महिला किसानों के लिए पोकरण में फसल कीट, रोग और आधुनिक कृषि तकनीक पर प्रशिक्षण
20 अगस्त 2025, भोपाल: महिला किसानों के लिए पोकरण में फसल कीट, रोग और आधुनिक कृषि तकनीक पर प्रशिक्षण – कृषि विज्ञान केन्द्र पोकरण पर एलआईसी एचएफएल ह्रदय परियोजना – पोकरण द्वारा एकदिवसीय महिला किसानो के लिए सतत कृषि प्रशिक्षण आयोजित किया गया जिसमे पोकरण क्षेत्र की 80 महिला कृषको ने भाग लिया। एलआईसी एचएफएल ह्रदय परियोजना की फील्ड कोर्डिनेटर श्रीमती सज्जन भाटी ने केन्द्र के अध्यक्ष का स्वागत कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारम्भ किया गया।
केन्द्र के अध्यक्ष डॉ दशरथ प्रसाद ने महिला किसानो को बताया की परम्परागत कृषि के स्थान पर कृषि वैज्ञानिकों की सलाह से तकनीकी खेती करें व नवीन फलदार बगीचा लगाए, साथ ही सब्जियों, फूलों की खेती करें व डेयरी फार्म स्थापित करें। वैज्ञानिक तरीके से तकनीकी खेती करने से ही किसानों की कृषि आय बढ़ेगी। खरीफ फसलों में खरपतवार नियंत्रण एवं वर्मी कम्पोस्ट बनाने, जैविक खेती को अपनाने की सलाह दी। जैविक खेती से मृदा की उर्वरा शक्ति में भी बढ़ोतरी होती साथ ही जैविक खेती से प्राप्त उत्पाद मानव स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते है।
केन्द्र के सस्य वैज्ञानिक डॉ के जी व्यास ने बताया कि किसानों के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही तारबंदी, फव्वारा सयंत्र, सिंचाई पाइपलाइन, कृषि यंत्र, फार्म पौंड, जल हौज, नवीन फलदार बगीचा स्थापना, पोली हॉउस, शेड नेट हॉउस, प्याज हाउस सहित विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाएं तथा आधुनिक तकनीकी के साथ खेती करें। सफेद लट नियंत्रण, फड़का, दीमक सहित खरीफ फसलों में लगने वाले विभिन्न कीट रोगों के नियंत्रण की तकनीकी जानकारी दी गई।
कार्यक्रम में पशुपालन वैज्ञानिक डॉ राम निवास ने बताया कि पशु के शरीर की निर्वहन के लिए एक लिए गाय के लिए 1 किलो प्रतिदिन व भैंस के लिए 1.5 किलो प्रतिदिन दाना देना चाहिए और गाय मे 2.5 लीटर दूध पर तथा भैंस मे 2 लीटर दूध पर 1 किलो संतुलित आहार अतिरिक्त देना चाहिए l पशूओ में जू व चेचड की रोकथाम हेतु साईपरमेथ्रिन दवा से पशुबाड़े का उपचार करना चाहिए। पशुओं में टीकाकरण, थनेला रोग, रखरखाव, सन्तुलित पशु आहार सहित डेयरी फार्म संबंधित जानकारी दी। किसान गोष्ठी में ह्रदय परियोजना से ओमप्रकाश एवं रामस्वरूप ने सहयोग प्रदान किया ।
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