राज्य कृषि समाचार (State News)

मध्य प्रदेश में गेहूं खरीदी 2025: QR कोड और कंट्रोल सेंटर से होगी सख्त निगरानी

26 अप्रैल 2025, भोपाल: मध्य प्रदेश में गेहूं खरीदी 2025: QR कोड और कंट्रोल सेंटर से होगी सख्त निगरानी – मध्य प्रदेश सरकार गेहूं खरीदी और राशन वितरण को पूरी तरह पारदर्शी और भरोसेमंद बनाने के लिए बड़े कदम उठा रही है। बुधवार को मंत्रालय में हुई खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गेहूं खरीदी 5 मई तक पूरी करने और राशन वितरण को बेदाग बनाने के सख्त निर्देश दिए। 

QR कोड और CCTV से हेराफेरी पर लगाम

बैठक में बताया गया कि खाद्यान्न की बोरियों और वेयरहाउस में QR कोड लगाए जाएंगे। इसके साथ ही सभी वेयरहाउस में CCTV कैमरे भी लगाए जा रहे हैं। भोपाल में एक अत्याधुनिक कंट्रोल कमांड सेंटर बनाया जा रहा है, जो खाद्यान्न वितरण, उचित मूल्य दुकानों और स्टॉक की रियल-टाइम निगरानी करेगा। इन कदमों का मकसद है कि गेहूं खरीदी और वितरण में किसी भी तरह की गड़बड़ी न हो।

गेहूं खरीदी और भुगतान का प्लान

मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि गेहूं खरीदी में पारदर्शिता बरतनी होगी और किसानों को समय पर पैसे मिलने चाहिए। स्लॉट बुकिंग की आखिरी तारीख 30 अप्रैल है, और 5 मई तक सभी बुकिंग वाले किसानों से गेहूं खरीद लिया जाएगा। प्रदेश में गेहूं 2,600 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जा रहा है, जिसमें 175 रुपये का बोनस भी शामिल है।

राशन और दूसरी योजनाओं पर जोर

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत प्रदेश में 1 करोड़ 31 लाख 34 हजार परिवारों को 29 श्रेणियों में राशन दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने सभी राशन कार्डधारकों की ई-केवाईसी जल्द पूरी करने को कहा, ताकि किसी भी पात्र व्यक्ति को राशन लेने में दिक्कत न हो। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि कोई भी जरूरतमंद राशन से वंचित न रहे।

मुख्यमंत्री ने श्रीअन्न जैसे मक्का, कोदो-कुटकी को स्व-सहायता समूहों और उचित मूल्य दुकानों के जरिए बेचने की बात कही। इससे इन फसलों की डिमांड बढ़ेगी और किसानों को ज्यादा फायदा होगा। इसके अलावा, उज्जवला योजना की सब्सिडी और घरेलू गैस पाइपलाइन जैसी योजनाओं को तेजी से लागू करने के लिए भी निर्देश दिए गए।

कंट्रोल सेंटर का रोल

भोपाल में बन रहा कंट्रोल कमांड सेंटर खाद्यान्न प्रबंधन को और मजबूत करेगा। यह सेंटर उचित मूल्य दुकानों पर नजर रखेगा और स्टॉकिंग की हर गतिविधि को लाइव मॉनिटर करेगा। इससे खाद्यान्न वितरण में गड़बड़ी की आशंका खत्म होगी।

मध्य प्रदेश सरकार तकनीक के दम पर गेहूं खरीदी और राशन वितरण को नया आयाम दे रही है। अब यह देखना बाकी है कि ये कदम जमीन पर कितने कारगर साबित होते हैं।

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