राज्य कृषि समाचार (State News)

डिजिटल रूप में खरीफ फसलों की गिरदावरी करेंगे युवा

16 जुलाई 2025, इंदौर: डिजिटल रूप में खरीफ फसलों की गिरदावरी करेंगे युवा – खरीफ/रबी/जायद फसलों की गिरदावरी कार्य में पारदर्शिता लाने हेतु भारत सरकार द्वारा डिजिटल क्रॉप सर्वे का कार्य प्रारंभ किया गया है। जारी खरीफ मौसम की फसलों की गिरदावरी का कार्य भी डिजिटल क्रॉप सर्वे से किया जायेगा। इसके लिए इच्छुक युवाओं से आवेदन आमंत्रित किये गए है। डिजिटल क्रॉप सर्वे का कार्य प्रत्येक मौसम हेतु लगभग 45 दिवस का रहता है, जिसमें जिओ फेंस (पार्सल लेवल) तकनीक के माध्यम से खेत में बोई गई फसल का फोटो खींचकर फसल सर्वेक्षण का कार्य नियत अंतराल में पूर्ण किया जाता है। इस योजना में मौसम खरीफ 2025 डिजिटल क्रॉप सर्वेक्षण हेतु सर्वेयर पंजीयन का कार्य प्रारंभ हो गया है।

मध्यप्रदेश भू अभिलेख नियमावली के अनुसार फसल गिरदावरी कार्य वर्ष में 03 बार (मौसम खरीफ/रबी/जायद) में सारा एप के माध्यम से संपन्न किया जाता है। उक्त कार्य हेतु ग्राम के स्थानीय युवा/निकटतम ग्राम पंचायत के निवासी जिनकी आयु 18 वर्ष से 40 वर्ष के मध्य हो एमपी भू-लेख पोर्टल पर पंजीयन के लिए पात्र है। इसमें आधार ओटीपी से पंजीकरण भू-लेख पोर्टल के माध्यम से होगा पटवारी द्वारा ग्राम आवंटन किया जाएगा। युवा द्वारा सारा एप के माध्यम से कार्य संपादित किया जायेगा। न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता कक्षा 8वीं उत्तीर्ण निर्धारित की गई है तथा उनके पास  मोबाइल फोन में इंटरनेट उपलब्ध हो।  राशि भुगतान पंजीयन कार्य हेतु स्थानीय युवा को प्रति सर्वे नम्बर प्रथम फसल हेतु राशि 8 रुपये एवं प्रत्येक अतिरिक्त दर्ज फसल हेतु राशि 2 रुपये प्रति सर्वे नम्बर अधिकतम राशि 14 रुपये देय होगी, भुगतान की कार्यवाही संबंधित क्षेत्र के जो संबंधित तहसीलदार द्वारा नियत राशि के सत्यापन उपरान्त आधार से लिंक बैंक खाता में स्थानीय युवा सर्वेयर को पोर्टल के माध्यम से की जाएगी।

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किसान स्वयं भी अपनी फसलों की गिरदावरी एमपी किसान एप के माध्यम से कर सकते हैं। डिजिटल क्रॉप सर्वे एमपी किसान एप प्ले स्टोर से डाउनलोड करने के उपरांत मोबाईल ओटीपी के माध्यम से लॉगिन किया जा सकता है। एमपी किसान एप के माध्यम से फसल स्व-घोषणा की जानकारी जियो फेंस तकनीक के माध्यम से फसल का फोटो खींचकर दर्ज की जा सकेगी एवं पूर्व से दर्ज फसल के विरूद्ध दावा/आपत्ति की जानकारी भी एमपी किसान एप के माध्यम से दर्ज की जा सकेगी।

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