रबी फसलों में नैनो उर्वरकों का उपयोग
लेखक: आर. के. एस. राठौर, राज्य विपणन प्रबंधक, इफको, रायपुर, muskantiwari@iffco.in
12 नवंबर 2024, भोपाल: रबी फसलों में नैनो उर्वरकों का उपयोग – आगामी रबी मौसम में फसलों गेहूं, चना, सरसों, आलू, मसूर आदि की बुवाई धान की कटाई के पश्चात की जाती है इन फसलों के उत्कृष्ट उत्पादन के लिए पोषक तत्व प्रबंधन एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है इन सभी फसलों में मुख्य रूप से फसलों के लिए आवश्यक कहे जाने वाले मुख्य पोषक तत्व नाइट्रोजन, फास्फोरस तथा पोटाश विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं तथा इनकी पूर्ति के लिए सामान्यत: किसान भाई यूरिया, डीएपी तथा पोटाश व एनपीके के विभिन्न ग्रेड उपयोग करते हैं। इनमें भी अधिकतम उपयोग होने वाले उर्वरकों के रूप में यूरिया तथा डीएपी उर्वरक ही हैं जिसकी कि सीजन के समय उपलब्धता भी आवश्यकतानुसार कभी-कभी नहीं हो पाती है इस हेतु हमारी सरकार को अनुदान के रूप में भारी-भरकम राशि भुगतान करने के बाद भी किसान भाइयों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
पिछले कुछ वर्षों से भारत सरकार इन कठिनाइयों से किसानों को बचाने हेतु इसके विकल्प के रूप में अन्य उर्वरकों को उपयोग हेतु लाने पर अनुसंधान एवं विचार कर रही है तथा हाल ही में उर्वरक क्षेत्र में विश्व की अग्रणी सहकारी संस्था इफको द्वारा नैनो तकनीक का प्रयोग कर उत्पादित किए गए नैनो यूरिया तथा नैनो डीएपी एक बेहतर विकल्प के रूप में किसानों के लिए उपयोग हेतु लाये गए हैं भारत सरकार व राज्य सरकार भी इनके उपयोग हेतु किसानों को प्रोत्साहित कर रही है, परंतु किसान भाई अभी काफी हद तक जानकारी व महत्व के अभाव में इसका उपयोग पूरी तरह से नहीं कर रहे हैं ।
नैनो उर्वरकों के उपयोग से होने वाले लाभ
उपरोक्त दोनों नैनो उर्वरकों यूरिया एवं डीएपी को भारत सरकार की स्वीकृति तथा उर्वरक नियंत्रण आदेश् (एफसीओ) में नोटीफिकेशन के पश्चात ही बाजार में किसानों के उपयोग के लिए लाया गया है तथा आने वाले समय में अन्य ग्रेड भी नैनो पार्टीकल के रूप में किसानों के उपयोग के लिए बाजार में उपलब्ध होंगे तथा किसानों के बीच प्रचलित होने पर सभी प्रकार से उर्वरक क्षेत्र में एक क्रांतिकारी उत्पाद साबित होंगे।
प्रयोग का तरीका
नैनो उर्वरकों का प्रयोग मिट्टी में नहीं किया जाता है इसका प्रयोग किसी भी फसल में केवल पत्तियों के ऊपर छिड़काव कर उपयोग किए जाते हैं मिट्टी में उपयोग न होने के कारण हमारी मिट्टी व भूमि जल प्रदूषण से सुरक्षित रहते हैं तथा हमारी लागत में भी कमी आती है। नैनो उर्वरकों का छिड़का के माध्यम से प्रयोग कराते समय यह विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए कि छिड़काव के समय पौधों पर पत्तियों का आकार अच्छा हो जिससे कि घोल छिड़कते समय घोल की मात्रा पत्तियों के ऊपर रुक कर अपना लाभकारी प्रभाव फसल को दे सके अन्यथा पत्तियों का आकार छोटा होने के कारण घोल की अधिकतर मात्रा जमीन पर गिर जाती है तथा नैनो उर्वरकों का लाभकारी परिणाम फसल को नहीं मिल पाता है ।
रबी फसलों में नैनो डीएपी एवं नैनो यूरिया का प्रयोग कैसे करें
नैनो डीएपी एवं नैनो यूरिया का उपयोग फसल में सही अवस्था में अनुशंसित मात्रा में करने से परम्परागत उर्वरक जैसे – दानेदार डीएपी एवं दानेदार यूरिया की उपयोग होने वाली मात्रा में 50त्न तक कमी की जा सकती है तथा उत्तम गुणवत्ता युक्त पैदावार भी बिना उत्पादन प्रभावित हुये ली जा सकती है।
नैनो उर्वरकों का फसल की विभिन्न समय/अवस्थाओं पर उपयोग का तरीका
(नैनो डीएपी बोतल के एक ढक्कन की मात्रा= 25 मि.ली.)
