केला के प्रमुख रोग एवं निदान
चित्ती रोग या सिगाटोक रोग यह रोग सर्कोस्पोरा म्यूसी नामक फफूंद से उत्पन्न होता है । इस रोग ने सन् 1913 में फिजी द्वीप के सिगाटोका के मैदानी भाग में व्यापकता से प्रकोप कर केले की फसल को बुरी तरह
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंनवीनतम उद्यानिकी (Horticulture) सम्बंधित जानकारी और कृषि पद्धतियों में नवाचार, बुआई का समय, बीज उपचार, खरपतवार नियन्तारन, रोग नियन्तारन, कीटो और संक्रमण से सुरक्षा, बीमरियो का नियन्तारन। उद्यानिकी (Horticulture) फसल सम्बंधित समस्या और उनका समाधान। टमाटर, प्याज़, आम, केला, पपीता, तरबूज़, मटर, गोभी, ककड़ी, फूल गोभी, करेला, स्टीविया, जुकिनी (तुरई), कद्दू, करेला, मिर्च, शिमला मिर्च, अरबी, रतालू, कटहल की फसल की खेती की जानकारी और नई किस्मे। ग्लेडियोलस, गुलाब, गेंदे की खेती। उद्यानिकी फसल में कीट नियंतरण एवं रोग नियंतरण। उद्यानिकी फसलों मैं बीज उपचार कैसे करे, बीज उपचार का सही तरीका। मशरुम की खेती, जिमीकंद की खेती, प्याज़ की उपज कैसे बढ़ाए, औषदि फसलों की खेती, जुकिनी की खेती, ड्रैगन फ्रूट की खेती, बैंगन की खेती, भिंडी की खेती, टमाटर की खेती, गर्मी में मूंग की खेती, आम की खेती, नीबू की खेती, अमरुद की खेती, स्ट्रॉबेरी की खेती, पपीते की खेती, मटर की खेती, शक्ति वर्धक हाइब्रिड सीड्स, लहसुन की खेती। शीत लहर में फसलों एवं सब्जियों को कीट-रोगों, पाले से बचाएँ
चित्ती रोग या सिगाटोक रोग यह रोग सर्कोस्पोरा म्यूसी नामक फफूंद से उत्पन्न होता है । इस रोग ने सन् 1913 में फिजी द्वीप के सिगाटोका के मैदानी भाग में व्यापकता से प्रकोप कर केले की फसल को बुरी तरह
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंकेन्द्र सरकार ने खेसारी दाल जिसे खेसोरी, तेवड़ा, लखाड़ी आदि नामों से जाना जाता है की खपत से प्रतिबंध हटाने का निर्णय लिया है। इस दाल की खेती पर 1961 में प्रतिबंध लगा दिया गया था। इसका मुख्य कारण इसमें
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंमिट्टी परीक्षण क्यों ? – मिट्टी की पोषक तत्व प्रदाय क्षमता ज्ञात करने एवं जमीन में मिलाये जाने वाले उर्वरकों की उत्तरदायिता ज्ञात करने के लिये । – परीक्षण के आधार पर फसल की आवश्यकतानुसार उर्वरकों की उपयुक्त तथा लाभकारी
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंसंसार में बीज मसाला उत्पादन तथा बीज मसाला निर्यात के हिसाब से भारत का प्रथम स्थान है। इसलिये भारत को मसालों का घर भी कहा जाता हैं। मसाले हमारे खाद्य पदार्थों को स्वादिष्टता तो प्रदान करते ही है साथ ही
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंखण्डवा। शासन के संविदा विरोधी नीति बयान को लेकर कृषि संविदा अधिकारी कर्मचारियों ने विगत दिनों सांकेतिक रूप से धरना देकर काली पट्टी बांध कर काम किया।कृषि संविदा अधिकारी, कर्मचारी संघ भोपाल के समर्थन में विगत दिनों खण्डवा के संविदाकर्मियों
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंयूरिया यद्यपि कार्बनिक पदार्थ है, किन्तु इसकी गणना अकार्बनिक खादों में की जाती है। इसका कारण यह है कि यह अकार्बनिक साधनों से प्राप्त होता है। यूरिया के विशिष्ट गुण यूरिया सफेद लम्बे दानों और गोलियों के रूप में तैयार
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंप्लास्टिक मल्चिंग (पलवार) क्या है: प्लास्टिक मल्चिंग पौधों के चारों तरफ की भूमि को प्लास्टिक फिल्म से व्यवस्थित रुप से ढकने की क्रिया है। वर्तमान में प्रयोग में लाए जाने वाले प्लास्टिक फिल्म विभिन्न रंगों एवं मोटाई में उपलब्ध है।
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंहमारे देश में फसल के अवशेषों का उचित प्रबन्धन करने पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता है। फसलों से प्राप्त अवशेषों का उपयोग मिट्टी में जीवांश पदार्थ की मात्रा अथवा खेत में पोषक तत्वों की मात्रा को बढ़ाने के लिए
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंडेयरी उद्योग की सफलता उचित बछड़ा व बछड़ी प्रबंधन पर निर्भर करती है। युवा वंश का उचित प्रबंधन मृत्युदर को कम कर सकता है। इसमें खीस का महत्वपूर्ण योगदान रहता है। खीस क्या है- खीस एक गाढ़ा, पीला और मैमेरी
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंखरगोन। जैविक खेती मोठापुरा के किसानों की जीवन रेखा है। रसायन छोड़ जैविक खेती अपनाने से जहां कृषि उत्पादन में आशातीत वृद्धि हुई, वहीं आर्थिक सम्पन्नता आने से किसान खुशहाल बने। खरगोन से 25 किमी दूर कृषि बाहुल्य मोठापुरा में
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