की बढ़ती मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी।
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