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सब्जियों की पैदावार बढ़ेगी, लेकिन प्याज का संकट गहराएगा? देखें नए आंकड़े

08 फ़रवरी 2025, नई दिल्ली: सब्जियों की पैदावार बढ़ेगी, लेकिन प्याज का संकट गहराएगा? देखें नए आंकड़े – भारत में बागवानी फसलों के उत्पादन को लेकर केंद्र सरकार ने नए आंकड़े जारी किए हैं। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वर्ष 2023-24 के अंतिम अनुमान और 2024-25 के प्रथम अग्रिम अनुमान को मंजूरी दी है।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2023-24 में बागवानी उत्पादन 354.74 मिलियन टन रहने की संभावना है, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग स्थिर है। वहीं, वर्ष 2024-25 में इसका बढ़कर 362.09 मिलियन टन होने का अनुमान है, यानी 2.07% (73.42 लाख टन) की वृद्धि।

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बागवानी क्षेत्रफल में भी हल्की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वर्ष 2023-24 में कुल बागवानी क्षेत्र 29.09 मिलियन हेक्टेयर रहने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 2.28% अधिक है I

फलों और सब्जियों का उत्पादन

  • फलों का उत्पादन 1129.78 लाख टन रहने की संभावना, मुख्य रूप से आम, केला, शरीफा और अंगूर के बढ़ते उत्पादन के कारण।
  • सब्जियों का उत्पादन 2072.08 लाख टन होने का अनुमान, टमाटर, लौकी, गोभी और गाजर की पैदावार में बढ़ोतरी देखी गई।
  • प्याज का उत्पादन 302.08 लाख टन से घटकर 242.67 लाख टन रहने की संभावना।
  • टमाटर का उत्पादन 4.40% बढ़कर 213.23 लाख टन होने का अनुमान।

सुगंधित एवं औषधीय पौधों के उत्पादन में 2023-24 के दौरान 19.44% की वृद्धि देखी गई है। वर्ष 2022-23 में इनका उत्पादन 6.08 लाख टन था, जो बढ़कर 7.26 लाख टन होने का अनुमान है। फूलों का उत्पादन भी बढ़ने की संभावना है। वर्ष 2022-23 में यह 30.97 लाख टन था, जबकि 2023-24 में इसके 35.35 लाख टन तक पहुंचने का अनुमान है। मसालों के उत्पादन में मिश्रित रुझान देखा गया है। 2023-24 में मसालों का कुल उत्पादन 124.84 लाख टन होने का अनुमान है, जिसमें जीरा, सौंफ, अदरक और लाल मिर्च जैसी फसलों की पैदावार में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। हालांकि, 2024-25 में मसालों का कुल उत्पादन घटकर 119.96 लाख टन रहने की संभावना है।

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बागान फसलों का उत्पादन

बागान फसलों के उत्पादन में भी मामूली वृद्धि दर्ज की गई है। वर्ष 2023-24 में इनका कुल उत्पादन 176.66 लाख टन रहने का अनुमान है, जो 2022-23 के 170.49 लाख टन की तुलना में अधिक है। आगामी वर्ष 2024-25 में बागान फसलों का उत्पादन 179.37 लाख टन तक पहुंच सकता है, जो पिछले वर्ष की तुलना में हल्की बढ़त दर्शाता है।

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2024-25 में क्या होगा बदलाव?

फलों के उत्पादन में मामूली बढ़त का अनुमान लगाया गया है। वर्ष 2024-25 में कुल उत्पादन 1132.26 लाख टन तक पहुंच सकता है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 2.48 लाख टन अधिक है। इसमें मुख्य योगदान आम, अंगूर और केले जैसी फसलों का रहेगा।

सब्जियों का उत्पादन भी बढ़ने की उम्मीद जताई गई है। वर्ष 2023-24 में जहां यह 2072.08 लाख टन था, वहीं 2024-25 में इसके 2145.63 लाख टन तक पहुंचने की संभावना है। इसमें प्याज, आलू, टमाटर, हरी मिर्च, फूलगोभी और मटर की पैदावार में बढ़ोतरी की उम्मीद की जा रही है।

प्याज के उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है। पिछले वर्ष इसका उत्पादन 242.67 लाख टन था, जो 2024-25 में बढ़कर 288.77 लाख टन तक पहुंच सकता है। यानी इसमें 46.10 लाख टन की वृद्धि संभावित है।

आलू उत्पादन में भी बढ़ोतरी दर्ज की जा सकती है। वर्ष 2023-24 में जहां इसका उत्पादन 595.72 लाख टन रहा, वहीं 2024-25 में यह 25.19 लाख टन अधिक होकर नया स्तर छू सकता है।

टमाटर की पैदावार में मामूली वृद्धि का अनुमान है। वर्ष 2023-24 में यह 213.23 लाख टन था, जबकि 2024-25 में यह बढ़कर 215.49 लाख टन तक पहुंच सकता है, जो 1.06% अधिक होगा।

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बाग़ान फसलों का उत्पादन भी बढ़ने की संभावना है। 2023-24 में यह 176.66 लाख टन था, जबकि 2024-25 में इसके 179.37 लाख टन तक पहुंचने का अनुमान है, यानी इसमें 1.53% की बढ़ोतरी हो सकती है।

मसालों का उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना में थोड़ा घट सकता है। 2023-24 में यह 124.84 लाख टन था, जबकि 2024-25 में 119.96 लाख टन रहने का अनुमान है। हालांकि, इसमें लहसुन और हल्दी जैसी फसलों के उत्पादन में वृद्धि देखने को मिल सकती है।

बागवानी उत्पादन में वृद्धि के ये आंकड़े किसानों के लिए राहत भरे हो सकते हैं, लेकिन प्याज जैसी फसलों में गिरावट चिंता का विषय है। वहीं, मसालों के उत्पादन में संभावित कमी भी बाजार पर असर डाल सकती है। भविष्य में इन अनुमानों पर मौसम और सरकारी नीतियों का कितना प्रभाव पड़ेगा, यह देखना होगा।

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