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पशुओं के लिये घर पहुंचेगा डॉक्टर 30 अप्रैल से

भोपाल। प्रदेश के भोपाल, जबलपुर, इंदौर, रायसेन, हरदा, देवास, बड़वानी, अलीराजपुर, सतना और उज्जैन जिलों में 30 अप्रैल से फोन नम्बर 1962 पर कॉल करने पर पशुओं के लिये घर पहुँच चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त से यह व्यवस्था सभी 51 जिलों में लागू हो जायेगी। पशुपालन मंत्री श्री अन्तरसिंह आर्य ने यह जानकारी वित्त मंत्री श्री जयंत मलैया की अध्यक्षता में ऐरा प्रथा की रोकथाम के लिये हुई सर्वदलीय समिति की बैठक में दी। बैठक में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री गोपाल भार्गव, कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन, विधायक श्री शंकर लाल तिवारी और श्रीमती ऊषा चौधरी मौजूद थे।

सुझाव

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  • ऐरा प्रथा पर रोक लगे
  • वन भूमि पर पशुओं की चराई हो
  • कांजी हाऊस फिर से खुलें
  • पशुओं के बधियाकरण पर बल

समिति ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में पशुपालकों द्वारा गौवंश को खुला छोडऩे से निराश्रित गौवंश में वृद्धि हुई है। इससे न केवल सड़क हादसे, बल्कि किसानों की फसलों को भी नुकसान पहुंच रहा है। श्री गोपाल भार्गव ने कहा कि पहले वन भूमि पर गायें चराने की परम्परा थी। वन विभाग से चरणोई के लिये वन भूमि निर्धारित करने की बात की जायेगी। वन में चरने से दुर्घटना और खेत दोनों बचेंगे। श्री गौरीशंकर बिसेन ने कहा कि काँजी हाउस प्रथा दुबारा शुरू हो। वित्त मंत्री श्री जयंत मलैया ने आवारा पशुओं के बधियाकरण कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ पूरा करने पर बल दिया। कृषि उत्पादन आयुक्त श्री पी.सी. मीणा, अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्री इकबाल सिंह बैस, प्रमुख सचिव पशुपालन श्री अजीत केशरी और संचालक श्री रोकड़े भी बैठक में मौजूद थे।

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