बायर अटलांटिस हर्बिसाइड: गेहूं की खेती में सुरक्षित और प्रभावी खरपतवार नियंत्रण
18 मार्च 2025, नई दिल्ली: बायर अटलांटिस हर्बिसाइड: गेहूं की खेती में सुरक्षित और प्रभावी खरपतवार नियंत्रण – बायर अटलांटिस (सक्रिय घटक: मेसोसल्फ्यूरोन-मिथाइल 3% + आयोडोसल्फ्यूरोन-मिथाइल सोडियम 0.6% WG) एक पोस्ट-इमर्जेंस हर्बिसाइड है, जो गेहूं की फसल में घास, साइप्रस और चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करता है। यह चयनात्मक क्रिया प्रदान करता है, जिससे गेहूं की फसल का स्वस्थ विकास सुनिश्चित होता है और प्रतिस्पर्धी खरपतवार समाप्त हो जाते हैं।
मुख्य विशेषताएं:
• पोस्ट-इमर्जेंस क्रिया: खरपतवारों के उगने के बाद उन्हें नियंत्रित करता है, जिससे प्रभावी खरपतवार प्रबंधन संभव होता है।
• चयनात्मक हर्बिसाइड: गेहूं की फसल के लिए सुरक्षित, जिससे फसल की सेहत पर न्यूनतम प्रभाव पड़ता है।
• सिस्टमिक क्रिया: पौधे के भीतर अवशोषित और स्थानांतरित होता है, जिससे प्रभावी नियंत्रण होता है।
लक्ष्य फसल:
• गेहूं
नियंत्रित खरपतवार:
• फैलारिस माइनर (Phalaris minor)
• एवेना लुडोविसिआना (Avena ludoviciana)
• गेहूं की फसल में पाए जाने वाले चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार
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