भावांतर योजना में किसानों को फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलेगा
15 अक्टूबर 2025, नरसिंहपुर: भावांतर योजना में किसानों को फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलेगा – प्रदेश शासन के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण और जिले के प्रभारी मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि सरकार ने किसानों को उनकी सोयाबीन फसल का न्यूतनम समर्थन मूल्य देने के लिए भावांतर योजना को प्राथमिकता के साथ लागू की है, जिसका उद्देश्य किसानों को भावांतर योजना के माध्यम से न्यूनतम समर्थन मूल्य, मंडी मॉडल भाव एवं दोनों के बीच की अंतर की राशि का भुगतान किया जा सके। प्रभारी मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत शनिवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में भावांतर योजना अंतर्गत समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में मंडला सांसद श्री फग्गन सिंह कुलस्ते व नर्मदापुरम सांसद श्री चौधरी दर्शन सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती ज्योति नीलेश काकोड़िया, विधायक श्री विश्वनाथ सिंह पटेल, जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्रीमती अनीता राजेन्द्र ठाकुर, श्री रामसनेही पाठक, कलेक्टर श्रीमती रजनी सिंह, पुलिस अधीक्षक डॉ. ऋषिकेश मीना, सीईओ जिला पंचायत श्री गजेन्द्र सिंह नागेश, अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी, किसान और किसान संगठन से जुड़े सदस्य मौजूद थे। बैठक के दौरान प्रभारी मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत और अन्य जनप्रतिनिधियों ने रबी एवं खरीफ फसलों में समन्वित या एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन संबंधी पम्पलेट का विमोचन किया।
प्रभारी मंत्री श्री राजपूत ने कहा कि भावांतर योजना के संबंध में अधिकारी और किसानों के बीच चर्चा हो, जिससे किसान भावांतर योजना का लाभ उठा सकें। सरकार ने किसानों के हित में इस योजना को लागू की है। भावांतर योजना के माध्यम से किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि भावांतर योजना का लाभ लेने के लिए अधिकारी और किसान संगठन मिलकर किसानों का अधिक से अधिक संख्या में पंजीयन कराएं। मंत्री श्री राजपूत ने कहा कि किसानों का भावांतर योजना में पंजीयन कराने के लिए जिले के सभी मंडी सचिव भी अपना योगदान दे। सरकार ने किसानों की मंशा के अनुरूप भावांतर योजना लागू की है, जिससे इस योजना का लाभ किसानों को अनिवार्य रूप से मिले।
श्री राजपूत ने कहा कि जिले में भावांतर योजना के तहत सोयाबीन फसल के किसानों का पंजीयन 3 अक्टूबर से 17 अक्टूबर 2025 तक किए जा रहे हैं। पंजीयन के लिए जिले में 24 सहकारी संस्थाएं और विपणन संस्थाओं में पंजीयन केन्द्र बनाए गए हैं। किसान नजदीकी सहकारी समिति में जाकर अपना पंजीयन करा सकते हैं। इसके अलावा किसान ग्राहक सुविधा केन्द्र, एमपी किसान एप एवं एमपी ऑनलाइन कियोस्क के माध्यम से भी अपना पंजीयन करा सकते हैं। उन्होंने कहा कि किसानों का पंजीयन कराने के लिए आधार कार्ड, जमीन की पावती, समग्र आईडी, बैंक पासबुक व आधार लिंक मोबाइल नंबर जरूरी दस्तावेज है। किसान भावांतर योजना के तहत पंजीयन जरूर कराएं और सरकार की इस योजना के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य प्राप्त करें। उन्होंने इस अवसर पर किसानों और किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से भावांतर योजना के संबंध में चर्चा की।
आयोजित बैठक में कृषि उप संचालक श्री मोरिस नाथ ने बताया कि भावांतर योजना के तहत जिले में किसानों का पंजीयन 17 अक्टूबर तक कराया जाएगा। इस योजना के तहत किसान 24 अक्टूबर 2025 से 15 जनवरी 2026 तक मंडी में फसल बेच सकेंगे। उन्होंने बताया कि भावांतर योजना के तहत सरकार के द्वारा 5 हजार 328 रुपये न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया गया है। भावांतर योजना के तहत किसानों को 15 दिवस में भावांतर की राशि उनके आधार लिंक बैंक खातों में सीधे अंतरित की जाएगी। उन्होंने इस अवसर ई- उपार्जन अंतर्गत सोयाबीन फसल बुवाई, पोर्टल पर पंजीकृत रकबा, पंजीकृत किसान, उपार्जन की मात्रा, उपार्जन केन्द्रों की संख्या, न्यूनतम समर्थन मूल्य इत्यादि के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भावांतर योजना से किसानों को लाभान्वित करने के लिए बैनर, होर्डिंग, फ्लेक्स, पम्पलेट, रैलियों आदि के माध्यम से व्यापक प्रचार- प्रसार किया जा रहा है।
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