कृषि में लाभ के लिए पशुपालन, मछली पालन ए बागवानी का समन्वय आवश्यक
कृषि में लाभ के लिए पशुपालन, मछली पालन ए बागवानी का समन्वय आवश्यक – कृषि विज्ञान केन्द्र देवास द्वारा गत 29 सितम्बर को 27वी वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि डॉ. एस.के.राव, कुलपति, रा.वि.सि.कृ.वि.वि.ग्वालियर एवं अध्यक्ष डॉ. एस.एन. उपाध्याय, निदेषक विस्तार सेवायें,एवं विषिष्ट अतिथि डॉ. डी.एच.रानाडे, अधिष्ठाता कृषि संकाय, ग्वालियर, डॉ. सुषील चतुर्वेदी, अधिष्ठाता, झांसी विष्वविद्यालय, डॉ. सांई प्रसाद, निदेषक, गेहूं अनुसंधान केन्द्र, इंदौर, डॉ. एच.एस.यादव, पूर्व डॉ. यू.पी.एस.भदौरिया, अधिष्ठाता, कृषि कॉलेज खंडवा, डॉ. आलोक देषवाल, प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख, कृषि विज्ञान केन्द्र इंदौर, डॉ. दुष्यंत भगत, वरिष्ठ वैज्ञानिक, डॉ. नीरज सांवलिया, उप-संचालक, उद्यानिकी, डॉ. एम.एल.सोलंकी, उप-संचालक, आत्मा आदि उपस्थित थे। केन्द्र के प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ.ए.के.दीक्षित द्वारा 6 माह की गतिविधियों का प्रगति प्रतिवेदन एवं आगामी 6 माह की कार्ययोजना के बारे में प्रस्तुतीकरण दिया।
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कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुलपति डॉ. एस.के.राव ने कहा कि कृषि में पषुपालन, मछली पालन व उद्यानिकी का समन्वय अति-आवष्यक है जिससे छोटे कृषक अधिक लाभ कमा सकते हैं। अध्यक्ष डॉ. एस.एन.उपाध्याय ने फसल चक्र अपनाने के सुझाव दिये। डॉ. डी.एच.रानाडे ने पुराने जल संग्रहण ईकाईयेां के पुनरूद्धार करने पर प्रकाष डाला। डॉ. यू.पी.एस.भदौरिया ने मौसम अनुरूप प्रजातियों का चुनाव करने का सुझाव दिया। डॉ. सांईप्रसाद ने अग्रिम पंक्ति प्रदर्षनों के फैलाव का आंकलन करने के सुझाव दिये। साथ ही डॉ. सुषील चतुर्वेदी ने फसल विविधीकरण अपनाने की सलाह दी। डॉ. एन.के.गुप्ता ने जिले में उद्यानिकी फसलों के विस्तार की आवष्यकता को बताया। कार्यक्रम का आयोजन गूगल मीट एप के माध्यम से किया गया। साथ ही जिलें के अधिकारीगण केन्द्र पर उपस्थित रहे। इस बैठक में केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ. निषिथ गुप्ता, डॉ.के.एस.भार्गव, डॉ. महेन्द्र सिंह, डॉ. लक्ष्मी, डॉ. सविता कुमारी, श्री विद्याभूषण मिश्रा एवं पवन राजपूत की सराहनीय भूमिका रही।