राज्य कृषि समाचार (State News)

दलहनी फसलों की खरीदी और भुगतान में विदिशा जिला प्रथम

10 मई 2025, विदिशा: दलहनी फसलों की खरीदी और भुगतान में विदिशा जिला प्रथम – मप्र राज्य सहकारी विपणन संघ के प्रबंध संचालक आईएएस श्री आलोक कुमार सिंह ने  शुक्रवार को विदिशा जिले के प्रवास के दौरान जिला उपार्जन कमेटी के सदस्यों के साथ चना, मसूर एवं सरसों उपार्जन केन्द्र सेवा सहकारी समिति सांकलखेड़ा गिरधर वेयरहाउस एवं देवखजूरी गिरिराज वेयरहाउस का निरीक्षण किया। उन्होंने निरीक्षण के दौरान किसानों से चर्चा एवं किसानों के भुगतान की समीक्षा की।

रबी विपणन वर्ष 2025-26 हेतु विदिशा जिले में चना, मसूर एवं सरसों के 72 उपार्जन केन्द्र संचालित  किए गए  हैं। इन उपार्जन केन्द्रों में कुल 19893 किसानों से 49336  मीट्रिक . टन की खरीदी की गई है।जिसमें 2640 किसानों से चना 7670  मीट्रिक  टन, मसूर 16699 किसानों  से 40168  मीट्रिक .टन  एवं 554  किसानों से सरसों 1498  मीट्रिक टन  खरीदी की गई।

Advertisement
Advertisement

कलेक्टर श्री अंशुल गुप्ता के मार्गदर्शन में क्रियान्वित उपार्जन कार्यो की जानकारी देते हुए जिला विपणन अधिकारी श्री कल्याण सिंह ने बताया कि समर्थन मूल्य पूरे प्रदेश में दलहनी फसलों की खरीदी कार्य में विदिशा जिला प्रथम स्थान पर है। जिले में चना, मसूर एवं सरसों के लिए कुल पंजीयन 50516 के विरूद्ध 19893 किसानों ने दलहन शासकीय खरीदी केन्द्रों में विक्रय किया गया है। जो कुल पंजीयन से विक्रय का 40 प्रतिशत है। दलहन उपार्जन का कार्य आगामी 31 मई 2025 तक किया जायेगा जिसमें 21 मई  तक किसानों के स्लॉट बुक किए जा सकेंगे।

श्री  सिंह ने बताया कि कुल उपार्जित मात्रा की भुगतान योग्य राशि 321.38 करोड़ के विरूद्ध 17197 किसानों को 294.32 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है। जो कुल भुगतान का गया 92 प्रतिशत  है तथा बैंक प्रक्रिया में 43.5 करोड़ की राशि (किसान संख्या 1322) है एवं 251.27 करोड़ (किसान संख्या 15875) का भुगतान किसानों के खाते में हो चुका है वहीं भुगतान की प्रक्रिया तहत  92.42 प्रतिशत भुगतान कर  विदिशा जिला प्रदेश प्रथम स्थान पर है।

Advertisement8
Advertisement

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

Advertisement8
Advertisement

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisements
Advertisement5
Advertisement