रबी फसलों मे डीएपी के विकल्प के रूप में एन.पी.के. खाद का उपयोग करें
23 अक्टूबर 2024, भोपाल: रबी फसलों मे डीएपी के विकल्प के रूप में एन.पी.के. खाद का उपयोग करें – मध्यप्रदेश में रबी मौसम में मुख्यतः गेहूं, चना, मसूर, सरसों, अलसी, तिवड़ा इत्यादि फसलों की खेती की जाती है। धान-गेहूं खाद्यान्न फसलों की उत्पादकता प्रति हैक्टेयर अधिक होने के कारण उसमें उर्वरक डी.ए.पी., एम.ओ.पी, यूरिया की आवश्यकता अधिक होती है। जबकि दलहनी व तिलहनी फसलों चना, मसूर, सरसों व अलसी में उर्वरक की आवश्यकता कम होती है।
डीएपी से मुख्यरूप से नाइट्रोजन व फॉस्फोरस की पूर्ति होती है। जबकि एन.पी.के. जैसे उर्वरकों से नाइट्रोजन, फॉस्फोरस व पोटेशियम तीनों तत्वों की पूर्ति होती है जोकि पौधे के लिए लाभदायक हैं, अतः किसान भाई डीएपी के विकल्प के रूप में एन.पी. के. (12:32:16, 20:20:0:13, 14:35:14, 16:16:16, 10:26:26) निम्न समूहों में से किसी एक समूह का चयन करके रबी फसलों की बुवाई करें।
- प्रथम विकल्प – यूरिया, सिंगल सुपर फॉस्फेट, म्यूरेट ऑफ पोटाश.
- द्वितीय विकल्प- डीएपी, यूरिया, म्यूरेट ऑफ पोटाश.
- तृतीय विकल्प – एन.पी. के. 12:32:16, यूरिया, म्यूरेट ऑफ पोटाश.
- चतुर्थ विकल्प – एन.पी. के. 20:20:0:13, यूरिया, म्यूरेट ऑफ पोटाश.
- पंचम विकल्प – एन.पी. के. 10:26:26, यूरिया. षष्ठम विकल्प – एन.पी.के. 16:16:16, यूरिया.
फसल एवं उर्वरक N:P:K kg/ha | समूह- 1 (मात्रा किग्रा/है.) | समूह – 2 (मात्रा किग्रा/है.) | समूह- 3 (मात्रा किग्रा/है.) | ||||||
Urea | S.S.P | Μ.Ο.Ρ. | D.A.P. | Urea | M.O.P. | NPK (12:32:16) | Urea | M.O.P. | |
गेहूं असिंचित (40:20:10 | 87 | 125 | 17 | 43 | 70 | 17 | 63 | 71 | – |
गेहूं अर्द्धसिंचित (60:40:20 | 130 | 250 | 33 | 87 | 96 | 33 | 125 | 98 | – |
गेहूं सिंचित (120:60:40 | 260 | 375 | 67 | 130 | 210 | 67 | 188 | 212 | 16 |
गेहूं सिंचित (140:70:40) | 304 | 438 | 67 | 152 | 244 | 67 | 219 | 247 | 8 |
गेहूं सिंचित देरी से (80:40:30 | 174 | 250 | 50 | 87 | 140 | 50 | 125 | 141 | 16 |
चना व मसूर असिंचित (20:40:20 | 43 | 250 | 33 | 87 | 9 | 33 | 125 | 11 | – |
चना व मसूर सिंचित (20:60:20) | 43 | 375 | 33 | 130 | – | 33 | 188 | – | – |
सरसों (60:30:20) | 130 | 188 | 33 | 65 | 105 | 33 | 94 | 106 | 8 |
फसल एवं उर्वरक N:P:K (kg/ha | समूह- 4 (मात्रा किग्रा/है.) | समूह- 5 (मात्रा किग्रा/है.) | समूह- 6 (मात्रा किग्रा/है.) | |||||
Urea | NPK (20:20:0:13 | M.O.P | NPK (10:26:26) अनुमानित | Urea | UREA | NPK (16:16:16) अनुमानित | ||
गेहूं असिंचित (40:20:10) | 43 | 100 | 17 | 77 | 70 | 43 | 125 | |
गेहूं अर्द्धसिंचित (60:40:20) | 43 | 200 | 33 | 154 | 97 | 43 | 250 | |
गेहूं सिंचित (120:60:40) | 130 | 300 | 67 | 230 | 210 | 130 | 375 | |
गेहूं सिंचित (140:70:40) | 152 | 350 | 67 | 269 | 245 | 152 | 438 | |
गेहूं सिंचित देरी से (80:40:30) | 87 | 200 | 50 | 154 | 140 | 87 | 250 | |
चना व मसूर असिंचित (20:40:20 | – | 200 | 33 | 154 | 10 | – | 250 | |
चना व मसूर सिंचित (20:60:20) | – | 300 | 33 | 230 | – | – | 375 | |
सरसों (60:30:20 | 65 | 150 | 33 | 115 | 105 | 65 | 188 |
रंजीत सिंह राघव | डॉ. स्वप्निल दुबे |
वैज्ञानिक (मृदा विज्ञान) | वरिष्ठ वैज्ञानिक व प्रमुख |
कृषि विज्ञान केन्द्र, रायसेन |
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