उद्यानिकी (Horticulture)

नवीनतम उद्यानिकी (Horticulture) सम्बंधित जानकारी और कृषि पद्धतियों में नवाचार, बुआई का समय, बीज उपचार, खरपतवार नियन्तारन, रोग नियन्तारन, कीटो और संक्रमण से सुरक्षा, बीमरियो का नियन्तारन। उद्यानिकी (Horticulture) फसल सम्बंधित समस्या और उनका समाधान। टमाटर, प्याज़, आम, केला, पपीता, तरबूज़, मटर, गोभी, ककड़ी, फूल गोभी, करेला, स्टीविया, जुकिनी (तुरई), कद्दू, करेला, मिर्च, शिमला मिर्च, अरबी, रतालू, कटहल की फसल की खेती की जानकारी और नई किस्मे। ग्लेडियोलस, गुलाब, गेंदे की खेती। उद्यानिकी फसल में कीट नियंतरण एवं रोग नियंतरण। उद्यानिकी फसलों मैं बीज उपचार कैसे करे, बीज उपचार का सही तरीका। मशरुम की खेती, जिमीकंद की खेती, प्याज़ की उपज कैसे बढ़ाए, औषदि फसलों की खेती, जुकिनी की खेती, ड्रैगन फ्रूट की खेती, बैंगन की खेती, भिंडी की खेती, टमाटर की खेती, गर्मी में मूंग की खेती, आम की खेती, नीबू की खेती, अमरुद की खेती, स्ट्रॉबेरी की खेती, पपीते की खेती, मटर की खेती, शक्ति वर्धक हाइब्रिड सीड्स, लहसुन की खेती। शीत लहर में फसलों एवं सब्जियों को कीट-रोगों, पाले से बचाएँ

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सोयाबीन में लगने वाले खरपतवारनाशक, उनकी विशेषताएं

सोयाबीन में लगने वाले खरपतवारनाशक, उनकी विशेषताएं क्र.  खरपतवारनाशक  का तकनीकी नाम ब्राण्ड  कंपनी  उपयोग का समय नियंत्रित होने वाले खरपतवार प्रयोग दर प्रति एकड़    स्प्रे के लिए नोजल 1. इमिजाथाइपर  10 प्रति. एसएल परस्यूट लिमिटेड बीएएसएफ इंडिया खरपतवारों

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जिद्दी खरपतवारों का सटीक इलाज

दूब, मोथा, कांस जैसे जिद्दी खरपतवार उत्पादन वृद्धि के रोड़ा हैं। दूब – दूब घास एक बहुवर्षीय एक पत्री खरपतवार है, जिसकी जड़ें बहुत ज्यादा फैलती हैं। कभी-कभी बीजों से भी पौधे बनते हैं। नम व गर्म मौसम में अधिक

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मैक्स – सोय सोयाबीन का सम्पूर्ण खरपतवार नियंत्रक

इंदौर। धानुका एग्रीटेक ने भारत में निसान केमिकल्स, जापान के सहयोग द्वारा खरपतवारनाशक मैक्स-सोय लाँच किया है। यह उत्पाद पर्यावरण के अनुकूल है, जिसका उपयोग करने से सोयाबीन की फसल पर किसी प्रकार का विपरीत प्रभाव जैसे कि फसल का

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खरीफ फसलों के समर्थन मूल्य में इजाफा

नई दिल्ली। देशव्यापी किसान आंदोलन के चलते सकपकायी केन्द्र सरकार भी समर्थन मूल्य में बढ़ोत्तरी कर किसानों को शांत करने और लुभाने में जुट गई। हालांकि 15 दिन देर से घोषित हुए इन समर्थन मूल्यों पर खरीदी और भुगतान समय

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कपास की उत्पादकता में हम कहाँ ?

भारत, चीन के बाद दुनिया का दूसरा कपास उत्पादक देश है। और यह विश्व की कपास का 27 प्रतिशत उत्पादन करता है, परन्तु देश की कपास उत्पादकता मात्र 565 किलो ग्राम प्रति हेक्टेयर है। यह विश्व का औसत उत्पादकता से

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जानिए कपास के गुप्त रहस्य

क्षेत्र:-कपास देश के 3 क्षेत्रों और 9 राज्यों में उगाई जाती है।उत्तरी क्षेत्र: हरियाणा, पंजाब, राजस्थानमध्य क्ष़ेत्र: गुजरात, महाराष्ट्र एवं मध्य प्रदेशदक्षिणी क्षेत्र: कर्नाटक, तमिलनाडू, आन्ध्र प्रदेशदेश में लगभग 96 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में कपास उगाई जाती है।उत्पादन:- कपास के

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बीज का परिचय एवं उपयोग के विभिन्न पहलू

(अ) उत्तम बीज को स्त्रोत के आधार पर निम्न तीन समूहों में रखा गया है- प्रजनक बीज, आधार बीज और प्रमाणित बीज। प्रजनक बीज वह वर्ग है जो आनुवांशिक रूप से शुद्ध रहता है तथा इसको प्रजनक (व्रीडर) की देखरेख

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तरल जैव उर्वरक : मिट्टी व पौधों के लिए पर्यावरण सुरक्षित पोषक तत्व

मिट्टी में अत्यधिक रसायनिक उर्वरकों के प्रयोग से मिट्टी की उर्वरकता व उत्पादकता में प्रतिदिन ह्रास होता जा रहा है अत: वर्तमान समय में जैविक खेती की आवश्यकता बढ़ती जा रही है जैविक खेती में रसायनिक उर्वरकों, सिंथेटिक कीटनाशकों के

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पारम्परिक बीजों के संरक्षण के लिये बीज बचाओ-कृषि बचाओ यात्रा

(विशेष प्रतिनिधि) भोपाल। प्रदेश की भूली-बिसरी किस्मों एवं प्रजातियों के संरक्षण के लिये म.प्र. राज्य जैव विविधता बोर्ड एवं कृषि विभाग द्वारा बीज बचाओ कृषि बचाओ यात्रा गत 2 मई से प्रारंभ की गई है जो 35 जिलों का भ्रमण

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ईसबगोल की उन्नत खेती

जलवायु एवं भूमि- ईसबगोल की उन्नत खेती के लिए सर्द एवं शुष्क जलवायु उपयुक्त रहती है। बीजों के अच्छे अंकुरण के लिए 20-25 सेल्सियस के मध्य का तापमान व मिट्टी का पी.एच. मान 7-8 सर्वोत्तम होता है। इसकी खेती के

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