गेहूं, चना एवं सरसों उत्पादक किसानों को उपयोगी सलाह
05 जनवरी 2023, खंडवा: गेहूं, चना एवं सरसों उत्पादक किसानों को उपयोगी सलाह – रबी मौसम में फसलों की बोनी का कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है। फील्ड अधिकारियों एवं दैनिक अखबारों के माध्यम से गेहूं, चने एवं सरसों की फसल में माहो, दीमक, सूखना , उमलना जैसी समस्यों की सूचना मिल रही है। उप संचालक कृषि ने फसल बचाने हेतु जिले के गेहूं , चना एवं सरसों उत्पादक किसानों को उपयोगी सलाह दी गई है।
उप संचालक कृषि ने किसानों को सलाह दी है कि गेहूं की जड़ों में दीमक का प्रकोप होने पर तत्काल सिंचाई करें एवं क्लोरोपाईरीफास 50 ईसी 1 लीटर प्रति हेक्टर की दर से सिंचाई पानी के साथ बूंद- बूंद करके प्रवाहित करें या क्लोरोपाईरीफास + साईफरमेन्थ्रीन 2.5 एमएल प्रति लीटर पानी के साथ मिलाकर जड़ क्षेत्र में छिड़काव करें।
उप संचालक कृषि ने चने और सरसों की फसल के लिए भी उपयोगी सलाह दी कि चने की फसल में उमलना या फंगस फसल के पौधों के कहीं-कहीं सूखने की स्थिति में कार्बाेक्सीन + थाईरम 2.5 ग्राम प्रति लीटर पानी के साथ या कार्बेन्डाजिनम + मेन्कोजेब 2.5 ग्राम प्रति लीटर पानी के साथ मिलाकर छिड़काव करें। चने के खेत में कीट नियंत्रण हेतु टी आकार की खूटियां लगाएं। चने की फसल में चने की इल्ली का प्रकोप आर्थिक क्षति स्तर तक पहुंच जाए तो इसके नियंत्रण हेतु क्यूनालफास या प्रोपेनोफास कीटनाशी दवा को 2 मिली प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें। सरसो में माहो के प्रकोप की स्थिति में किसान भाई बीटासाईफ्लुथीन + इमिडाक्लोप्रीड 12 एमएल प्रति 15 लीटर पंप के हिसाब से छिड़काव करें।
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