स्वस्थ सेहत के लिए क्या करें
06 अगस्त 2024, भोपाल: स्वस्थ सेहत के लिए क्या करें –
- जब नींद न आये- पैर के नाखूनों पर तेल लगायें। भांग पीस कर तलुवों पर लगायें, जल्द नींद आ जायेगी.
- तुलसी के एक मुट्ठी भर पत्ते तकिये के नीचे रख दें.
- नेत्रज्योति- रोज नहाने से पूर्व पांव के अंगूठों में सरसों का तेल मलें, नेत्रज्योति बुढ़ापे तक कमजोर नहीं होगी.
- मोतियाबिन्द- रोज माथे पर असली चंदन घिस कर लगायें, मोतियाबिन्द नहीं होगा.
- दीर्घायु- जिस दिन बच्चा पैदा हो, उस दिन से 10 दिन तक लगातार बच्चे को असली सोने के चावल का आठवा भाग घिस कर थोड़ा सा जल मिला कर चटायें.
- आंखें दुखना – यदि यह महसूस हो कि आंखों में दर्द होने वाला है या फिर दर्द आरंभ हो गया हो तो ऐसी स्थिति में उसी समय उसी ओर के कान में रुई ठूस लें. यदि दोनों आंखों में दर्द है, तो दोनों कानों में रुई ठूंस लें. 2-3 घंटे के लिए दर्द ठीक हो जायेगा.
- हर प्रकार की खांसी दूर करें- गुदा पर दिन भर में 3-4 बार तेल चुपड़ते रहें, खांसी दूर हो जायेगी.
- पसली में दर्द- हींग को गरम पानी में घोल कर दर्द वाली पसली पर लेप करें, पसली का दर्द ठीक होगा.
- दाद, खाज, सिर की गंज- पका हुआ केला (केले का गूदा) नींबू के रस में पीस कर मलहम की तरह प्रभावित जगह पर लेप करें. इससे दाद, खाज, गंज में लाभ होगा.
- खूनी बवासीर में भुने हुए चने गरम-गरम खाने से आराम मिलता है.
- जब दस्त हो रहे हों– लौकी का रायता खायें.
- पैर के तलवे में जलन हो रही हो तो लौकी को काट कर तलवे पर मलें.
- हल्के दस्त में काली चाय (बिना दूध) में नींबू निचोड़ कर पियें.
- हृदय रोगियों के लिए पेय- जामुन, आम, अर्जुन की छाल ले कर दरदरा कूट लें रात को एक गिलास पानी में उसे भिगो दें, सुबह इसे छान कर एक चम्मच शहद के साथ मिलाकर इसे पी जायें, यदि साथ ही मधुमेह भी हो, तो शहद न डालें, बल्कि रात में उस गिलास में मेथी के दाने भी भिगो दें. मेथी मधुमेह को नियंत्रित करता है.
- जुकाम के रोगी को हर चीज गर्म ही खानी चाहिए, जैसे खाना, चाय, कॉफी, सूप, दाल आदि. पीने का पानी गुनगुना होना चाहिए, अचार, चटनी, फ्रिज में रखी चीज या ठंडी चीज न लें.
- जिन बच्चों का कद धीरे-धीरे बढ़ता हो (ज्यादातर 8-10 साल की उम्र के बीच के बच्चों के लिए)- एक खजूर, चार काली किशमिश, एक कप साफ पानी में रात को भिगोयें. सुबह दूध के साथ उन्हें खाने को दें या दूध में डालकर खाने को दें.
- तोतलेपन- इस समस्या से जूझने वाले बच्चों को कुछ समय तक रोज एक हरा ताजा आंवला खिलायें. लाभ होगा. द्य आम टॉनिक (शक्ति व स्फूर्तिदायक) आम के 11 ऐसे पत्ते, जो पेड़ पर लगे-लगे ही पीले पड़ गये हों, उन्हें एक लीटर पानी में 4-5 इलायची डालकर तब तक पकायें, जब तक पानी आधा न रह -जाये. फिर उसे उतार कर इच्छानुसार दूध, चीनी डाल कर चाय की तरह पियें. ऐसा करने से कमजोरी दूर होगी. द्य कमजोर नजर के लिये पिसी बादाम, सौंफ और मिश्री, इन तीनों को सौ-सौ ग्राम लेकर एक साथ पीस लें फिर टाइट ढक्कन वाली शीशी में बंद कर रख लें. रोज रात एक चम्मच भर कर दूध के साथ सेवन करें, इससे नेत्रदृष्टि अच्छी हो जायेगी I
- बादाम का हलवा, दूध में पकाया हुआ छुहारा, मीठा अनार, प्याज का रस, नारियल की गिरी और दूध की खीर, उड़द दाल का लड्डïू, गन्ना रस, सौंठ और काली मिर्च तथा मैथी का लड्डू बहुत फायदेमंद है। योग्य वैद्य की सलाह अवश्य लेनी चाहिए, ताकि अपने शरीर के अनुकूल पथ्य-अपथ्य का चयन किया जा सके।
- चिकनाईयुक्त, मधुर, लवण और अम्ल रस वाले पदार्थ का सेवन करके अपना स्वास्थ्य बनाए रखें।
- ठीक समय पर, चबा-चबाकर प्रसन्नता पूर्वक भोजन करना चाहिए। भोजन के पूर्व नींबू पानी और भोजन के पश्चात छाछ पीना लाभदायक होता हैI
- रूखे, कटु-तिक्त-कषाय, अति शीतल और वात प्रधान भोज्य पदार्थ न खाएं। अन्यथा जोड़ों के दर्द, गठिया और सायटिका से पीडि़त हो सकते हैंI
- अधिक देर तक भूखे न रहें, क्योंकि जठराग्नि की प्रबलता के कारण यथा समय भोजन नहीं करने से यह अग्रि शरीर की धातुओं को जला डालती हैI
- सेहत बनाने के लिये प्रतिदिन स्नान भी जरूरी है। कुछ लोग ठंड के डर से कई दिन तक नहाते नहीं, यह उचित नहीं। पानी कुनकुना कर लेना चाहिएI अत्यधिक ठंडा और अधिक गर्म पानी नुकसान पहुंचाता है I
- मल-मूत्र विसर्जन में आलस्य नहीं करना चाहिए। रात को सिर ढंककर सोना भी उचित नहीं होता।
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