Month: September 2015

Uncategorized

खाद्य पदार्थों के बाजारीकरण की जरुरत

जबलपुर। जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय में फूड सेफ्टी फस्ट कम्पनी नई दिल्ली के मुख्य कार्यपालन अधिकारी तथा विषय विशेषज्ञ श्री उज्जवल कुमार ने ”खाद्य सुरक्षा एक्ट 2006 और खाद्य सुरक्षा प्रबंधन विषय पर आयोजित व्याख्यान कार्यक्रम में भारत में चल

आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें
Uncategorized

कृषि तकनीकी सप्ताह का समापन

सीहोर। सी. आर. डी. ई. कृषि विज्ञान केन्द्र, सेवनियां, जिला – सीहोर द्वारा कृषि तकनीकी सप्ताह का समापन किया गया। इस अवसर पर कृषि विज्ञान केन्द्र, सेवनियॉ, जिला – सीहोर में कृषक सेमिनार सह भ्रमण विषय: समन्वित कृषि प्रणाली का

आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें
Uncategorized

उर्वरक सचिव श्री विश्नोई आरसीएफ में

मुम्बई। श्री अनुज कुमार विश्नोई आईएएस सचिव उर्वरक भारत सरकार ने गत सप्ताह आरसीएफ लि. के ट्रॉम्बे संयंत्र का अवलोकन किया। कम्पनी के सीएमडी श्री आरजी राजन ने आपको प्लांट ऑपरेशन की जानकारी दी। इस अवसर पर श्री अशोक घसघसे

आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें
Advertisements
Uncategorized

सल्फर मिल्स के फर्टिस से पाएं भरपूर उत्पादन

इंदौर। सल्फर मिल्स के उर्वरक फर्टिस से पौधों का समुचित विकास होता है। पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। फल और फूल अत्यधिक मात्रा में आते हैं, जिससे किसानों को भरपूर लाभ मिलता है। फलदार पौधों जैसे पपीता, केला

आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें
Editorial (संपादकीय)

रबी सरसों की खेती

मृदा व उसकी तैयारी सरसों की खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी सर्वाधिक उपयुक्त होती है। भूमि का पी.एच. मान 7-8 के बीच अर्थात् उदासीन से हल्की क्षारीय मिट्टी सरसों की खेती के लिए अच्छा रहता है। सरसों की खेती

आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें
Uncategorized

मटर से आये बहार

जलवायु यह शीत ऋतु की फसल है। एवं ठण्डे मौसम में अच्छा उत्पादन देती है। अंकुरण के लिये 22 डिग्री सेल्सियस तापक्रम की आवश्यकता होती है। पुष्पन अवस्था में पाला फसल को बहुत अधिक नुकसान पहुंचा सकता है। अत: मटर

आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें
Advertisements
State News (राज्य कृषि समाचार)Uncategorized

सोयाबीन विरुद्ध मानसून

हालांकि देश एवं प्रदेश में तिलहनी फसलों की बोनी गत वर्ष से अधिक रकबे में हुई है। देश में तिलहनी फसलों की बुवाई 182 लाख हेक्टेयर में की गई है इसमें सोयाबीन की बोनी 115 लाख हेक्टेयर में होने का

आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें
Uncategorized

फसलों में हानि का आकलन कैसे ?

कृषि भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी है, देश की लगभग 20 प्रतिशत योगदान रहता है। और यह क्षेत्र भारत की 60 प्रतिशत जनसंख्या को रोजगार प्रदान करता है, बीसवीं शताब्दी के उत्तराद्र्ध से कृषि क्षेत्र में अभूतपूर्व परिवर्तन

आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें
Horticulture (उद्यानिकी)

बागवानी में प्लास्टिक मल्चिंग का प्रयोग

प्लास्टिक मल्चिंग (पलवार) क्या है: प्लास्टिक मल्चिंग पौधों के चारों तरफ की भूमि को प्लास्टिक फिल्म से व्यवस्थित रुप से ढकने की क्रिया है। वर्तमान में प्रयोग में लाए जाने वाले प्लास्टिक फिल्म विभिन्न रंगों एवं मोटाई में उपलब्ध है।

आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें
Animal Husbandry (पशुपालन)

मछली पालन के लिए स्थान, जल और मिट्टी है खास

तालाबों का निर्माण ऐसे स्थान पर किया जाये, जहां की मिट्टी में अच्छी उर्वराशक्ति हो और जल का रिसाव न हो। तालाब ऐसे स्थान में निर्मित किये जायें जहां मीठे जल के स्रोत हों तथा उनके क्षतिग्रस्त होने की संभावना

आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें