Reliance Foundation (रिलायंस फाउंडेशन)

रिलायंस फाउण्डेशन की किसानों को सलाह

Share
  • गेहूं की फसल में फूल एवं बालियों में दाना बनाने की अवस्था पर सिंचाई की व्यवस्था अवश्य करें।
  • चने की फ़सल में इल्ली के आक्रमण की संभावना है, अत: फसल की सतत निगरानी रखें व प्रति मीटर 2 से 3 इल्ली होने पर ट्रिईजोफास दावा की 800.0 मिली /हेक्टेयर का छिड़काव करें।
  • सरसों और सेम पर सबसे अधिक नुकसान पहुंचाने वाला कीट माहू है। फसल के अग्र भाग या पत्तियों पर ये कीट अधिक मिलते है। कीट का रंग हरा, काला या हल्के पीले रंग का होता है। इसके नियंत्रण के लिए फसल के प्रभावित भाग को तोड़कर अलग कर उसे नष्ट कर दें। अथवा नियंत्रण हेतु इमिडाक्लोप्रिड 0.5 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी के साथ छिड़काव करें।
  • गेहूं की पककर तैयार फसल की कटाई समय पर करें। कटाई पूर्व अवांछनीय पौधों को निकाल दें, जिससे दूसरे अवांछनीय बीजों की मिलावट न हो।
  • चने फलियाँ 90 से 95 प्रतिशत पक गई हों तथा पत्तियाँ झड़ गयी हों, तब फसल की कटाई प्रारम्भ कर दें। फसल के अधिक सूखने का इंतजार न करें, फसल अधिक सूखने पर दानों के बिखरने से हानि का अंदेशा रहता है। कटाई के बाद शीघ्र छोटे-छोटे ढेर बनाकर खेत में सुखाकर गहाई करें।
  • ग्रीष्मकालीन मूँग की उन्नत जातियां-हम-16,12, पीडीएम-139, जवाहर मूँग -721, के-86, पूसा-16 जो 60 से 75 दिन में तैयार हो जाती है।
  • मूँग की बीज दर 20 से 25 किलोग्राम प्रति हेक्टर तथा कतार से कतार 20-25 सेमी एवं पौधे से पौधे 10 सेमी रखें।
  • ग्रीष्मकालीन मूँग बुवाई से पूर्व बीज को फफूँदनाशक, कर्बेंडाइजिम या डाइथेन एम-45 से 2.5 ग्राम प्रति किलो बीज की दर से उपचारित करें।
  • भंडारण के दौरान भण्डार गृह की दीवार तथा बोरी के ढेर अथवा दो बोरों के बीच में निरीक्षण एवं भंडारण मे हवा के संचार हेतु कम से कम 30 सेमी का अंतर रखें। तथा बोरियों के ढेर की ऊंचाई, विशेषकर बीजों के लिए 3 मीटर से अधिक नहीं रखना चाहिए, अन्यथा बीज के अंकुरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

उद्यानिकी

  •  ग्रीष्मकालीन भिण्डी, बरबटी, ग्रीष्मकालीन मक्का आदि के उत्पादन के लिए खेत की तैयारी कर बीज की बोआई करें। मिर्च, टमाटर, बैंगन, आदि की पौध तैयार करें।
  • संतरे की फसल में कोच्चि बीमारी के नियंत्रण के लिए इमिडाक्लोप्रिड 5 मि.ली. को 15 लीटर पानी में घोल बनाकर पेड़ पर छिड़काव करें।

पशुपालन

  • दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए दाना, हरे एवं शुष्क चारे का संतुलित मिश्रण पशुओं को खिलायें। एक वयस्क जानवर को प्रतिदिन 6 किलो सूखा चारा और 15-20 किलो तक हारा चारा, जिसमे फलीदार और बिना फलीदार हरे चारे को समान अनुपात में मिलाकर खिलायें।
    अधिक जानकारी के लिए सुबह 9:30 से शाम 7:30 के मध्य टोल फ्री नं 18004198800 पर संपर्क करें।

कृषि, पशुपालन, मौसम, स्वास्थ, शिक्षा आदि की जानकारी के लिए जियो चैट डाउनलोड करें-डाउनलोड करने की प्रक्रिया:-

  • गूगल प्ले स्टोर से जियो चैट एप का चयन करें और इंस्टॉल बटन दबाएं।
  • जियो चैट को इंस्टॉल करने के बाद, ओपन बटन दबाएं।
  • उसके बाद चैनल बटन पर क्लिक करें और चैनल Information Services MP का चयन करें।
  • या आप नीचे के QR Code को स्कैन कर, सीधे Information Services MP चैनल का चयन कर सकते हैं।

qur code

टोल फ्री नं.18004198800 पर
संपर्क करें सुबह 9.30 से शाम 7.30 बजे तक
Share
Advertisements

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *