Reliance Foundation (रिलायंस फाउंडेशन)

रिलायंस फाउण्डेशन की किसानों को सलाह

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  • गेहूं की फसल में अनावृत कंडुआ रोग से ग्रसित बालियाँ स्वस्थ बालियों की तुलना में पहले निकल आती है। और इस रोग से ग्रसित बालियाँ काले रंग की होती है। इसमें काले रंग कि धूल भरी होती है इस समस्या से निपटने के लिए ऐसी बाली को हमें निकाल कर प्लास्टिक की थैलियों में डाले और गड्डा खोद कर दबा देना चाहिए व आधा किलो मैन्कोजेब 250 लीटर पानी में घोल बनाकर घोल बनाकर प्रति एकड़ छिड़काव करना चाहिए।
  • गेहूं की फसल की कटाई के समय दानों में नमी 18 से 20 प्रतिशत होने पर, दानों को दांत से दबाने पर कट की आवाज नहीं आती, लेकिन दाना टुकड़े में बट जाए, तब फसल की कटाई करें। फसल के अधिक सूखने का इंतजार न करें।
  • चने, मसूर की फसल की फलियाँ 90 से 95 प्रतिशत पक गई हों तथा पत्तियाँ झड़ गयी हो, तब फसल की कटाई प्रारम्भ कर दें।
  • सिंचाई सुविधा उपलब्ध होने पर जायद फसल जैसे मूंग, मक्का, मूंगफली, भिण्डी एवं कद्दू सब्जियों की बोनी की तैयारी करें।
  • मूँग की बीज दर 8-10 किलोग्राम प्रति एकड़ रखें। मूँग बीज को कार्बेण्डाजिम 2 ग्राम या कार्बेण्डाजिम 1 ग्राम+ 2 ग्राम थाइरम या ट्रायकोडरमा 5 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज की दर से उपचार करें।
  • गेहूं की फसल को कम्बाइन हार्वेस्टर से कटाई के बाद, फसल के ठूठ या अवशेषों का ट्रैक्टर चालित भूसा बनाने वाली मशीन (स्ट्रा-रीपर) से भूसा बना सकते है। स्ट्रा-रीपर से भूसा बनाने के बाद खेत में ट्रैक्टर चालित रोटावेटर से जुताई करने से फसल अवशेष बारीक हो कर मिट्टी में मिल जाते है, जिससे फसल अवशेष खेत में सड़कर खाद का काम करेगी।

उद्यानिकी

  • कद्दूवर्गीय सब्जियों की फसलों हेतु खेत की तैयारी कर उन्नत बीज की बुआई करें। बुआई हेतु 150 सेमी की दूरी पर नालियां बनाए उनमें 100 सेमी की दूरी पर थाले बनाएं व थाले में 10 किलो गोबर की खाद, क्रमश: 10 ग्राम यूरिया, 25 ग्राम एसएसपी, 10 ग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश प्रति थाला डालकर बुआई करें।
  • कद्दूवर्गीय सब्जियों के नवीन अंकुरित पौधों को कीटों से बचाने हेतु नीम तेल 20 मिली/प्रति लीटर पानी के हिसाब से घोल बनाकर छिड़काव करें।
  • टमाटर, भिन्डी, बैंगन व हरी मिर्च की की फसल में रसचूसक कीटों के नियंत्रण के लिए इमिडाक्लोप्रिड या थायोमिथाक्सम दवा 0.35-0.45 ग्राम मात्रा प्रति लीटर की दर से घोल बनाकर छिड़काव करें।

पशुपालन

  • खुरपका मुँहपका एवं एक टंगिया रोग के टीकाकरण पशुचिकित्सक की सलाह से करवाएं।
  • दुग्ध उत्पादन बढ़ाने हेतु साफ पानी, हरे एवं शुष्क चारे के मिश्रण के साथ दाना खिलावें।
    अधिक जानकारी के लिए सुबह 9:30 से शाम 7:30 के मध्य टोल फ्री नं 18004198800 पर संपर्क करें।

कृषि, पशुपालन, मौसम, स्वास्थ, शिक्षा आदि की जानकारी के लिए जियो चैट डाउनलोड करें-डाउनलोड करने की प्रक्रिया:-

  • गूगल प्ले स्टोर से जियो चैट एप का चयन करें और इंस्टॉल बटन दबाएं।
  • जियो चैट को इंस्टॉल करने के बाद, ओपन बटन दबाएं।
  • उसके बाद चैनल बटन पर क्लिक करें और चैनल Information Services MP का चयन करें।
  • या आप नीचे के QR Code को स्कैन कर, सीधे Information Services MP चैनल का चयन कर सकते हैं।

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टोल फ्री नं.18004198800 पर
संपर्क करें सुबह 9.30 से शाम 7.30 बजे तक
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