राज्य कृषि समाचार (State News)

अश्वगंधा की कृषि पर आधारित प्रशिक्षण संपन्न

07 मई 2025, गुना: अश्वगंधा की कृषि पर आधारित प्रशिक्षण संपन्न – देवारण्य योजना के अंतर्गत म.प्र.राज्य औषधि पादप बोर्ड, भोपाल के निर्देशानुसार जिला आयुष अधिकारी डॉ.जी.के.धाकड़ मार्गदर्शन में   वन समिति के सदस्यों को ‘एक जिला एक औषधीय पौधा’ योजना के अंतर्गत अश्वगंधा की खेती संबंधी प्रशिक्षण सहभागिता भवन वन मंडल परिसर गुना में प्रदान किया गया।

प्रशिक्षण में मास्टर ट्रेनर डॉक्टर के.एस. गनावे द्वारा अश्वगंधा की कृषि हेतु खेत तैयार करना, पौध तैयार करना, बिजाई, जैविक खाद प्रयोग, कीटनाशक प्रयोग, निंदाई-गुड़ाई, सिंचाई फसल कटाई, उपज भंडारण, प्रसंस्करण, विपणन, फसल चक्र, रासायनिक संगठन उच्च गुणवत्ता तथा उपयोग आदि विषयों पर विस्तार से जानकारी प्रदान की। मास्टर ट्रेनर डॉ. हुकुम सिंह धाकड़ द्वारा देवरण्य योजना अंतर्गत एक जिला एक औषधि पौधा अश्वगंधा के औषधीय गुणों की जानकारी, आयुर्वेदिक यूनानी औषधियों में अश्वगंधा का प्रयोग तथा विभिन्न प्रकार के रोगों में अश्वगंधा के प्रयोग व आयुर्वेदिक योगों के बारे में जानकारी प्रदान की। मास्टर ट्रेनर डॉ. विजय कुमार वर्मा द्वारा वन समिति के सदस्यों को औषधीय पौधे अश्वगंधा की आर्थिक संभावनाओं के बारे में अवगत कराया गया।

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डॉ.धाकड़ ने बताया कि देवारण्य योजना के अंतर्गत जिले मे अश्वगंधा को “एक जिला एक औषधि पौधा” के रूप में चयनित किया गया है, जिसके तहत जिलेभर में अश्वगंधा की खेती को बढ़ावा देने का कार्य किया जा रहा है। कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में औषधीय पौधों की खेती को प्रोत्साहित करना और स्थानीय वन समितियों को सशक्त बनाना है। विशेषज्ञों द्वारा यह भी बताया गया कि अश्वगंधा को मिरेकल प्लांट तथा इंडियन जिनसेंग भी कहते है। जिसकी मांग घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में तेजी से बढ़ रही हैं। प्रशिक्षण में उपस्थित सभी वन समिति सदस्यों को प्रशिक्षण किट एवं प्रमाण पत्र वितरित किए गए।

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