नैनो यूरिया का उपयोग किसी भी फसल में केवल खड़ी फसल में पत्तियों के ऊपर घोल बनाकर छिड़काव के माध्यम से किया जा सकता है।
नैनो डीएपी का उपयोग फसल की दो अवस्थाओं में किया जा सकता है जैसे सीधे बीज की बुवाई की जाने वाली फसलों में बुवाई से कुछ घंटों पूर्व नैनो डीएपी से बीज उपचार किया जाता है तथा रोपाई की जाने वाली फसलों में जड़ उपचार करके रोपाई की जा सकती है । नैनो डीएपी से बीज उपचार या जड़ उपचार किए जाने के पश्चात आवश्यकतानुसार 1-2 बार खड़ी फसल पर नैनो यूरिया के समान पत्तियों पर घोल बनाकर छिड़काव के माध्यम से उपयोग किया जा सकता है ।
नैनो यूरिया व नैनो डीएपी का एफसीओ में स्पेसीफिकेशन का विवरण निम्नानुसार है – | ||||
क्र. | विवरण | नैनो यूरिया | नैनो डीएपी | |
1 | एफसीओ में नोटीफिकेशन का दिनांक | 24 फरवरी 2021 | 2 मार्च 2023 | |
2 | कुल नाइट्रोजन (% by weight) | 1-5% | 7-9% | |
3 | कुल फास्फोरस (PwO 5% by weight) | – | 15-17% | |
4 | पीएच मान | 4.5-6.0 | 3-6 | |
5 | पार्टिकल साइज (AsperTEM Analysis) | 20-50 nm | 20-70 nm | |
6 | पार्टिकल साइज (AsperDLS Analysis) | <20-80 nm | <100 nm | |
7 | जीटा पोटेन्शियल mv (+/-Scale | >30 | >5 |
बुवाई / रोपाई के समय नैनो डी ए पी से बीज उपचार या जड़ उपचार करने की विधि
बीज उपचार
- सीधे बुवाई की जाने वाली फसलों में बुवाई के पूर्व 5 मि.ली. नैनो डीएपी (तरल) की मात्रा का प्रयोग प्रति किलो बीज की दर से करें। बीज पर एक समान रूप से घोल की परत बनाने के लिए उसमें आवश्यकता अनुसार पानी मिलाएं।
- 20-30 मिनट तक उपचारित बीजों को छांव मे सुखाने के उपरांत बुवाई करें ।
जड़ कंद से उपचार
- रोपाई वाली फसलों जैसे प्याज,लहसुन,तथा अन्य सब्जी वाली फसलों में जड़ उपचार करने के बाद ही पौधों की रोपाई की जाये।
- 5 मि.ली. नैनो डीएपी (तरल) की मात्रा का प्रयोग प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाने के लिए करें ।
- जड़/कंद/सेट को 20-30 मिनट तक उस घोल में डुबोयें, फिर छांव में सुखाने के उपरांत ट्रांसप्लांट/बुवाई करें।
खड़ी फसल पर नैनो यूरिया तथा नैनो डीएपी का छिड़काव करने का समय एवं विधि
खड़ी फसल पर सामान्य फसलों में पहला छिड़काव लगभग 30-35 दिन की अवस्था में पत्तियां अच्छी हो जाने के पश्चात नैनो डीएपी तथा नैनो यूरिया का एक साथ घोल बनाकर छिड़काव किया जा सकता है तथा दूसरा छिड़काव फसल की 50-60 दिन की अवस्था में केवल नैनो यूरिया का घोल बनाकर छिड़काव करें।
