लहसुन की खेती
लहसुन एक पाला सहिष्णु फसल है। इसके लिए विकास की अवधि में ठंडी व नम जलवायु की आवश्यकता होती है जबकि इसके पकने की अवस्था में गर्म व सूखा मौसम होना आवश्यक है। इस फसल को विभिन्न प्रकार की मिट्टियों
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंलहसुन एक पाला सहिष्णु फसल है। इसके लिए विकास की अवधि में ठंडी व नम जलवायु की आवश्यकता होती है जबकि इसके पकने की अवस्था में गर्म व सूखा मौसम होना आवश्यक है। इस फसल को विभिन्न प्रकार की मिट्टियों
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंमेमनों का चुनाव नर मेमने जिनकी उम्र तीन माह है उनका चुनाव करें। जन्म के समय उनका शरीर भार 3 से 4 किलो का हो तो सामान्यत: उनकी बढ़वार शरीर भार वृद्धि दर अच्छी रहती है। रोजाना कम से कम
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंराजस्थान के प्रतापगढ़ जिले में अरनोद तह. के ग्राम ‘माण्डवीÓ जो कि मध्य प्रदेश की पश्चिमी सीमा पर लगा है। लगभग 800 लोगों की जनसंख्या वाले इस गांव में यहां के लोगों का मुख्य काम-काज परम्परागत तरीके से चली आ
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंसमस्या – टमाटर व मिर्च के पौधे सूखते जा रहे हैं, निराकरण करने का कष्ट करें। – गंगा प्रसाद शर्मा, खण्डारसभा, राजस्थान समाधान- टमाटर तथा मिर्च के पौधों के मुरझा कर सूखने के कई कारण हैं। इनके पौधे पानी की
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंडेयरी उद्योग की सफलता उचित बछड़ा व बछड़ी प्रबंधन पर निर्भर करती है। युवा वंश का उचित प्रबंधन मृत्युदर को कम कर सकता है। इसमें खीस का महत्वपूर्ण योगदान रहता है। खीस क्या है- खीस एक गाढ़ा, पीला और मैमेरी
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंभोपाल। सहकारिता मंत्री श्री गोपाल भार्गव ने लोगों के आर्थिक विकास और प्रदेश की समृद्धि के लिये सहकारिता के नये क्षेत्र तलाशने की जरूरत बताई है। श्री भार्गव अपेक्स बैंक समन्वय भवन में सहकारिता में नवाचार विषय पर दो दिवसीय
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंसमस्या- हरी फलियों के लिये उगाई जाने वाली मटर की उपयुक्त किस्में कौन सी हैं। – रामखिलावन, नरसिंहपुर समाधान – 1.मटर की हरी फलियों के लिये शीघ्र, मध्यम व देर से पकने वाली किस्में उपलब्ध हैं। शीघ्र पकने वाली किस्मों
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंप्राणियों का संपूर्ण शरीर रंगीन है। शरीर के समस्त अवयवों का रंग अलग-अलग है। शरीर की समस्त कोशिकाएँ भी रंगीन हैं। शरीर का कोई अंग रुग्ण (बीमार) होता है तो उसके रसायनिक द्रव्यों के साथ-साथ रंगों का भी असंतुलन हो
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंभोपाल। भारतीय जीवन बीमा निगम अपनी स्थापना की 59वीं वर्षगांठ मना रहा है। एलआईसी ने जनमानस में जीवन बीमा की जागरूकता का निर्माण करने में तथा जनता का पैसा, जनता के हित में निवेश करने में महती भूमिका निभाई है।
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंनिजी उर्वरक विक्रेताओं के प्रति सरकार का रवैया नकारात्मक है, इस दिशा में सरकार-प्रशासन पूर्वाग्रह से ग्रस्त है। संभवत: निजी क्षेत्र व शासन, प्रशासन के मध्य संवाद की कमी से ऐसा हो रहा है इसी कमी को दूर करने के
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