जल ही जीवन है
18 अक्टूबर 2022, भोपाल । जल ही जीवन है – मानसून पूरी तरह गया नहीं और रबी का मौसम आ चुका है। अनचाही वर्षा से किसान त्रस्त है। पिछले कुछ दशक से रबी की कुंडली में अभूतपूर्व परिवर्तन आया है।
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंसंपादकीय (Editorial) में भारत में कृषि, कृषि नीतियों, किसानों की प्रतिक्रिया और भारतीय परिदृश्य में इसकी प्रासंगिकता से संबंधित नवीनतम समाचार और लेख शामिल हैं। संपादकीय (Editorial) में अतिथि पोस्ट और आजीविका या ग्रामीण जीवन से संबंधित लेख भी शामिल हैं।
18 अक्टूबर 2022, भोपाल । जल ही जीवन है – मानसून पूरी तरह गया नहीं और रबी का मौसम आ चुका है। अनचाही वर्षा से किसान त्रस्त है। पिछले कुछ दशक से रबी की कुंडली में अभूतपूर्व परिवर्तन आया है।
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंशशिकांत त्रिवेदी, वरिष्ठ पत्रकार, मो. : 9893355391 18 अक्टूबर 2022, भोपाल । क्या भारत अभिनव खेती की ओर बढ़ रहा है ? – किसान के सरकार की प्राथमिकता सूची में शीर्ष पर होने के कारण, खेती में नवाचार आजकल सार्वजनिक
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंकृषि मंत्री के जन्म-दिन पर विशेष क्रांतिदीप अलूनेउप संचालक, जनसम्पर्क 6 अक्टूबर 2022, भोपाल । जन-जन के लिए सरल, सहज और सदैव तत्पर मंत्री श्री पटेल – किसानों की जमीनी समस्याओं को बखूबी जानने वाले और उनका स्थाई हल
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंडॉ. सन्तोष पाटीदार 3 अक्टूबर 2022, भोपाल । खेती-किसानी छोड़ आंदोलन की तैयारी में किसान – पिछले साल राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर सालभर से ज्यादा धरना-रत रहे किसानों ने सरकार की वादाखिलाफी के विरोध में अब एक फिर आंदोलन
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें3 अक्टूबर 2022, भोपाल । बीज को बीजोपचार का सुरक्षा चक्र पहनायें – कृषि आदिकाल से हमारे समाज के लिये जीवनयापन का जरिया रहा है। वर्तमान की कृषि का महत्व बढ़ती जनसंख्या के चलते और भी बढ़ गया है। जबकि
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंडॉ. रजनी सिंह सासोड़े, अनुप्रिया कुलचनिया प्रथम कुमार सिंहआईटीएम यूनीवर्सिटी, ग्वालियर डॉ. प्रद्युम्न सिंहराजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विवि, ग्वालियर (म.प्र.) 28 सितम्बर 2022, जैविक खेती आज की आवश्यकता क्यों ? – जैविक खेती, खेती की पारम्परिक तरीके को अपनाकर
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें27 सितम्बर 2022, भोपाल । आया समय रबी फसलों का – मानसून की बड़ी मेहरबानी से देश-प्रदेश में औसत से अधिक वर्षा इस वर्ष मिली है। अधिक वर्षा के चलते भूमिगत जलस्तर भी बढ़ा है। खरीफ मौसम में अतिवृष्टि से
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें14 सितंबर- हिंदी दिवस कुमार कृष्णन 21 सितम्बर 2022, भोपाल । हिन्दी के हितैषी महात्मा गांधी – भांति-भांति की असंख्य विविधताओं वाले भारत में आपस के संवाद के लिए एक सामान्य भाषा की जरूरत आजादी के पहले से महसूस
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें19 सितम्बर 2022, भोपाल । खरपतवारों को कमजोर समझने की भूल कदापि न करें – कीट, रोग, खरपतवार धरा पर मानव समाज के अवतरित होने के बहुत पहले विद्यमान हो चुके थे। वातावरण मौसम, प्रकृति के अतिरेक से लड़-भिडक़र अपनी
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंअरविन्द सरदाना 13 सितम्बर 2022, भोपाल । ज्वार के जरिए खाद्य-सुरक्षा – साठ के दशक में लाई गई क्रांति ने बेहद सीमित, खासकर गेहूं-चावल की, फसलों को बढ़ावा दिया था। लेकिन इसने कई पौष्टिक, कम लागत की आसान फसलों को
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