रबी की प्रमुख फसल गेहंू में 20-25 दिन की अवस्था में पहली सिंचाई के पश्चात साधारण दानेदार यूरिया की आधी मात्रा टाप ड्रेसिंग के माध्यम से उपयोग करें इस अवस्था में पौधों पर पत्तियों का आकार बहुत छोटा होने से नैनो यूरिया का घोल छिड़काव करने से कोई लाभप्रद परिणाम नहीं मिलते।
प्रथम पर्णीय छिड़काव – किसी भी फसल में पहला छिड़काव 35-40 दिन की अवस्था पर पत्तियां अच्छी हो जाने पर 4 मि.ली. नैनो डीएपी (तरल) एवं 4 मिली नैनो यूरिया की मात्रा प्रति लीटर पानी मे घोल बनाकर पौधो पर अच्छी तरह छिड़कें।
द्वितीय पर्णीय छिड़काव – किसी भी फसल में दूसरा छिड़काव 50-60 दिन की अवस्था पर पत्तियां अच्छी हो जाने पर 4 मिली नैनो यूरिया की मात्रा प्रति लीटर पानी मे घोल बनाकर पौधो पर अच्छी तरह छिड़कें। लंबी अवधि वाली या अधिक फॉस्फोरस की आवश्यकता वाली फसलों में फूल निकलने से पहले की अवस्था पर एक अतिरिक्त छिड़काव कर सकते हैं।
छिड़काव में सावधानियां
- स्प्रेयर से छिड़काव हेतु फ्लैट फैन या कट नोजल का प्रयोग करें।
- सुबह या शाम के समय छिड़काव करें जब पत्तियों पर ओस ना हों और अच्छे से अवशोषण हो सके ।
नैनो डीएपी (तरल) को सभी जैव-उत्प्रेरक, नैनो उर्वरक जैसे नैनो यूरिया (तरल), शत प्रतिशत जल-विलेय उर्वरक एवं अन्य कृषि रसायनों के साथ मिलाकर छिड़काव किया जा सकता है परन्तु छिड़काव से पूर्व अनुकूलता (Compatibility) जानने हेतु ‘जार परीक्षण’ अवश्य करें।
नैनो उर्वरकों के छिड़काव हेतु विभिन्न माध्यम नैनो उर्वरकों को छिड़काव हेतु किसी भी माध्यम का उपयोग किया जा सकता है माध्यम की क्षमता के आधार पर इनमें छिड़काव के लिए नैनो उर्वरकों की मात्रा निर्धारित की जाती है जोकि निम्नानुसार है- | |||
स्प्रेयर का प्रकार | क्षमता (लीटर) | नैनो डीएपी/यूरिया की मात्रा प्रति पंप | |
हैंड / बैटरी चालित स्प्रेयर | 15 लीटर | 60 मिली / स्प्रेयर | |
पावर स्प्रेयर | 25 लीटर | 100 मिली / स्प्रेयर | |
ट्रेक्टर चालित स्प्रेयर | 500 लीटर | 2000 मिली / टंकी | |
ड्रोन से छिडकाव | 10 लीटर | 500 मिली / ड्रोन टेंक |
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, टेलीग्राम, व्हाट्सएप्प)
(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)
कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
www.krishakjagat.org/kj_epaper/
कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: