विदिशा ब्लॉक में सोर्टेड सीमेन परियोजना से दो हज़ार पशुपालक लाभान्वित
13 जून 2024, विदिशा: विदिशा ब्लॉक में सोर्टेड सीमेन परियोजना से दो हज़ार पशुपालक लाभान्वित – नाबार्ड द्वारा सहायता प्राप्त सोर्टेड सीमेन परियोजना, किसान उत्पादक संगठन-करीला एग्रो प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड एवं सोलर हाइब्रिड बीएमसी नाबार्ड की सोर्टेड सीमेन परियोजना से विदिशा जिले के विदिशा विकासखंड में लगभग 2000 पशुपालक लाभान्वित हुए हैं।
945 पशुपालकों में तकनीकी क्षमता का विकास- सोर्टेड सीमेन परियोजना के माध्यम से इस क्षेत्र में गिर, साहीवाल, होल्सटीन (एचएफ), जर्सी, मुर्रा मादा पशु उत्पन्न हुए हैं, जिनकी संख्या अभी 700 है। इससे क्षेत्र में दूध उत्पादन में अत्यधिक वृद्धि हुई है। इनका औसत दूध उत्पादन 12 से 15 लीटर तक है। आगामी समय में कुल 2500 कृत्रिम गर्भाधान से और भी उन्नत नस्ल की मादा पशुओं का जन्म होगा। परियोजना में 945 पशुपालकों को पशुपालन की उन्नत तकनीकों जिसमें साइलेज बनाना, अजोला उत्पादन, दवाओं का उपयोग, स्वच्छ दूध उत्पादन की तकनीकी क्षमता विकास की गई है।
करीला कृषक उत्पादक कंपनी का गठन – इस परियोजना के माध्यम से क्षेत्र में अच्छी नस्ल की गाय, भैंस तो पैदा हो रही थी , परंतु यहां पर दूध विक्रय के पर्याप्त इंतजाम नहीं थे। इसी कारण नाबार्ड ने करीला कृषक उत्पादक कंपनी का गठन फरवरी 2022 में बाइफ के माध्यम से किया। यहां बिचौलियों का वर्चस्व था। वे यहाँ के किसानों का दूध मात्र 20-25 प्रति लीटर, बिना फैट की गणना किए ले जाते थे। फिर प्रण लिया और अगले ढाई महीने में श्रीधी ब्रांड की एंट्री इस क्षेत्र में कराई, तत्पश्चात अमूल की एंट्री न केवल इस क्षेत्र में कराई परंतु एफपीओ के कारण अब अमूल पूरे विदिशा जिले में आ गया है।
कम्पनी का टर्नओवर 79 लाख – पहले अमूल भोपाल जिले में ही कार्यरत था। एफपीओ ने ना केवल मिल्क वैल्यू चेन पर काम किया, बल्कि अब वह कुल 9 दुग्ध संग्रह केंद्र चला रहे हैं जिनमें 2 श्रीधी के और 7 अमूल शामिल हैं। फैट के आधार पर एफपीओ द्वारा संचालित इन केन्द्रों पर किसान अपना दूध उचित मूल्य पर विक्रय करते हैं। यहां से दूध का औसत मूल्य 45-48 रुपए हो गया है। फैट के आधार पर यहां के कुछ किसानों का तिरासी रुपए प्रति लीटर का दूध भी विक्रय हो रहा है। एफपीओ में 570 मेम्बर हैं, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सीईओ अन्य बीओडी बहुत मेहनती एवं क्रियाशील हैं। अक्टूबर 2022 से अभी तक इन केंद्रों से 3,32,446 ली. दूध क्रय किया जा चुका है, जिससे करीला किसान उत्पादक कंपनी का टर्नओवर 79 लाख हो गया है। एफपीओ द्वारा किसान मार्ट का शुभारंभ किया गया है। मार्ट के माध्यम से क्षेत्र के पशुपालकों को पशु आहार, मिनरल मिक्सचर, हरे चारे के बीज, पशुओं के लिए कैल्शियम उचित दर पर उपलब्ध करवाए जा जाते हैं।
सौर संचालित बल्क मिल्क कूलर स्वीकृत – इस एफपीओ के कार्य को देखते हुए इनके आय वर्धन के लिए नाबार्ड ने ग्रामीण आधारभूत संरचना संवर्धन निधि (आर आईपीएफ) के अंतर्गत म.प्र. की पहली एफपीओ द्वारा संचालित सौर ऊर्जा से चलने वाला 1000 लीटर का बल्क मिल्क कूलर (बीएमसी) स्वीकृत किया है। इससे दूध के डायरेक्ट मार्केटिंग से एफपीओ को कम से कम 3 से 4 रुपये प्रति लीटर की आय होना प्रारम्भ हो गया है। उक्त बीएमसी की स्थापना से भविष्य में दूध प्रसंस्करण भी सुनिश्चित हो पाएगा। एफपीओ का वित्त पोषण स्टेट बैंक ऑफ इंडिया द्वारा किया गया है।