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किसानों तक तकनीक की पहुंच में निजी क्षेत्र सहायक होंगे : आर.जी. अग्रवाल

धानुका ने उत्कृष्ट किसानों को किया सम्मानित

भोपाल। किसानों की आमदनी को वर्ष 2022 तक दुगनी करने के लक्ष्य को हासिल करने के लिये सिंचाई, उन्नत तकनीक व बाजार की उपलब्धता को सुनिश्चित करना होगा। सिंचाई व तकनीक से कृषि उपज में वृद्धि होगी, इस कृषि उपज का उचित मूल्य किसान को मिले, इसके लिये सुदृढ़ बाजार व्यवस्था बनानी होगी। ये विचार धानुका समूह के चेयरमेन श्री आर.जी. अग्रवाल ने प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए व्यक्त किये। धानुका ने खेती की आधुनिकतम तकनीक अपनाने के लिये दूसरे किसानों को प्रोत्साहित करने वाले 7 किसानों को सम्मानित भी किया। इस अवसर पर डॉ. एस.आर. शर्मा पूर्व गन्ना आयुक्त, धानुका एग्रीटेक लि. के रेसीडेन्ट डायरेक्टर श्री चेतन सरावगी, डेव्हलपमेंट हेड वेस्ट श्री सतीश बेलसरे, उप -महाप्रबंधक श्री संजय सिंह भी उपस्थित थे।

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 किसान हुए सम्मानित (क्षेत्र : एकड़ में)   
किसान फसल क्षेत्र ग्राम/जिला
बलराम सिंह मुकाती प्याज 30 चिटावलिया, सीहोर
प्रदीप त्यागी सोयाबीन 100 दोबरा, सीहोर
नरेन्द्र सिंह ठाकुर प्याज 25 खारखेड़ी, सीहोर
ब्रजेन्द्र रघुवंशी चना 30 बतेरा, रायसेन
सुरेन्द्र पटेल प्याज 25 समनापुर, रायसेन
उमेश लोधी टमाटर 200 मुकालवाडा, रायसेन
उदय पटेल गन्ना 35 रेहतवाडा, होशंगाबाद

श्री अग्रवाल ने कहा कि कृषि में सिंचाई के लिये पानी उपलब्ध कराने के लिए हमें बांधों के विस्तार तथा प्रधानमंत्री सिंचाई योजना में और अधिक प्रयास करने होंगे। खेती की आधुनिक तकनीक को किसानों तक पहुंचाने के लिये कृषि आदान के क्षेत्र में कार्यरत निजी कम्पनियां सरकार को इस कृषि विस्तार अभियान में सहयोग दे सकती हैं। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान के नारे की चर्चा करते हुए कहा कि इसकी सार्थकता तभी है जब वास्तव में विज्ञान खेत और किसान तक पहुंचे। इस कार्य में निजी क्षेत्र अच्छी भूमिका निभा सकता है। श्री अग्रवाल ने कृषि उपज के लाभप्रद मूल्य की चर्चा करते हुए कहा कि किसान को सीधे उपभोक्ता से जोडऩे की बाजार रणनीति किसान की आमदनी बढ़ा सकती है। इस दिशा में स्वयं सहायता समूहों, फार्मस प्रोड्यूसर कम्पनियों का और अधिक गठन सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने म.प्र. सरकार की भावान्तर भुगतान योजना की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस तरह की योजनाएं भी किसान को उसकी उपज और मेहनत का वाजिब मूल्य दिला सकती है।

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